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दिल्ली के लाखों आवारा कुत्तों को कैसे भेजेंगे डॉग शेल्टर होम? एक भी नहीं है

आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि सरकार और एमसीडी आवारा कुत्तों को तत्काल पकड़ना शुरू करें और शेल्टर होम में उनका पुनर्वास करें.

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दिल्ली में कुत्तों के लिए एक भी सरकारी शेल्टर होम नहीं हैं (India Today)

दिल्ली में एक भी सरकारी डॉग शेल्टर होम (Dog Shelter Home) नहीं है. इतना ही नहीं, पूरी दिल्ली में ऐसे सिर्फ 20 नसबंदी केंद्र हैं, जहां पर कुत्तों की नसबंदी की जाती है. MCD (Municipal Corporation of Delhi) के सूत्रों ने इंडिया टुडे को ये जानकारी दी है. ऐसे में सवाल है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कैसे होगा, जिसमें उसने MCD और दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि वह तत्काल आवारा कुत्तों को पकड़ना शुरू करें और उनका पुनर्वास सुनिश्चित करें.

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सुप्रीम कोर्ट ने कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण का आदेश भी दिया है ताकि उनकी आबादी कंट्रोल में रहे. कोर्ट ने बुजुर्गों और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिक बताते हुए कहा है कि ‘किसी भी तरह की भावनाएं’ इस कार्रवाई के आड़े नहीं आनी चाहिए.

डॉग शेल्टर्स पर MCD ने क्या बताया?  

इंडिया टुडे से जुड़े कुमार कुणाल की रिपोर्ट के मुताबिक, MCD के सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में फिलहाल कोई डॉग शेल्टर होम (Dog Shelter Home) नहीं है, जहां पर आवारा कुत्तों का पुनर्वास किया जा सके. रही बात कुत्तों की नसबंदी की तो दिल्ली में सिर्फ 20 नसबंदी केंद्र हैं और उनकी कुल क्षमता 2500 कुत्तों की नसबंदी करने की है.

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सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में अगर आवारा कुत्तों की संख्या कंट्रोल करनी है तो कम से कम 70 फीसदी कुत्तों की नसबंदी करनी होगी, लेकिन MCD के पास जो मौजूदा बुनियादी ढांचा है, उससे इस लक्ष्य को हासिल कर पाना बहुत मुश्किल काम है. 

रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में आवारा कुत्तों की आबादी लगभग 6 लाख है. अगर उनकी आबादी को कम करना है तो एक साल में कम से कम साढ़े 4 लाख कुत्तों की नसबंदी करनी होगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए अगर मौजूदा सुविधाओं के साथ ये अभियान शुरू भी किया गया तो हर साल सिर्फ 1.25 लाख कुत्तों की ही नसबंदी की जा सकेगी.

हालांकि दिल्ली में कुत्तों की नसबंदी की संख्या हर साल बढ़ रही है. MCD के मुताबिक, 

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2022-23 में 59 हजार 76,

2023-24 में 79 हजार 957,

2024-25 में 1 लाख 31 हजार 137,

और 2025-26 में जून तक 31 हजार 888 कुत्तों की नसबंदी हुई है. 

लेकिन ये बढ़ोतरी नसबंदी केंद्रों की संख्या बढ़ने से हुई है और तय लक्ष्य पूरे न होने की वजह से कुत्तों की कुल आबादी हर साल बढ़ती जा रही है.

MCD के पशु चिकित्सा विभाग के पूर्व निदेशक डॉ. वीके सिंह ने कुत्तों की संख्या कम करने के लिए ज्यादा से ज्यादा शेल्टर्स बनाने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा,

दिल्ली में कुत्तों की आबादी काफी बढ़ गई है. उनकी नसबंदी में काफी समय लगेगा इसलिए ज्यादा से ज्यादा डॉग शेल्टर्स का निर्माण कराना होगा. शेल्टर होम भी दो तरह के बनाने होंगे. एक जिसमें नसबंदी वाले कुत्तों को रखा जा सके और दूसरा ऐसे कुत्तों को रखने के लिए जिनकी नसबंदी नहीं हुई है.

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सोमवार, 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में दिल्ली सरकार, MCD और NDMC को 8 हफ्तों के अंदर करीब 5000 कुत्तों के लिए शेल्टर होम बनाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि इन शेल्टर्स में कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए पर्याप्त कर्मचारी होने चाहिए. कोर्ट ने अधिकारियों को इस बुनियादी ढांचे को तैयार करने और नियमित अंतराल पर इसकी संख्या बढ़ाने का आदेश दिया है. 

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