जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार, 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है. इस हमले में 26 लोगों की मौत होने की आशंका जताई जा रही है. अभी तक 16 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित आतंकी संगठन ‘लश्कर-ए-तैयबा’ (LeT) के प्रॉक्सी संगठन ‘दी रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है.
'गोलियों की बौछार से गर्दनें काटेंगे', पहलगाम हमले से कुछ दिन पहले 'लश्कर' ने दी थी धमकी
इस हमले से ठीक कुछ दिन पहले, 18 अप्रैल को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के रावलकोट में ‘लश्कर’ ने एक बड़ी रैली की थी. इंडिया टुडे से जुड़े सुबोध कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक, रावलकोट के खाई गाला इलाके में हुई इस रैली में खुलेआम भारत को धमकी दी गई थी.

लेकिन इससे इतर एक बात यह है कि इस हमले से ठीक कुछ दिन पहले, 18 अप्रैल को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के रावलकोट में ‘लश्कर’ ने एक बड़ी रैली की थी. इंडिया टुडे से जुड़े सुबोध कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक, रावलकोट के खाई गाला इलाके में हुई इस रैली में खुलेआम भारत को धमकी दी गई थी.
‘लश्कर’ कमांडर अबू मूसा ने दी धमकी‘लश्कर’ के सीनियर कमांडर अबू मूसा ने इस रैली में भड़काऊ भाषण देते हुए कहा,
भारत सरकार ने धारा 370 और 35A हटाई, ताकि कश्मीर की आबादी बदली जा सके. मुस्लिम पहचान को मिटाने के लिए, बहुसंख्यक मुस्लिम को अल्पसंख्यक में बदलने के लिए ऐसा किया गया. ऐड़ी-चोटी का जोर लगाया, अपने टैंकों के जरिए, तोपों के जरिए, हेलिकॉप्टर के जरिए, तुमने 10 लाख फौज तैनात कर दी. तुमने सोचा श्रीनगर पुलवामा, पुंछ और राजौरी में राम-राम की गूंज करवाओगे.
अबू मूसा ने कश्मीर की डेमोग्राफी बदलने का दावा करते हुए कहा,
52 लाख डोमिसाइल जारी किए, हाथों में कानूनी पर्ची दी मोदी ने, कि जाओ तुम्हें श्रीनगर में आबाद होना है. राम-राम की आवाज को बुलंद करना है. लश्कर-ए-तैयबा ने इस चैलेंज को कुबूल किया. मोदी, बंद अदालत में तुमने ये किया, कागज तुम्हारा था, जज तुम्हारा था, लेकिन मैदान तो मुजाहिदीन का है. आजमा कर देखो, इंशा अल्लाह, गोलियों की बौछार से हम तुम्हारी गर्दनों को भी काटेंगे और शहीदों की कुर्बानियों की लाज भी रखेंगें.
अपने भाषण के आखिर में अबू मूसा ने कहा, “पांचवां साल है, ना एक कॉलोनी बना सके ना आबाद कर सके. बल्कि मोदी को जाकर कहा कश्मीर में हमारी जान को खतरा है. जब तक वहां खतरा खत्म नहीं होता, हम कश्मीर में आबाद होने के लिए तैयार नहीं. कश्मीर और फिलिस्तीन मसले का हल जिहाद की तलवार है.”
अबू मूसा खुद को जम्मू कश्मीर यूनाइटेड मूवमेंट (JKUM) नेता बताता है. भारत की खुफिया एजेंसियों ने इस वीडियो को कंफर्म किया है. इस रैली की टाइमिंग गौर करने लायक है. 18 अप्रैल को PoK में भारत को धमकी दी गई और 22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों पर हमला हुआ.
‘लश्कर’ ने यह रैली मारे गए दो आतंकियों- आकिफ हलीम और अब्दुल वहाब की याद में निकाली थी. इसे एक 'श्रद्धांजलि सम्मेलन' बताया गया था. राष्ट्रीय राइफल्स की 21वीं बटालियन ने 17 मार्च को कुपवाड़ा में आकिफ हलीम को मार गिराया था. 24 अप्रैल, 2024 को अब्दुल वहाब सोपोर में भारतीय सेना के ऑपरेशन ऑल-आउट में मारा गया था. ये दोनों PoK में एक ही फैमिली से ताल्लुक रखते हैं.
पाकिस्तान की छत्रछाया में रैली?रिपोर्ट के मुताबिक खुफिया सूत्रों की मानें तो इस रैली को पाकिस्तानी प्रशासन की ओर से सुरक्षा मिली. मंच पर ‘लश्कर’ के कई लीडर मौजूद थे. उन्होंने खुलेआम भारत के खिलाफ जहर उगला और आगे और हमलों की धमकी दी. पाकिस्तानी पुलिस या सेना ने इस आयोजन को रोकने की कोई कोशिश नहीं की, जबकि वहां खुलेआम आतंक फैलाने की बातें की जा रही थीं.
अबू मूसा की धमकियों के बाद घुसपैठ की आशंका बढ़ गई है. गर्मियों में कश्मीर में पारंपरिक घुसपैठ वाले रास्तों, खासकर कुपवाड़ा, पुंछ और राजौरी से आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशें तेज होने का खतरा है.
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