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कर्नाटक के मंत्री केएन राजन्ना का इस्तीफा, 'वोट चोरी' पर कांग्रेस को ही फंसा दिया था

Karnataka के मंत्री KN Rajanna ने खुले तौर पर स्वीकार किया था कि कांग्रेस सरकार के दौरान Voter Lists में गड़बड़ियां हुईं. उन्होंने कहा कि एक ही व्यक्ति का नाम तीन अलग-अलग जगहों पर था, जिससे वो कई बार वोट डाल सकता था.

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के साथ केएन राजन्ना. (facebook.com/KNRajannaOfficial)

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री केएन राजन्ना ने इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ‘चुनाव में गड़बड़ी’ का आरोप लगाते हुए 'वोट चोरी' का कैंपेन चला रहे हैं. लेकिन राजन्ना ने वोटर लिस्ट में कथित गलती का ठीकरा अपनी ही कांग्रेस सरकार पर फोड़ दिया. इसके बाद दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें हटाने का फैसला किया.

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, 'वोट चोरी' पर केएन राजन्ना के बयानों से कांग्रेस के कई सीनियर नेताओं में नाराजगी थी. इनमें पार्टी प्रेसिडेंट मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी भी शामिल हैं. ये दोनों नेता खुद जोर-शोर से पूरे देश में 'वोट चोरी' का मुद्दा उठा रहे हैं. ऐसे में अपनी ही पार्टी के मंत्री के बयान से कांग्रेस के लिए असहज की स्थिति पैदा हो गई थी.

कांग्रेस हाईकमान के आदेश के बाद सोमवार, 11 अगस्त को केएन राजन्ना ने अपनी इस्तीफा मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को सौंप दिया. सीएम ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर राज्यपाल को भेज दिया.

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दरअसल, राजन्ना ने खुले तौर पर स्वीकार किया था कि कांग्रेस सरकार के दौरान मतदाता सूची में गड़बड़ियां हुईं और उनकी निगरानी ठीक से नहीं की गई. उन्होंने कहा कि एक ही व्यक्ति का नाम तीन अलग-अलग जगहों पर था, जिससे वो कई बार वोट डाल सकता था.

राजन्ना ने बताया कि कुछ इलाकों में बहुत कम लोग रहते हैं, फिर भी वहां संदिग्ध नाम दर्ज थे. उन्होंने कहा, "यह हमारे लिए शर्म की बात है कि हमने इसकी निगरानी नहीं की."

राजन्ना ने चुनाव आयोग पर भी आरोप लगाया कि उसने वोटर लिस्ट में गलत तरीके से बदलाव किए, जिससे प्रधानमंत्री को फायदा हुआ. उन्होंने माना कि कांग्रेस समय पर आपत्ति दर्ज कराने में नाकाम रही और अब सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं.

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बीजेपी का कांग्रेस पर हमला

केएन राजन्ना के इस्तीफे पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस को घेर लिया. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा,

"राहुल गांधी के फर्जी वोट चोरी अभियान को एक और झटका देते हुए, कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना, जो एक बड़े वाल्मीकि नेता हैं और सिद्दारमैया के करीबी माने जाते हैं, ने स्वीकार किया कि ‘वोटर लिस्ट कांग्रेस के कार्यकाल में तैयार की गई थीं’.

उन्होंने यह भी पूछा कि जब ये लिस्ट कांग्रेस के शासन में तैयार की गई थीं, तब किसी ने आवाज क्यों नहीं उठाई.

राहुल गांधी के तर्कों की खामियों को उजागर करने और आईना दिखाने की हिम्मत दिखाने के लिए राजन्ना को अब इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा है."

वहीं, केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा,

यह एक अनुसूचित जनजाति मंत्री को सच बोलने का इनाम है. कांग्रेस सच्चाई से डरती है और 'वोट चोरी' के झूठे आरोपों के पीछे छिपती है. राहुल गांधी के बेबुनियाद 'वोट चोरी' के दावों पर सवाल उठाने के कारण मंत्री केएन राजन्ना को इस्तीफा देना पड़ा है. राजन्ना ने सही पूछा, "अगर अनियमितताएं हुईं, तो हमारी ही सरकार में हुईं. तब चुप्पी क्यों थी?"

केएन राजन्ना का कांग्रेस में पहले से विवाद

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, केएन राजन्ना जून से ही पार्टी लाइन से अलग बयान दे रहे थे. यहां तक कि राजन्ना कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) का अध्यक्ष बदलने की बात भी कर चुके थे, जिसपर डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार काबिज हैं.

उन्होंने कहा था कि सितंबर के बाद कर्नाटक में 'राजनीतिक बदलाव' होंगे. राजन्ना ने पार्टी के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला पर भी आरोप लगाया था कि उन्होंने अधिकारियों से अवैध मुलाकात की, जिसे डीके शिवकुमार ने पूरी तरह झूठ बताया.

अब 'वोट चोरी' पर उनके बयान के बाद सोमवार को विधानसभा में हंगामा हुआ और बीजेपी ने सरकार से सफाई मांगी. यह विवाद ऐसे समय पर हुआ जब राहुल गांधी चुनाव आयोग पर पूरी तरह हमलावर हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि आयोग ने डिजिटल वोटर लिस्ट और मतदान केंद्रों के वीडियो फुटेज इसलिए नहीं दिए, ताकि बीजेपी के कथित चुनावी हेराफेरी के सबूतों को छुपाया जा सके.

वीडियो: संसद में आज: राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोप पर सरकार की क्या प्रतिक्रिया आई? प्रियंका गांधी ने पूछे तीखे सवाल

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