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कर्नाटक में महिलाओं को हर महीने मिलेगी पीरियड लीव, प्राइवेट कंपनी वालों को भी देनी होगी छुट्टी

कर्नाटक में सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाली महिलाओं को एक दिन की पीरियड लीव मिलेगी.

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कर्नाटक सरकार ने मासिक धर्म अवकाश 2025 लागू करने का लिया फैसला. (फोटो- इंडिया टुडे)

लड़कियों और महिलाओं को हर माह पीरियड्स के दर्द से गुजरना पड़ता है. कुछ महिलाओं को दर्द इतना ज्यादा होता है कि रोज़मर्रा के कामों में भी आसान नहीं होते. ऐसे में कर्नाटक सरकार नें पीरियड्स को लेकर एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है. सरकार राज्य में मासिक धर्म अवकाश नीति (MLP) 2025 लागू करने का प्लान बना रही है.

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न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के सरकारी और निजी, दोनों ही क्षेत्रों में महिलाओं को हर महीने पेड लीव देना अनिवार्य करने वाली है. इस नीति का पालन राज्य के सभी क्षेत्रों में काम करने वालों लोगों को करना होगा.

ऐसी उम्मीद है कि गुरुवार, 9 अक्टूबर को कर्नाटक सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक में इस नीति पर चर्चा हो सकती है. इसके साथ ही मासिक धर्म अवकाश नीति (MLP) 2025 को मंजूरी भी दी जा सकती है.

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लेबर डिपार्टमेंट ने मासिक धर्म अवकाश नीति (MLP) 2025 के लिए एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल की मांग की है. जिससे वह राज्य के सभी क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं के एक दिन का पेड लीव मुहैया करा सके. इनमें सरकारी, निजी, कपड़ा बनाने वाली फैक्ट्रियां, मल्टी नेशनल कंपनी, IT सेक्टर और राज्य में काम करने वाली अन्य कंपनियां शामिल हैं.

केरल ने राज्य में ITI संस्थानों में ट्रेनिंग करने वाली महिलाओं के लिए दो दिन के मासिक धर्म अवकाश देने की शुरुआत की है. बिहार और ओडिशा जैसे राज्यों में भी महिलाओं के लिए साल में 12 मासिक धर्म अवकाश है, लेकिन यह नीति केवल उन महिलाओं के लिए है, जो उनके राज्य सरकार में काम करती हैं.

न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कर्नाटक के श्रम मंत्री संतोष लाड ने बताया,

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'कर्नाटक इस मासिक धर्म अवकाश नीति (MLP) 2025 को बड़े पैमाने पर लागू करने वाला पहला राज्य होगा. यह नीति सरकारी और निजी दोनों ही क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं पर लागू होगा.'

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लाड ने बताया कि 

2024 में कर्नाटक सरकार ने राज्य में महिलाओं को साल भर में 6 मासिक धर्म अवकाश देने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन अब 12 अवकाश देने पर जोर दिया जा रहा है. शुरुआत में छ: दिनों के अवकाश पर चर्चा हो रही थी, लेकिन कई लोगों ने तर्क दिया कि इससे उद्देश्य पूरा नहीं हो पाएगा. मैं जानता हूं कि महिलाएं इस अवस्था में कैसे शारीरिक और मानसिक तनाव से गुजरती हैं. आज के समय में महिलाएं लगभग हर क्षेत्र में कार्यरत है. यह नीति महिलाओं को मदद करने वाली होगी. मैं उम्मीद करता हूं कि गुरुवार को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में इस नीति को मंजूरी मिल जाए.

कर्नाटक के पहले भी दुनियाभर में ऐसे कई देश हैं, जिन्होंने अपने देश की महिलाओं के लिए मासिक धर्म अवकाश नीति लागू किया है. ग्लोबल वुमन लीडर की एक रिपोर्ट के अनुसार, 'इंडोनेशिया, जापान, साउथ कोरिया, स्पेन, ताइवान, वियतनाम और जाम्बिया जैसे देशों में महिलाओं को मासिक धर्म अवकाश दिया जाता है.'

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