जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir Flood) में आई भारी बाढ़ के कारण आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है. इसके चलते अदालतों का कामकाज भी प्रभावित हुआ है. अनंतनाग जिला कोर्ट परिसर पानी में डूब गया. हालात कुछ ऐसे बने कि प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज ताहिर खुर्शीद रैना (Judge Tahir Khursheed Raina) को नाव से कोर्ट पहुंचना पड़ा.
पूरे कोर्ट में भरा पानी फिर भी इन जज साहब ने हार नहीं मानी, नाव लेकर पहुंचे और की सुनवाई
जम्मू-कश्मीर में Judge Tahir Khursheed Raina ने कहा कि Natural Disaster के दौरान भी न्याय तक लोगों की पहुंच बाधित नहीं होनी चाहिए. Judiciary को इस मुश्किल घड़ी में आगे आना होगा. बाढ़ ने कोर्ट परिसर को भले ही डुबो दिया हो, लेकिन न्याय को नहीं डूबना चाहिए.


बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, अनंतनाग जिला कोर्ट में बाढ़ के पानी के चलते न्यायिक कामकाज ठप हो गया है. कोर्ट रूम, ऑफिस और रिकॉर्ड रूम में भी पानी घुस आया है. लेकिन जज ताहिर खुर्शीद रैना इन परिस्थितियों में भी कोर्ट पहुंचे.
इस दौरान ताहिर खुर्शीद रैना ने पानी से घिरे कोर्ट परिसर में जरूरी कार्यवाही की. उन्होंने तुरंत रिमांड और जमानत से जुड़े मामलों पर पुलिस अधिकारियों को जरूरी निर्देश जारी किए. साथ ही उन्होंने न्यायिक रिकॉर्ड की सुरक्षा का जायजा लेने के लिए जलमग्न परिसर का दौरा भी किया. बार एंड बेंच से बात करते हुए जज रैना ने कहा,
प्राकृतिक आपदा के दौरान भी न्याय तक लोगों की पहुंच बाधित नहीं होनी चाहिए. न्यायपालिका को इस मुश्किल घड़ी में आगे आना होगा. बाढ़ ने कोर्ट परिसर को भले ही डुबो दिया हो, लेकिन न्याय को नहीं डूबना चाहिए.
प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज ताहिर खुर्शीद रैना के साथ चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फिरोज अहमद खान भी कोर्ट पहुंचे थे. कोर्ट से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ के कारण नियमित कार्यवाही स्थगित कर दी गई है, लेकिन रिकॉर्ड्स की सुरक्षा और अर्जेंट मामलों के समाधान के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जा रहे हैं. अनंतनाग कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले एक वकील ने बताया,
बाढ़ प्रभावित कोर्ट परिसर में प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज के नाव से आने का दृश्य प्रतिकूल परिस्थितियों में भी न्याय को कायम रखने के न्यायपालिका के संकल्प का प्रतीक बन गया है.
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वायुसेना ने संभाला रेस्क्यू का मोर्चाजम्मू कश्मीर में बाढ़ के कारण हालात खराब हैं. कई जगह लैंडस्लाइड के कारण सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिसकी वजह से रेस्क्यू में जुडी सेना को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. अब भारतीय वायु सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है. वायुसेना ने रेस्क्यू के लिए अपनी हेलिकॉप्टर फ्लीट को एक्टिव कर दिया है. वायुसेना ने पांच एमआई-17 के साथ ही एक चिनूक हेलिकॉप्टर को रेस्क्यू में लगा दिया है.
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