गीतकार और स्क्रिप्ट राइटर जावेद अख्तर (Javed Akhtar) का कहना है कि अगर उन्हें कभी जहन्नुम यानी नरक और पाकिस्तान में से एक चुनना हो, तो वो नरक चुनेंगे. उन्होंने ये भी बताया कि अपनी बातों को लेकर उन्हें दोनों तरफ़ के चरमपंथियों से गालियां और आलोचनाएं सुनने को मिलती हैं. उन्होंने और क्या-क्या कहा? आइये जानते हैं.
'मुझे नरक और पाकिस्तान में से एक को चुनना पड़े तो मैं... ' जावेद अख्तर ने ट्रोल्स को दे दिया जवाब
Pahalgam Terror Attack और Operation Sindoor के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच हालात तनाव वाले हो गए हैं. इस बीच, Javed Akhtar ने उन लोगों को जवाब दिया है जो उनसे पाकिस्तान चले जाने की बात कहते है.

जावेद अख़्तर शनिवार, 17 मई को संजय राउत की किताब 'नरकतला स्वर्ग (नरक में स्वर्ग)' के विमोचन कार्यक्रम में पहुंचे हुए थे. इस दौरान उन्होंने कहा,
होता ये है कि अगर आप सिर्फ एक पक्ष की तरफ़ से बोलते हैं, तो आप सिर्फ़ एक पक्ष को ही दुखी करते हैं. लेकिन अगर आप सबके लिए बोलते हैं. तो आप बहुत सारे लोगों को दुखी करते हैं. मैं आपको अपना ट्विटर (अब X) और वॉट्सऐप दिखा सकता हूं, जिसमें दोनों तरफ़ से मुझे गालियां दी जाती हैं. बहुत सारे लोग मेरी सराहना भी करते हैं, मेरी तारीफ़ करते हैं और मेरा हौसला बढ़ाने में मेरी मदद भी करते हैं. लेकिन ये भी सच है कि दोनों तरफ के कट्टरपंथी मुझे गालियां देते हैं. ऐसा ही होना चाहिए. क्योंकि अगर एक पक्ष रुक गया, तो मुझे आश्चर्य होने लगेगा कि मैं क्या ग़लत कर रहा हूं.
जावेद अख़्तर ने चुटकी लेते हुए आगे कहा,
एक पक्ष मुझसे कहता है कि तुम 'काफिर' हो और तुम्हें 'जहन्नुम' (नरक) जाना होगा. दूसरा पक्ष कहता है कि तुम जिहादी हो और तुम्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए. अब, अगर मेरे पास सिर्फ़ यही दो विकल्प हैं, तो मैं नरक में जाना पसंद करूंगा.
बता दें कि पहलगाम आंतकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं.
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बताते चलें, संजय राउत की किताब 'नरकतला स्वर्ग' आर्थर रोड जेल में बिताए गए उनके तीन महीनों की याद दिलाती है. उन्हें ED ने पात्रा चॉल पुनर्विकास प्रोजेक्ट में कथित वित्तीय अनियमितताओं के लिए गिरफ़्तार किया था. बाद में उन्हें ज़मानत पर रिहा कर दिया गया.
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