उत्तर प्रदेश के उन्नाव, बरेली, कौशांबी, लखनऊ, महाराजगंज जैसे जिलों में 'I Love Muhammad' के पोस्टर के साथ रैलियां निकल रही हैं. उत्तराखंड के काशीपुर, तेलंगाना के हैदराबाद और महाराष्ट्र के नागपुर समेत देश के कई शहरों में भी 'I Love Muhammad' के समर्थन में मुस्लिम समाज सड़कों पर उतर आया है. जगह-जगह जुलूस निकाले जा रहे हैं. इस दौरान कई जगह पुलिस और मुस्लिम समाज का आमना-सामना भी हुआ है.
'I Love Muhammad' विवाद की पूरी कहानी, कानपुर की 'नई परंपरा' देशभर में कैसे फैली?
Kanpur ्में 'I Love Muhammad' साइन बोर्ड को लेकर विवाद शुरू हुआ, तो पुलिस मौके पर पहुंच गई और हिंदू और मुस्लिम पक्ष के बीच समझौता करवा दिया. लेकिन बाद में पुलिस ने एक FIR दर्ज की, जिसका विरोध हो रहा है.


इंडिया टुडे से जुड़े समर्थ श्रीवास्तव के मुताबिक, यूपी के उन्नाव में ऐसे ही एक जुलूस के दौरान पुलिस पर पथराव का आरोप सामने आया है. यहां महिलाओं ने कथित तौर पर पुलिस की लाठियां छीनीं और उसकी गाड़ियों को निशाना बनाकर पथराव किया. सवाल ये है कि अचानक 'I Love Muhammad' को लेकर मुस्लिम समाज जुलूस क्यों निकाल रहा है? आखिर ऐसा क्या हुआ, जो मुसलमान 'I Love Muhammad' पोस्टर लेकर सड़कों पर आ रहे हैं?
रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरे विवाद की पटकथा उत्तर प्रदेश के कानपुर में लिखी गई. यहां बारावफात के जुलूस के दौरान 'I Love Muhammad' के साइन बोर्ड पर ऐसा विवाद हुआ, जिसका असर अब यूपी समेत देश के अलग-अलग शहरों में दिखने लगा है.
'I Love Muhammad' को लेकर पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक विवाद हुआ. ये मामला 5 सितंबर के दिन सामने आया था. कानपुर के रावतपुर में बारावफात जुलूस निकाला जा रहा था. जिस रास्ते पर जुलूस निकाला जा रहा था, उसी रास्ते पर एक जगह 'I Love Muhammad' का साइन बोर्ड लगा दिया गया. इसको लेकर हिंदू पक्ष के कुछ लोगों ने विरोध किया और आरोप लगाया कि यहां ‘नई परंपरा’ शुरू की जा रही है. कानपुर में ये बवाल बढ़ता, उससे पहले पुलिस सक्रिय हो गई.
पुलिस ने कराया था समझौता
'I Love Muhammad' साइन बोर्ड को लेकर विवाद शुरू हुआ, तो पुलिस मौके पर पहुंच गई और दोनों पक्षों में समझौता करवा दिया. कानपुर पुलिस के डीसीपी (पश्चिम) दिनेश त्रिपाठी के मुताबिक, सरकार का नियम है कि जुलूस में किसी तरह की नई परंपरा नहीं डाली जाएगी. आरोप है कि बारावफात के जुलूस के दौरान कुछ लोगों ने नई परंपरा डालते हुए परंपरा वाली जगह से टेंट हटाकर नई जगह लगाया और 'I Love Muhammad' का पोस्टर भी लगाया.
डीसीपी (पश्चिम) दिनेश त्रिपाठी के मुताबिक, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर विवाद का खात्मा किया और पुरानी परंपरा वाली जगह पर ही टेंट और साइन बोर्ड लगवा दिया. इस दौरान डीसीपी ने साफ किया कि 'I Love Muhammad' को लेकर कोई भी केस दर्ज नहीं किया गया है.
एक-दूसरे के पोस्टर फाड़ने के आरोप
इस बीच कानपुर में मुस्लिम पक्ष ने आरोप लगाया कि उसके साइन बोर्ड को ‘फाड़’ दिया गया था. हिंदू पक्ष ने भी आरोप लगाया कि मुस्लिम पक्ष के जुलूस में शामिल लोगों ने उनके 'धार्मिक पोस्टर फाड़े’. पुलिस के बीच-बचाव करने के बाद ऐसा लगा कि मामला शांत हो गया, पर तभी एक नई घटना सामने आ गई.
कानपुर पुलिस की FIR के बाद शुरू हुआ बवाल
इस मामले में ट्विस्ट तब आया जब कानपुर पुलिस ने 9 सितंबर को दो दर्जन से ज्यादा लोगों पर केस दर्ज कर दिया. ये केस बारावफात के जुलूस के दौरान 'I Love Muhammad' नाम के बोर्ड बनाकर नई परंपरा शुरू करने औऱ सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में दर्ज किया गया. रिपोर्ट में बताया गया है कि कानपुर के रावतपुर थाना क्षेत्र के इस मामले में 9 नामजद और 15 अज्ञात लोगों पर केस किया गया.
ओवैसी के X पोस्ट के बाद ट्रिगर हुआ मामला
15 सितंबर को AIMIM चीफ और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक X पोस्ट को कोट करते हुए पोस्ट लिखी. इसमें उन्होंने कानपुर पुलिस को टैग करते हुए लिखा,
"I LOVE MOHAMMAD ये जुर्म नहीं है. अगर है तो इसकी हर सजा मंजूर है."

ओवैसी ने जिस X पोस्ट को कोट किया, उसमें भी दावा किया गया था कि मुस्लिम पक्ष की ओर से कथित तौर पर नई परंपरा शुरू करने को लेकर पुलिस ने केस किया है.
कानपुर पुलिस ने अलग कहानी बताई
वहीं, कानपुर पुलिस ने दावा किया है कि 'I Love Muhammad' के लिखने या बैनर लगाने पर कोई FIR नहीं की गई, बल्कि परंपरागत जगह से अलग हटकर नई जगह पर बैनर लगाने और जुलूस निकालने के दौरान इस (मुस्लिम) पक्ष के द्वारा दूसरे पक्ष (हिंदू) का बैनर फाड़ने पर हुई है. कानपुर पुलिस ने अपील की कि इस संबंध में कोई गलतफहमी ना फैलाई जाए. कानपुर पुलिस के इस X पोस्ट को यहां नीचे देखा जा सकता है.
कानपुर पुलिस की सफाई जब तक आती, तब तक देशभर में 'I Love Muhammad' हैशटैग ट्रेंड करने लगा. देश में जगह-जगह मुस्लिम समाज इसके समर्थन में जुलूस निकाल रहा है. ऐसा ही जुलूस यूपी के उन्नाव में भी निकाला गया, जिस दौरान टकराव देखने को मिला है.
पूरे मामले पर सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) और विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (SP) आमने-सामने है. SP प्रवक्ता अमीक जामेई ने कहा कि यह पूरी तरह से पुलिस की नाकामी है. उन्होंने कहा कि चाहे 'आई लव श्री राम' हो और 'आई लव मुहम्मद' हो, बोलने की आजादी होनी चाहिए.
वहीं, BJP प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि यूपी में कोई पुलिस की वर्दी को हाथ लगाएगा या कानून भंग करने की कोशिश करेगा तो तुरंत कार्रवाई होगी. मुस्लिम पक्ष FIR वापस लेने की मांग कर रहा है.
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