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1.17 करोड़ की बोली लगाकर 'HR88B8888' नंबर जीता था, लेकिन नंबर प्लेट घर नहीं ला सकेंगे

हरियाणा में एक नीलामी के दौरान कार का नंबर 'HR88B8888' 1.17 करोड़ रुपये में बिका. लेकिन बोली जीतने वाले जनाब को ये नंबर अब नहीं मिल सकेगा. वजह उन्होंने खुद बताई है.

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कार का नंबर 1.17 करोड़ का था (प्रतीकात्मक तस्वीर, Credit: Gemini)

एक इंसान अपनी गाड़ी पर कितना खर्च कर सकता है? इसका जवाब देना काफी मुश्किल है. क्योंकि गाड़ी लेने के बाद भी उसमें करोड़ों खर्च किए जा सकते हैं. कोई गाड़ी पर हीरे जड़वा ले रहा है, तो कोई सोने के प्लेटिंग करवा ले रहा है. लेकिन एक चीज, जिसे स्टेटस सिंबल के तौर पर सबसे अधिक देखा जाता है वो है गाड़ी का नंबर. ऐसा माना जाता है कि जितनी महंगी कार हो, उतना ऊंचा स्टेटस और उसपर लगा यूनिक नंबर माने सोने पर सुहागा. ऐसा ही एक धाकड़ नंबर हरियाणा में देखने को मिला. यहां एक ऑक्शन (नीलामी) के दौरान कार का नंबर ‘HR88B8888’ 1.17 करोड़ रुपये में बिका. लेकिन बोली जीतने वाले जनाब इसके पैसे नहीं भर पाए. कारण बताया 'टेक्निकल ग्लिच'.

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हरियाणा ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में हर हफ्ते VIP या फैंसी नंबर प्लेट्स की नीलामी ऑनलाइन होती है. प्रोसेस एकदम सिंपल है. शुक्रवार शाम 5 बजे से सोमवार सुबह 9 बजे तक आप fancy.parivahan.gov.in पोर्टल पर अपनी पसंद का नंबर चुनो. फिर बोली लगाओ, और बुधवार शाम 5 बजे रिजल्ट, कौन जीता कौन हारा.

बेस प्राइस 50 हजार था

इस बार की नीलामी में सबसे खास नंबर था 'HR88B8888'. इस नंबर पर 45 लोग दांव लगा रहे थे. बेस प्राइस (बोली शुरु होने की कीमत) 50 हजार रुपये था. लेकिन VIP नंबर का जुनून ऐसा हावी हुआ कि दोपहर 12 बजे तक बोली 88 लाख तक पहुंच गई, और शाम तक ये 1.17 करोड़ पर आकर रुकी. बोली जीती Romulus Solutions Private Limited नाम की एक ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज के डायरेक्टर सुधीर कुमार ने.

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इस खास नंबर  'HR88B8888' को देखें तो इसमें ‘HR’ हरियाणा माने राज्य का कोड है. ‘88’ नंबर का मतलब RTO से है. 'B' सीरीज कोड है और ‘8888’ आखिरी नंबर. इस नंबर प्लेट पर 'B' को देेखें तो वैसा ही लगता है जैसे आठ. पूरा नंबर '88888888' जैसा फील देता है. हरियाणा में हमेशा ऐसे फैंसी नंबर्स की होड़ लगी रहती है.

पैसे को लेकर अब क्या कहा?

1.17 करोड़ रुपये देने की डेडलाइन 1 दिसंबर, दोपहर 12 बजे तक थी. बोली लगाने वाले कुमार ने एनडीटीवी से कहा कि उन्होंने 29 नवंबर की रात दो बार बोली की रकम जमा करने की कोशिश की, लेकिन टेक्निकल गड़बड़ी की वजह से वे फेल हो गए. लिहाजा अब ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट इस नंबर की फिर से बिडिंग करेगा.

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