पोंजी स्कीम (Ponzi Scheme) के ज़रिए 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी की आरोपी नोहेरा शेख (Heera Group Nowhera Shaik Arrested) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. हैदराबाद सेंट्रल क्राइम स्टेशन (CCS) पुलिस ने उसे हरियाणा के सूरजकुंड से पकड़ा है. उसे वापस हैदराबाद ले जाया गया है. वह लंबे वक्त से कई तारीखों पर कोर्ट में पेश नहीं हो रही थी. पुलिस काफी वक्त से उसकी तलाश में थी. नोहेरा हीरा ग्रुप ऑफ कंपनीज की फाउंडर और MD है.
पोंजी स्कीम से ठगे 5000 करोड़, हीरा ग्रुप की CEO नोहेरा शेख सूरजकुंड के होटल में पकड़ी गई
Nowhera Shaik सूरजकुंड के होटल में अपने परिवार के साथ छिपी हुई थी. पुलिस काफी वक्त से उसकी तलाश में थी. इस साल की शुरुआत में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नोहेरा शेख और हीरा ग्रुप से जुड़ी लगभग 400.06 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क किया था.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलवार 27 मई को नोहेरा को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस सूरजकुंड के सरोवर पोर्टिको होटल पहुंची थी. यहां वह अपने परिवार के साथ होटल के दो कमरों में 24 मई से रुकी हुई थी. टीम ने पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार किया और पास के सूरजकुंड थाना लेकर गई. गिरफ्तार करने के बाद देर रात की फ्लाइट से उसे हैदराबाद वापस ले जाया गया.
द हिंदू की रिपोर्ट में CCS की डिप्टी कमिश्नर एन. श्वेता के हवाले से बताया गया कि शेख पर 2019 में एक और 2025 में दो केस दर्ज हुए थे. लेकिन वह इन तीनों मामलों में नामपल्ली सेशन कोर्ट के सामने पेश नहीं हुई. बार-बार पेश न होने के चलते कोर्ट ने इसी साल 29 अप्रैल को उसके खिलाफ तीन गैर-जमानती वॉरंट (NBW) जारी किए गए. इसके बाद वह हैदराबाद से भाग गई.
शेख को बुधवार 28 मई को नामपल्ली सेशन कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने यहां से उसे 3 जून तक के लिए ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया है. इस साल की शुरुआत में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शेख और हीरा ग्रुप से जुड़ी लगभग 400.06 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क किया था. ED ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं के तहत की थी.
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि नौहरा शेख पर करोड़ों रुपये के हीरा गोल्ड फ्रॉड केस में कई मामले दर्ज हैं. पहली बार उसे 2018 में गिरफ्तार किया गया था. लेकिन बाद में ज़मानत मिल गई थी. आरोप है कि उसने पोंजी स्कीम के तहत हज़ारों लोगों से ठगी की. लोगों को हीरा गोल्ड, टेक्सटाइल्स जैसी अन्य कंपनियों में हर महीने 36 फीसदी तक मुनाफे का लालच दिया जाता था. उसकी कंपनी में साउथ एशिया और मिडल ईस्ट के देशों से भी काफी संख्या में लोगों ने निवेश किया था.
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