आंध्र प्रदेश से एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसे पूरी व्यवस्था की पोल खोल दी है. ये वीडियो मन्यम जिले के गुम्मालाक्षीपुरम नामक गांव का है. यहां 65 साल की एक महिला रदम्मा की इलाज के दौरान भद्रगिरी हॉस्पिटल में मौत हो गई. रदम्मा गंभीर रूप से बीमार थीं. लेकिन डॉक्टर उन्हें नहीं बचा सके. इसके बाद जब शव को ले जाने की बात आई तो कायदे से तो अस्पताल को एक एंबुलेंस की व्यवस्था करनी चाहिए थी. लेकिन, कथित तौर पे अस्पताल इसमें भी नाकाम रहा. परिवार के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वो किसी प्राइवेट वाहन का खर्च दे पाएं. लिहाजा परिवार ने रदम्मा का शव एक कूड़ा गाड़ी में रखा और उसी से उसे गांव वापस ले गए. इसी का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
अस्पताल में नहीं मिली एंबुलेंस, कूड़े के ठेले में ले गए शव, वीडियो ने सिस्टम की कलई खोल दी
परिवार के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वो किसी प्राइवेट गाड़ी का खर्च दे पाएं. इसलिए शव को एक कूड़ा गाड़ी से गांव वापस ले गए.
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इस वीडियो के सामने आने के बाद से स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा है. न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय लोगों ने अधिकारियों पर घोर लापरवाही और गरीबों के प्रति उदासीनता का आरोप लगाया है. गांव के निवासियों ने कहा कि मृतकों को ले जाने जैसी बुनियादी सुविधाओं की ऐसी कमी प्रशासनिक विफलता को दर्शाती है. अब तक ये देखने में आता था कि अस्पताल में सुविधाओं की कमी है. मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा, या एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंच पा रही. लेकिन आंध्र प्रदेश का भद्रगिरी अस्पताल तो मौत के बाद अंतिम बार भी एंबुलेंस नहीं दे सका. और 65 साल की एक महिला का शव कूड़े की गाड़ी पर रख कर ले जाया गया. किसी ने इस दौरान वीडियो बना कर इंटरनेट पर भी डाल दिया.
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वीडियो पर लोग गुस्से और निराशा से भरे रिएक्शन दे रहे हैं. कई लोग जहां अस्पताल प्रशासन की उदासीनता पर सवाल खड़े कर रहे हैं, वहीं कई लोग इस मामले में जवाबदेही तय करने की मांग भी कर रहे हैं. लोगों ने तत्काल कार्रवाई और जवाबदेही की मांग की है, और सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि सरकारी अस्पतालों में जरूरी एंबुलेंस सेवाएं हों ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.
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