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Air Purifier पर GST घटाने को राज़ी नहीं सरकार, दिल्ली HC में तगड़ी बहस हुई

Delhi High Court ने GST काउंसिल को जल्द बैठक करके एयर प्यूरीफायर पर 18 फीसदी GST को घटाकर 5 फीसदी या पूरी तरह से खत्म करने पर विचार करने को कहा था. सरकार ने इसका विरोध किया है.

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दिल्ली हाईकोर्ट ने एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी घटाने को कहा था. (इंडिया टुडे)

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) और केंद्र सरकार एयर प्यूरीफायर को सस्ता करने वाली जनहित याचिका पर आमने सामने आ गए हैं. याचिका में एयर प्यूरीफायर (Air Purifier) को मेडिकल डिवाइस घोषित करने उस पर GST दर 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने की मांग की गई थी. केंद्र सरकार ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में कोई भी न्यायिक आदेश ज्यूडिशियरी द्वारा लेजिस्लेटिव के क्षेत्र में दखल जैसा होगा. और यह पावर ऑफ सेपरेशन का प्रावधान करने वाले संविधान के बेसिक स्ट्रक्चर के खिलाफ होगा.

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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक,  केंद्र सरकार का पक्ष रखने वाले एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एन. वेंकटरमन ने केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए याचिका की मंशा पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा,

 GST की दरों में बदलाव एक नीतिगत फैसला है जो पूरे देश के राज्यों की सहमति (GST Council) से लिया जाता है. इस प्रक्रिया को अदालती कार्यवाही के माध्यम से कैसे रोका जा सकता है?

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इससे पहले, 24 दिसंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया था कि दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए GST काउंसिल की वर्चुअल बैठक बुलाने पर विचार किया जाए. लेकिन ASG वेंकटरमन ने 26 दिसंबर को साफ कर दिया कि ऐसा करना संभव नहीं होगा. उन्होंने केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए कहा,

 GST काउंसिल की बैठक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के जरिए नहीं हो सकती. इसके लिए काउंसिल को फिजिकली मिलना होगा. GST काउंसिल में हाथ उठाकर या फिर सीक्रेट बैलेट के जरिए वोट डाले जाते हैं.

जनहित याचिका का विरोध करते हुए ASG ने कहा कि यह एक सोची समझी रणनीति है, इससे कई समस्याएं खड़ी हो जाएंगी. उन्होंने कहा,

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 याचिका दायर करके GST काउंसिल के लिए कुछ भी निर्देश जारी करवाने की मंशा को लेकर हम संवैधानिक नजरिए से चिंतित हैं. इसके लिए सेपरेशन ऑफ पावर का सिद्धांत है. मुझे इस याचिका में सोची समझी रणनीति दिख रही है, हालांकि मैं सही या गलत हो सकता हूं.

कोर्ट ने की थी सख्त टिप्पणी 

इससे पहले 24 दिसंबर को दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा कि हेल्थ इमरजेंसी के बीच टैक्स में कमी करना सरकार का न्यूनतम कर्तव्य है. बेंच ने कहा, 

हम अनजाने में दिन भर में कम से कम 21 हजार बार सांस लेते हैं. कल्पना कीजिए कि जहरीली हवा हमारे फेफडों को कितना नुकसान पहुंचा रही है. 

दिल्ली और आसपास के इलाकों में खतरनाक एयर क्वालिटी का हवाला देते हुए कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या एयर प्यूरीफायर पर टैक्स को उस लेवल तक कम नहीं किया जा सकता, जिससे गरीब वर्ग भी इसको खरीद सके. कोर्ट ने GST काउंसिल को जल्दी से बैठक करके एयर प्यूरीफायर पर 18 फीसदी GST को घटाकर 5 फीसदी करने या पूरी तरह से खत्म करने पर विचार करने को कहा था.

याचिकाकर्ता ने क्या मांग की थी?

एडवोकेट कपिल मदन ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर करके एयर प्यूरीफायर को मेडिकल डिवाइस घोषित करने और इस पर लग रहे 18 प्रतिशत GST को कम करके 5 प्रतिशत करने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि दिल्ली की मौजूदा स्थिति में एयर प्यूरीफायर कोई लग्जरी आइटम नहीं, बल्कि जीवन रक्षक मेडिकल डिवाइस बन गया है. टैक्स कम होने से यह डिवाइस आम जनता की पहुंच में आ सकेगा. दिल्ली हाईकोर्ट अब इस मामले में 9 जनवरी को आगे की सुनवाई करेगा.

क्या है संविधान का बेसिक स्ट्रक्चर?

संविधान के बेसिक स्ट्रक्चर से मतलब संविधान में निहित उन प्रावधानों से है, जो भारतीय संविधान के लोकतांत्रिक आदर्शों को प्रस्तुत करते हैं. इन प्रावधानों को संविधान में संशोधन करके भी नहीं हटाया जा सकता है. संविधान के बेसिक स्ट्रक्चर में संविधान की सर्वोच्चता, कानून का शासन, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, सेपरेशन ऑफ पावर का सिद्धांत, संघवाद, धर्मनिरपेक्षथा, संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य और संसदीय प्रणाली को लिस्टेड किया गया है. 

वीडियो: एयर प्यूरीफायर इस्तेमाल करने वालों ने ये बात नहीं जानी तो बड़ी दिक्कत हो जाएगी!

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