दिल्ली पुलिस की एक टीम बुधवार, 16 जुलाई की रात गश्त पर निकली थी. तभी काले रंग की मोटरसाइकिल पर सवार तीन किशोर लड़कों ने इस टीम की गाड़ी को देखा. फिर भागने की कोशिश में दूसरी तरफ मुड़ गए. ऐसे में पुलिस की टीम को उन पर शक हुआ. जब पुलिस ने उनमें से एक लड़के की तलाशी ली. तब उन्हें लड़के के पास से दो फोन मिले.
दिल्ली पुलिस ने फोन चोरी में 3 नाबालिग पकड़े, पूछताछ में खुला बिहार के शख्स की हत्या का राज, मिला कंकाल
Delhi 3 minors killed youth over phone: पुलिस ने बताया कि लड़कों ने अपने निशान छिपाने के लिए हर संभव कोशिश की थी. उन्होंने युवक की आंखें फोड़ दीं. ताकि होश में आने पर वो उन्हें पहचान न सके. लेकिन इसी दौरान युवक की मौत हो गई.

जब पुलिस टीम ने तीनों लड़कों से पूछताछ के बाद आगे की जांच की, तब जाकर इसके पीछे की कहानी पता चली. लड़कों ने बताया कि उन्होंने तीन महीने पहले एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी और उसकी आंखें निकाल ली थीं. फिर शव को यमुना नदी के किनारे दफनाने के बाद इस फोन को चुरा लिया था.
जांच में क्या पता चला?जांच में शामिल एक पुलिस अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि तीनों लड़कों में से एक से पूछा गया कि उसके पास दो मोबाइल फोन कैसे हैं. तब उसके पास कोई उचित जवाब नहीं था. फिर दोनों फोन के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) की जांच की गई. तब पता चला कि उनमें से एक का अप्रैल से इस्तेमाल ही नहीं किया गया था.
वहीं, दूसरे फोन के सीडीआर उन तीनों लड़कों द्वारा दी गई जानकारी से मेल नहीं खा रहे थे. डीसीपी (आउटर नॉर्थ) हरेश्वर स्वामी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा,
बाद की पूछताछ में उन्होंने कबूल किया कि उन्होंने अप्रैल में यमुना नदी के किनारे एक अज्ञात व्यक्ति से मोबाइल फोन छीना. जब पीड़ित व्यक्ति ने इसका विरोध किया, तो तीनों ने उसकी हत्या कर दी. और शव को नदी के किनारे दफना दिया. जैसे ही उन्होंने ये बताया, पुलिस की एक टीम उन्हें लेकर घटनास्थल पर पहुंची... लगभग 3 फीट गहरा एक गड्ढा खोदा गया... तब हमें घटनास्थल से एक मानव कंकाल मिला.
पुलिस ने बताया कि लड़कों ने अपने निशान छिपाने के लिए हर संभव कोशिश की थी. उन्होंने युवक की आंखें फोड़ दीं. जिससे होश में आने पर वो उन्हें पहचान न सके, लेकिन इसी दौरान पीड़ित व्यक्ति की मौत हो गई. पुलिस का कहना है कि तीनों लड़कों को पकड़ लिया गया है. जिस मोटरसाइकिल पर वो सवार थे, वो भी चोरी की थी.
पुलिस के मुताबिक़, फोन के सीडीआर से पता चला कि ये 18 साल के सोनू का था. जो आसपास के क्षेत्र में मजदूर के रूप में काम करता था. जब पुलिस ने बिहार में उसके परिवार से संपर्क किया, तो उन्होंने बताया कि सोनू अप्रैल से लापता है और उसका फोन तब से बंद है. सोनू के परिवार वालों का कहना है कि उन्होंने अपने गृहनगर में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराने की कोशिश की थी. लेकिन पुलिस ने मामले को टाल दिया.
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