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CJI बीआर गवई ने भगवान वाले बयान पर चुप्पी तोड़ी, सॉलिसिटर जनरल ने भी दिया साथ

CJI Gavai On Vishnu Idol Case: एक याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए CJI ने कुछ ऐसा कहा कि सोशल मीडिया यूजर्स समेत कई हिंदूवादी संगठनों ने आपत्ति जताई. अब CJI BR Gavai ने इस पर क्या कहा है?

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CJI ने अपने कॉमेंट पर हो रहे विवाद पर बात की है. (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने ‘भगवान विष्णु की मूर्ति के पुनर्निर्माण मामले’ में अपने कॉमेंट को लेकर हो रहे विवाद पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि वो सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. CJI गवई ने सोशल मीडिया पर चीजों को गलत तरीके से पेश किए जाने पर चिंता जताई है.

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आज, 18 सितंबर को CJI बीआर गवई, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस के विनोद चंद्रन के साथ कर्नाटक में बड़े पैमाने पर अवैध लौह अयस्क खनन के मुद्दे पर सुनवाई कर रहे थे. लॉइव लॉ की खबर के मुताबिक, इस दौरान उन्होंने अपने पुराने कॉमेंट का जिक्र करते हुए कहा,

सोशल मीडिया पर आजकल कुछ भी हो सकता है. परसों किसी ने मुझसे कहा- ‘आपने कुछ बहुत ही नकारात्मक बात कही है.’ जबकि मैं सभी धर्मों में विश्वास करता हूं और उनका सम्मान करता हूं.

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वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश का समर्थन किया. उन्होंने इस बात पर अपनी आपत्ति जताई कि सोशल मीडिया में कैसे बयानों को संदर्भ से बाहर तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है. तुषार मेहता ने कहा,

मैं बीते 10 सालों से मुख्य न्यायाधीश को जानता हूं. माई लॉर्ड सभी धर्मों के मंदिरों और जगहों पर श्रद्धा के साथ जाते हैं.

इस दौरान सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सोशल मीडिया एक ‘अनियंत्रित घोड़े’ की तरह है.

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CJI Gavai के कॉमेंट पर क्यों हुआ विवाद?

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका के जरिए मध्य प्रदेश के खजुराहो में मौजूद जवारी मंदिर में भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची मूर्ति के पुनर्निर्माण की मांग की गई थी. आला अदालत ने इस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए इसे 'पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन' करार दिया था. इस दौरान CJI ने कहा था,

ये विशुद्ध रूप से ‘प्रचार हित याचिका’ है… जाइए और भगवान से कहिए कि वो इस मामले में खुद कुछ करें. अगर आप कह रहे हैं कि आप भगवान विष्णु के बहुत बड़े भक्त हैं, तो प्रार्थना करिए और थोड़ा मेडिटेशन करिए.

इसे लेकर सोशल मीडिया यूजर्स समेत कई हिंदूवादी संगठनों ने आपत्ति जताई. उनका कहना था कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने उनकी मान्यताओं का मजाक उड़ाया है. विश्व हिंदू परिषद (VHP) प्रमुख आलोक कुमार ने कहा कि ऐसे कॉमेंट्स से बचना बेहतर होगा. संगठन ने 'सभी' को आगाह किया कि जब मामला लोगों की धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हो, तो अपनी वाणी पर संयम रखें.

इसके अलावा, कई वकीलों ने भी CJI गवई को लेटर लिखकर उनसे भगवान विष्णु और सनातन धर्म के खिलाफ अपना बयान वापस लेने का अनुरोध किया. हिंदुस्तान टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, CJI को लिखे एक लेटर में कहा गया, ‘उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति इस मामले को गंभीरता से लेंगे और ये सुनिश्चित करेंगे कि हर धर्म की गरिमा बनी रहे.’

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: CJI बीआर गवई को खजुराहो और भगवान विष्णु पर ट्रोल करने वाले लोग कौन हैं?

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