भारत के चीफ जस्टिस बीआर गवई (CJI BR Gavai) ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 को हटाने के फैसले को बरकरार रखा है. ताकी देश केवल एक संविधान से चले. उन्होंने कहा कि डॉ. बीआर आंबेडकर भी यही चाहते थे. आर्टिकल 370 भारतीय संविधान का एक प्रावधान था, जो जम्मू और कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता था.
'एक संविधान से चलेगा देश, धारा-370 इसके खिलाफ थी... ' जम्मू-कश्मीर पर CJI गवई का बड़ा बयान
देश के चीफ जस्टिस BR Gavai ने कहा कि Article 370 को निरस्त करने से पहले, सिर्फ एक राज्य Jammu Kashmir के लिए अलग संविधान था. जो DR Ambedkar के नजरिए से ठीक नहीं था. और क्या बोले बीआर गवई?

दरअसल, CJI गवई सुप्रीम कोर्ट की उन पांच जजों की पीठ का हिस्सा थे, जिसने दिसंबर 2023 में आर्टिकल 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखा था. इस पीठ की अगुवाई तत्कालीन CJI डीवाई चंद्रचूड़ कर रहे थे. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार, 28 जून को CJI गवई नागपुर में थे. उन्हें 'संविधान प्रस्तावना पार्क' के उद्घाटन और एक लॉ कॉलेज में अंबेडकर की प्रतिमा के अनावरण के लिए आमंत्रित किया गया था. इस दौरान उन्होंने कहा,
जब संसद ने आर्टिकल 370 को निरस्त किया और इसके खिलाफ चुनौती हमारे सामने आई. तो सुनवाई के दौरान मैंने डॉ आंबेडकर के भाषण का हवाला दिया था. डॉ आंबेडकर ने कहा था कि संयुक्त राज्य अमेरिका में, संघीय सरकार का एक संविधान है जो बहुत सीमित विषयों पर शासन करता है और हर राज्य का अपना संविधान भी है. जिसका दायरा बड़ा है.
उन्होंने कहा कि डॉ. आंबेडकर ने कहा था कि इस देश को एकजुट रखने के लिए एक ही संविधान की जरूरत है. आर्टिकल 370 को निरस्त करने से पहले, सिर्फ एक राज्य के लिए अलग संविधान था. जो आंबेडकर के नजरिए से ठीक नहीं था और इसलिए उन्होंने सर्वसम्मति से संसद के फैसले को बरकरार रखा. ताकी देश केवल एक संविधान से चले. CJI ने आगे कहा,
अपने संविधान की 75 साल की यात्रा को देखते हुए, हम पड़ोसी देशों की स्थिति देख रहे हैं. चाहे वह पाकिस्तान हो, बांग्लादेश हो, नेपाल हो या श्रीलंका हो. जब भी हमारा देश चुनौतियों या संकटों का सामना करता है, तो यह मजबूती से एक साथ खड़ा होता है और एकजुट रहता है.
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इस कार्यक्रम में CJI बीआर गवई के अलावा केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी पहुंचे थे. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 'संविधान प्रस्तावना पार्क' संविधान के मूल्यों का प्रसार करेगा.
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