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'उन्होंने 48 घंटे तय किए, हम 8 घंटों में घुटनों पर ले आए', CDS चौहान की बात आसिम मुनीर सह नहीं पाएंगे

CDS अनिल चौहान मंगलवार, 3 जून को महाराष्ट्र के पुणे में थे. वहां सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के डिफेंस स्टडीज डिपार्टमेंट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने छात्रों को संबोधित किया. CDS ने कहा, "10 मई को रात 1 बजे उनका लक्ष्य 48 घंटे में भारत को घुटने टेकने पर मजबूर करना था."

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अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ा बयान दिया है. (तस्वीर-इंडिया टुडे)

भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारत ने ड्रोन स्ट्राइक कर पाकिस्तान को बड़ा सरप्राइज दिया था. इस दौरान उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान 48 घंटे की जंग लड़ने की सोच रहा था, लेकिन 8 घंटे में ही सरेंडर कर दिया था. CDS अनिल चौहान ने ये भी कहा कि सैन्य संघर्ष में भारत को जो भी नुकसान हुआ, उनको समझकर सुधारना चाहिए और पीछे नहीं मुड़ना चाहिए.

CDS अनिल चौहान मंगलवार, 3 जून को महाराष्ट्र के पुणे में थे. वहां सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के डिफेंस स्टडीज डिपार्टमेंट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने छात्रों को संबोधित किया. CDS ने कहा,

"10 मई को रात 1 बजे उनका लक्ष्य 48 घंटे में भारत को घुटने टेकने पर मजबूर करना था. कई हमले किए गए. उन्होंने इस संघर्ष को और बढ़ा दिया. हमने वास्तव में केवल आतंकी ठिकानों पर हमला किया था. जो ऑपरेशन उन्हें लगा कि 48 घंटे तक चलेगा. वह लगभग 8 घंटे में खत्म हो गया. फिर उन्होंने फोन करके कहा कि हम बात करना चाहते हैं."

भारत के टॉप सेनाधिकारी ने कहा कि भारत अब आतंक और न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग की छाया में रहने वाला नहीं है. और प्रोफेशनल मिलिट्री फोर्स पर असफलताओं और नुकसान का असर नहीं पड़ता. उन्होंने कहा कि आपको अपना मनोबल बनाए रखने की जरूरत है. नुकसान महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि परिणाम महत्वपूर्ण है. 

CDS ने आगे कहा कि पहलगाम में जो कुछ हुआ उससे कुछ हफ्ते पहले ही पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने भारत और हिंदुओं के खिलाफ जहर उगला था. अनिल चौहान ने आगे कहा, “पहलगाम में जो हुआ वह पीड़ितों के लिए घोर क्रूरता थी. ऑपरेशन सिंदूर के पीछे की सोच पाकिस्तानी आतंकवाद को रोकना थी.”

CDS ने तुलना करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान ने अलग-अलग तरह की क्षमताएं पैदा की हैं. हमें पता था कि हमारे पास बेहतर काउंटर-ड्रोन सिस्टम है. जंग में पेशेवर सेनाएं असफलताओं या नुकसान से प्रभावित नहीं होती हैं. आपको यह समझने की जरूरत होती है कि क्या गलत हुआ. अपनी गलती को सुधारने और फिर से आगे बढ़ने की जरूरत होती है. 

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