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BSF के 1300 जवानों के लिए टूटी-फूटी ट्रेन भेज दी, वीडियो वायरल होते ही रेलवे बोला- गलत बोगी में चढ़ गए थे!

BSF अधिकारियों ने कहा है कि बोगियों की हालत इतनी खराब थी कि उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था कि महीनों से उसका इस्तेमाल नहीं किया गया है.

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वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.
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जितेंद्र बहादुर सिंह

अमरनाथ यात्रा के लिए सीमा सुरक्षा बल (BSF) की तैनाती होनी है. इसके लिए जवानों को त्रिपुरा के उदयपुर से जम्मू भेजा जाना है. पहले तो BSF को ट्रेन अलॉट करने में देरी हुई. इसके बाद आखिरकार जब ट्रेन अलॉट हुई तो बोगियों की हालत देखकर BSF जवानों ने इसका कड़ा विरोध किया.

मामले को लेकर एक वीडियो भी सामने आया है. वीडियो में देखा जा सकता है कि बोगियों में बर्थ, टॉयलेट और बिजली की बहुत ही बुरी स्थिति थी. एक जवान को ये भी कहते सुना जा सकता है कि इससे यात्रा करना सुरक्षित नहीं है.

13 कंपनियों के लगभग 1300 जवानों की तैनाती 12 जून से होनी है. इसके लिए 6 जून को उदयपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन खड़ी होनी थी. BSF ने सेकेंड एसी वाले दो कोच, थर्ड एसी वाले तीन कोच, 16 स्लीपर और 4 जनरल/एसएलआर कोच की मांग की थी. 

किसी कारण से उदयपुर स्टेशन पर ट्रेन उपलब्ध नहीं हो सकी. करीब 72 घंटों की देरी के बाद 9 जून को ट्रेन उपलब्ध कराई गई. BSF जवान ट्रेन की हालत देखकर दंग रह गए. बोगियों के खिड़की, दरवाजे, बिजली उपकरण, टॉयलेट और बर्थ, सब जर्जर और गंदी स्थिति में थे. वीडियो देखिए-

रेलवे ने क्या सफाई दी

मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया गया. इसके बाद रेलवे ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी केके शर्मा ने द प्रिंट को बताया कि वीडियो में दिख रहे कोच यात्रा के लिए नहीं थे, रखरखाव के उद्देश्य से उन्हें ट्रेन में जोड़ा गया था. उन्होंने कहा कि गलती से कुछ जवान उन बोगियों में चढ़ गए. इसके कारण भ्रम और गलतफहमी की स्थिति पैदा हो गई. सूचना के बाद उन बोगियों को ट्रेन से अलग कर दिया गया.

केके शर्मा ने कहा कि जवानों की अन्य आपत्तियों और चिंताओं का भी समाधान कर दिया गया है. द प्रिंट ने मामले से अवगत सूत्रों के हवाले से बताया है कि 10 जून को ट्रेन अगरतला से जम्मू के लिए रवाना हो गई है.

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अधिकारियों ने पुष्टि की

BSF अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि बोगियों की हालत बहुत ही ज्यादा खराब थी. उनकी स्थिति इतनी खराब थी कि उन्हें देखकर लग रहा था कि महीनों से उनका इस्तेमाल नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि उदयपुर स्टेशन पर बोगियों की जांच के बाद तुरंत ही वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई.

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