मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को दो साल की सजा हुई तो उनकी विधायकी रद्द हो गई थी. इसके बाद मऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तैयारी चल रही थी. लेकिन तभी अदालत के एक फैसले ने ‘गेम पलट दिया’. इंडिया टुडे से जुड़े पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार 20 अगस्त को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अब्बास अंसारी को एमपी-एमएलए कोर्ट से मिली 2 साल की सजा रद्द कर दी. अब इस फैसले के बाद अंसारी के जेल से बाहर आने की उम्मीद है. उनकी विधायकी भी बहाल हो जाएगी और ऐसा होने पर मऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव नहीं होगा.
मऊ विधानसभा सीट पर नहीं होगा उपचुनाव? HC ने अब्बास अंसारी की सजा रद्द की
अब्बास अंसारी को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. उनकी 2 साल की सजा रद्द कर दी है, जिसके बाद अब्बास अंसारी की विधायकी भी बहाल हो जाएगी.


दिवंगत विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी पर साल 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था. इस मामले में उन्हें दोषी करार देते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट ने 31 मई को 2 साल की सजा सुनाई थी. साथ ही 3 हजार का जुर्माना भी लगाया गया था.
इसी आधार पर 1 जून 2025 को अब्बास अंसारी की विधायकी चली गई थी. उन्होंने इस फैसले के खिलाफ जिला जज मऊ की अदालत में अपील की थी. 5 जुलाई को जिला जज ने उनकी अपील खारिज कर दी थी. इसके बाद अब्बास अंसारी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर जिला जज मऊ के आदेश को चुनौती दी थी. वकील उपेंद्र उपाध्याय ने अदालत में अब्बास अंसारी का पक्ष रखा था. वहीं, यूपी सरकार की ओर से महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा और अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने दलीलें पेश की थीं. उन्होंने एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट मऊ के फैसले पर रोक लगाने का विरोध किया था.
हालांकि, हाई कोर्ट ने अब्बास अंसारी की सजा रद्द कर दी. इसके बाद उनकी विधायकी बहाल हो जाएगी.
मऊ में थी चुनाव की तैयारीबता दें कि सजा के बाद विधायकी के लिए 'अयोग्य' ठहरा दिए गए अब्बास अंसारी की सीट पर चुनाव आयोग उपचुनाव की तैयारी कर रहा था. इसके लिए मतदाता सूची में संशोधन को लेकर विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम भी चल रहा था. संशोधन के बाद मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 30 सितंबर को किया जाना था.
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