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अजित पवार का बड़ा ऐलान, चाचा शरद पवार के साथ मिलकर लड़ेंगे ये चुनाव

यह गठबंधन इसलिए भी चौंकाने वाला है, क्योंकि इससे पहले Pune Municipal Corporation के चुनाव को लेकर NCP के दोनों गुटों के बीच गठबंधन की संभावना से इनकार किया जा रहा था. Ajit Pawar, शरद पवार गुट के उम्मीदवारों से अपनी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ने की शर्त रख रहे थे.

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पिंपरी-चिंचवड म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन चुनाव के लिए अजित पवार (बाएं) और शरद पवार (दाएं) ने मिलाए हाथ.

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर बड़ा मोड़ आया है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के चीफ अजित पवार ने रविवार, 28 दिसंबर को चाचा शरद पवार की NCP (शरद पवार) के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया. अजित ने कहा कि आगामी पिंपरी-चिंचवड नगर निगम चुनाव में उनकी NCP और NCP (शरद पवार) मिलकर चुनाव लड़ेंगे.

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महाराष्ट्र में 15 जनवरी 2026 को होने वाले नगर निगम चुनाव की जोर-शोर से तैयारी चल रही है. सभी राजनीतिक दल राज्य के बड़े नगर निगमों पर कब्जा करने के लिए रणनीति बना रहे हैं. इस बीच, अजित पवार ने सबको चौंकाते हुए पिंपरी-चिंचवड नगर निगम के लिए चाचा शरद पवार के साथ जाने का ऐलान किया.

अजित पवार ने यह घोषणा एक चुनावी रैली के दौरान की. इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अजित पवार ने कहा,

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"पिंपरी-चिंचवड नगर निगम चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची बनाते समय नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP शरदचंद्र पवार) ने साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है."

उन्होंने आगे कहा,

"इस वजह से परिवार एक बार फिर साथ आएगा. लोगों के मन में कई सवाल थे कि आगे क्या होगा. कई बार महाराष्ट्र के विकास के हित में कुछ फैसले लेने पड़ते हैं."

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अजित पवार ने यह भी बताया कि दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर चर्चा हो चुकी है. उन्होंने कहा कि जल्द ही इस पर औपचारिक घोषणा की जाएगी. हालांकि, शरद पवार या उनकी पार्टी की तरफ से अजित पवार के ऐलान पर कोई बयान नहीं आया है.

महाराष्ट्र में 29 नगर निगमों के लिए चुनाव होने हैं. इनमें मुंबई और पुणे जैसे बड़े शहर भी शामिल हैं. यह गठबंधन इसलिए भी चौंकाने वाला माना जा रहा है क्योंकि इससे पहले पुणे नगर निगम चुनाव को लेकर दोनों गुटों के बीच गठबंधन की संभावना से इनकार किया जा रहा था. इसकी बड़ी वजह यह थी कि अजित पवार, शरद पवार गुट के उम्मीदवारों से अपनी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ने की शर्त रख रहे थे.

सूत्रों के मुताबिक, NCP (शरद पवार) नेतृत्व ने इस मांग को मानने से इनकार कर दिया था. उनका मानना था कि इससे पार्टी में गलत संदेश जाएगा और ऐसा लगेगा कि उन्होंने अजित पवार के नेतृत्व को कबूल कर लिया है.

NCP (शरद पवार) के सीनियर नेता अंकुश काकड़े ने पहले कहा था,

"हम पुणे में NCP नेताओं से मिले थे, लेकिन गठबंधन पर कोई बात आगे नहीं बढ़ सकी. हमने साफ कहा था कि हम अपने पार्टी सिंबल पर लड़ेंगे और आप अपने पार्टी सिंबल पर लड़िए."

चुनाव आयोग के फैसले के बाद अजित पवार गुट के पास ही NCP का पुराना 'घड़ी' चुनाव चिह्न है. जबकि शरद पवार गुट अब 'तुतारी' (नगाड़ा/तुरही) चिह्न पर चुनाव लड़ता है.

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