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पाकिस्तान को सपोर्ट करना पड़ रहा भारी, एयर इंडिया तुर्किए की कंपनी के साथ खत्म करेगी करार

Air India ने Turkish Technic के साथ कारोबारी संबंध खत्म करने की तैयारी पर कहा कि हम जन भावनाओं का सम्मान करना चाहते हैं. इससे पहले IndiGo ने भी Turkish Airlines के साथ लीजिंग समझौता खत्म करने के फैसला किया है.

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Turkish Technic के साथ आगे काम नहीं करेगी Air India. (Instagram @turkishtechnic)

एयर इंडिया (Air India) तुर्किए (Turkey) की कंपनी टर्किश टेक्निक (Turkish Technic) के साथ अपने करार को खत्म करने की तैयारी कर रही है. टर्किश टेक्निक, एयर इंडिया के Boeing  777 विमान की मेंटेनेंस का काम करती है. एयर इंडिया के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) और मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) कैंपबेल विल्सन ने इसकी पुष्टि की है.

एयर इंडिया ने यह कदम पर ऐसे समय पर उठाया है, जब इंडिया की सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने IndiGo से भी कहा है कि वो टर्किश एयरलाइंस (Turkish Airlines) से लीज पर लिए गए दो विमानों को तीन महीने से ज्यादा समय तक ऑपरेट नहीं कर सकती. इस पर इंडिगो ने टर्किश एयरलाइंस के साथ अपने लीजिंग समझौते को 31 अगस्त तक खत्म करने का फैसला किया है.

1 जून को NDTV से बात करते हुए एयर इंडिया के CEO कैंपबेल विल्सन कहा,

"अगर इस तरह से कारोबार जारी रखने को लेकर कोई चिंता है, तो हम विकल्प तलाशेंगे. मुझे लगता है कि हम जनता की भावनाओं का सम्मान करना चाहते हैं."

इससे पहले सरकार ने तुर्किए से जुड़ी एविएशन ग्राउंड हैंडलिंग सर्विस कंपनी सेलेबी (Celebi) की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी, जो देश के नौ एयरपोर्ट्स पर मौजूद है.

सरकार की ये कार्रवाई तब हुई है जब तुर्किए ने पाकिस्तान का समर्थन किया है. हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के आतंकी कैंप और एयरबेस पर एयर स्ट्राइक की थी. वहीं पाकिस्तान ने भी भारत के खिलाफ अपने ऑपरेशन में तुर्किए के ड्रोन का इस्तेमाल किया था. भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि तुर्किए की इस हरकत के बाद तुर्किए की कंपनियों के साथ 'सामान्य व्यापार' नहीं चलेगा.

कैंपबेल विल्सन ने बताया कि कुछ विमान जो पहले ही मेंटेनेंस में हैं, वे टर्किश टेक्निक के पास रहेंगे, लेकिन आगे जो मेंटेनेंस का काम होगा, उसके लिए एयर इंडिया दूसरे विकल्प तलाश रही है. एयर इंडिया का लंबी दूरी का बोइंग 777 फ्लाइट का मेंटेनेंस ज्यादातर एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (AIESL) में होता है, जो सरकारी कंपनी है. कुछ विमानों को अब अबू धाबी और सिंगापुर भेजा जा रहा है.

विल्सन ने कहा कि AIESL के पास मेंटेनेंस करने की क्षमता सीमित है, इसलिए एयर इंडिया को अपने कुछ विमानों को देश के बाहर भेजना पड़ रहा है.

भारत-पाकिस्तान के बीच हाल के तनाव की वजह से पाकिस्तान का एयरस्पेस भारतीय विमानों के लिए बंद है. इसलिए एयर इंडिया की कुछ फ्लाइट्स को लंबा रास्ता लेना पड़ रहा है. कुछ फ्लाइट्स अब सीधे नहीं चल रही हैं और बीच में रुक कर ईंधन भरना पड़ रहा है. इसका अतिरिक्त खर्च भी बढ़ गया है जो आखिरकार यात्रियों को देना पड़ता है.

फिर भी कैंपबेल का कहना है कि भारत से अमेरिका और कनाडा की ज्यादातर फ्लाइट्स अभी भी सीधे चल रही हैं. कैंपबेल का मानना है कि केवल तीन शहरों के लिए नॉन-स्टॉप फ्लाइट नहीं है. कुछ फ्लाइट्स का समय बढ़ गया है, लेकिन वो अब भी किसी दूसरे देश में ट्रांजिट करने से बेहतर हैं.

वीडियो: भारत ने तुर्किए को दिया एक और झटका, Indigo ने Turkish AIrlines से संबंध खत्म किए