केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एयर इंडिया विमान हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि इस हादसे से पूरा देश उदास है. अमित शाह ने कहा कि दुख की इस घड़ी में पूरा देश जान गंवाने वालों के परिजनों के साथ खड़ा है. गृहमंत्री ने बताया कि सवा लाख लीटर फ्यूल प्लेन के अंदर था. गर्मी में तापमान इतना ज्यादा हो गया कि किसी को बचाने का मौका ही नहीं मिला. उन्होंने कहा कि हादसे में एक यात्री के बचने का सुखद समाचार मिला है.
'किसी को बचाने का मौका ही नहीं मिला', अहमदाबाद प्लेन क्रैश पर बोले अमित शाह
अमित शाह ने प्लेन क्रैश में मारे गए लोगों के परिवार के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि प्लेन में ज्यादा फ्यूल होने और तापमान बढ़ने की वजह से किसी को बचाया नहीं जा सका.
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मृतकों की संख्या पर गृहमंत्री ने कहा, “हादसे में मौतों का आंकड़ा तो डीएनए परीक्षण और यात्रियों की पहचान के बाद ही अथॉरिटी अधिकृत रूप से घोषित करेगी लेकिन जो एक यात्री बचा है, मैं उससे मिलकर आया हूं.”
शाह ने आगे कहा,
हादसे के 10 मिनट बाद ही भारत सरकार के पास इसकी सूचना पहुंची. तुरंत ही मैंने मुख्यमंत्री और राज्य के सभी विभागों से संपर्क किया. इसके बाद भारत सरकार और गुजरात सरकार के सभी विभागों ने एक साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य किया.
अमित शाह ने कहा कि ये एक एक्सिडेंट था और इसे रोका नहीं जा सकता था, लेकिन हादसों को लेकर प्रशासन का जो अलर्टनेस है, उसकी परीक्षा ऐसे समय में ही होती है. गुजरात का डिजास्टर मैनेजमेंट इस कसौटी पर खरा उतरा है और काफी तेजी से राहत और बचाव के काम को पूरा किया गया है.
शाह ने बताया कि प्लेन से सभी शवों को बाहर निकाल लिया गया है. उनके डीएनए टेस्ट की तैयारी की जा रही है. जो भी परिजन मौके पर पहुंचे हैं, उनका सैंपल लिया गया है.
अमित शाह ने कहा,
मैं घटनास्थना पर भी जाकर आया हूं. सभी यात्रियों के मृत देह को भी बाहर निकालने का काम लगभग समाप्त हो गया है. जितने यात्रियों के परिजन यहां पहुंचे हैं, उनके डीएनए सैंपल लेने का काम थोड़ी देर में पूरा हो जाएग. सभी यात्रियों के परिजन को सूचना देने का काम भी हो गया है. जैसे ही वे यहां पहुंचेंगे, उनका भी डीएनए सैंपल लिया जाएगा.
अमित शाह ने कहा कि गुजरात में ही एक हजार के आसपास डीएनए टेस्ट करने होंगे. सभी डीएनए टेस्ट की क्षमता गुजरात में है तो बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी. डीएनए परीक्षण के बाद शवों को उनके परिजन को सौंपा जाएगा. राज्य और केंद्रीय एफएसएल इस पर मिलकर काम करेंगे.
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