जून 2025 में अहमदाबाद में ‘Air India Flight AI171’ टेक ऑफ के तुरंत बाद क्रैश हो गई थी. इस फ्लाइट में 241 यात्रियों सहित 260 लोगों की मौत हो गई थी. इस दुर्घटना की जांच पर पायलट सुमित सभरवाल के पिता ने 'विश्वसनीयता और पारदर्शिता की कमी' का आरोप लगाया है. उन्होंने इस हादसे की न्यायिक और सही जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय से गुहार लगाई है.
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, 10 अक्टूबर को पुष्कर राज सभरवाल और 'Federation of Indian Pilots' (FIP) ने मिलकर 'AI 171' की न्यायिक जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है. इस याचिका में न्यायालय के निगरानी में बनी समिति की मांग की गई है, जो दुर्घटना की निष्पक्ष जांच कर सके.
एयर इंडिया क्रैश की जांच से खुश नहीं पायलट के पिता, सुप्रीम कोर्ट से न्यायिक दायर की याचिका
पुष्कर राज सभरवाल और Federation of Indian Pilots ने मिलकर 'AI 171 क्रैश' की न्यायिक जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है.


इस याचिका में मांग की गई कि एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा पहले की गई सभी जांचों को बंद माना जाए. इसके साथ ही सभी महत्वपूर्ण सबूतों को न्यायिक निगरानी वाली समिति या जांच करने वाली जांच न्यायालय को दे दिया जाए, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज करें और समिति में ‘Aviation and Technical’ एक्सपर्ट भी शामिल हों.
याचिका के अनुसार, पहली याचिका में 'Air India Boeing 787-8 Dreamliner aircraft' की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए रिटायर्ड जजों की जांच समिति बनाई जाए. दूसरी याचिका में अनुरोध किया गया कि पहले की गई सभी जांचों को बंद किया जाए और सभी सबूतों को जांच करने वाली नई समिति को दे दिया जाए.
याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता यानी पायलट के पिता दुर्घटना की जांच में विश्वसनीयता और पारदर्शिता की कमी से परेशान है. इसके साथ ही 'बोइंग 787' की डिजाइन के स्तर की खामियों की जांच में विफलता और संदिग्ध ईंधन स्विच मूवमेंट और पायलट पर गलत आरोपों के बारे में भी बताया गया.
याचिका में आरोप लगाया गया है कि पायलट के दोषी होने की कहानी को बढ़ावा दिया गया. जिससे ‘AAIB’ की जांच में स्वतंत्रता, निष्पक्षता और अखंडता से समझौता कर लिया गया.
इसके पहले भी कैप्टन सुमीत सभरवाल के 91 वर्षीय पिता पुष्कराज सभरवाल ने नागरिक उड्डयन सचिव और 'AAIB' के महानिदेशक को पत्र लिखकर 12 Aircraft (Investigation of Accidents and Incidents) Rules, 2017 के तहत औपचारिक जांच की मांग की थी.
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