दिल्ली पुलिस ने 77 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. आरोपी 18 साल से फरार था (77 Year Old Fake Colonel Arrested In Fraud Case). अर्थशास्त्र की पढ़ाई कर चुके आरोपी ने दूसरों की आर्थिक स्थिति ख़राब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. वह कभी आर्मी को तेल बेचा करता था. लेकिन कुछ समय बाद खुद को कर्नल बताकर लोगों से ठगी करने लगा. दिल्ली की एक अदालत उसे भगोड़ा भी घोषित कर चुकी है. पुलिस ने अब आरोपी को पंजाब के एक वृद्धाश्रम से पकड़ा है.
आर्मी को तेल बेचता था, दूसरों का तेल निकालने लगा, पुलिस को पकड़ने में 18 साल लग गए
आरोपी आर्मी की एक योजना के तहत सस्ती प्रॉपर्टी और नौकरी लगाने के बहाने लोगों से ठगी करता था. इसी साल 26 अप्रैल को कड़कड़डूमा अदालत ने आरोपी को भगोड़ा घोषित किया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी का नाम सीताराम सिंगला है. वह आर्मी की एक योजना के तहत सस्ती प्रॉपर्टी और नौकरी लगाने के बहाने लोगों से ठगी करता था. आरोपी के खिलाफ 2007 में बैंक कर्मचारी अनिल निगम ने शिकायत दर्ज कराई थी.
उसने शिकायतकर्ता को एक फ्लैट दिलाने की बात कही थी. उसने कहा था कि यह फ्लैट आर्मी वेलफेयर हाउसिंग ऑर्गनाइजेशन (AWHO) योजना के तहत बनाया जाएगा. दुकान बुक करने का भी सौदा था. बैंक कर्मी से उसने बयाना के तौर पर 56,000 रुपये भी ले लिए. बदले में उसे दो फर्ज़ी दो रसीदें पकड़ा दीं.
शिकायत के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया. लेकिन इस साल उसे कोर्ट से ज़मानत मिल गई. तब से वह अदालत में पेश नहीं हुआ और फरार था. इसी साल 26 अप्रैल को कड़कड़डूमा अदालत ने आरोपी को भगोड़ा घोषित किया था.
2007 में ज़मानत पर छूटने के बाद से वह पटियाला के एक वृद्धाश्रम में छिपा हुआ था. शनिवार 31 मई को क्राइम ब्रांच की टीम को उसके ठिकाने के बारे में पता चला. डीसीपी (क्राइम ब्रांच) अपूर्व गुप्ता ने बताया,
ऐसे शुरू की थी धोखाधड़ीख़बर मिली थी कि आरोपी पंजाब के मानसा का रहने वाला है. ज़मानत पर छूटने के बाद वह फिलहाल पटियाला के एक वृद्धाश्रम में रह रहा है. ARSC क्राइम ब्रांच की टीम मौके पर पहुंची और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
डीसीपी गुप्ता के मुताबिक, आरोपी पंजाब विश्वविद्यालय से इतिहास और अर्थशास्त्र में MA कर चुका है. वह 1987 में दिल्ली आया था. उसने भारतीय सेना में एक ठेकेदार के तौर पर काम करना शुरू किया. पूरे भारत में अलग-अलग कैंट इलाकों में तेल सप्लाई किया. अपने काम के दौरान उसने सेना के अधिकारियों के अलग-अलग रैंकों और भर्ती प्रक्रिया के बारे में तमाम जानकारियां जुटाईं.
जब उसे अंदर की जानकारी पता चलने लगी तो उसने खुद को कर्नल के तौर पर पेश करना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे आर्मी वेलफेयर हाउसिंग ऑर्गनाइजेशन के नाम पर लोगों को कम दाम वाली प्रॉपर्टी और नौकरी दिलाने का खेल शुरू किया.
पुलिस ने कहा कि सिंगला के दो बेटे हैं. पत्नी का कुछ साल पहले निधन हो चुका है. भागते समय रडार से बचने के लिए अपने परिवार से सभी संपर्क तोड़ दिए थे. वह शकरपुर पुलिस स्टेशन और क्राइम ब्रांच में धोखाधड़ी और जालसाजी के तीन मामलों में शामिल है.
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