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पड़ताल: लव जिहाद के एंगल से वायरल वीडियो का दावा भ्रामक

वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर लव जिहाद के दावे से वायरल हो रहा है.

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वायरल वीडियो को जव जिहाद की घटना बताकर शेयर किया जा रहा है.
दावा सोशल मीडिया पर लव जिहाद के दावे के साथ एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में एक लड़के के साथ लड़की है, जो किसी स्कूल की ड्रेस पहने हुए है. इसके अलावा वायरल वीडियो में कुछ लोगों का ग्रुप भी है, जो लड़के का कॉलर पकड़कर पूरी घटना को कैमरे में कैद करते हुए दिखाई दे रहा है. लोगों का आरोप है कि लड़का रोज स्कूल के बाहर से लड़की को अपने साथ भगाकर ले जाता है. बाद में वीडियो में एक महिला आती है जो पूरे मामले को सुलझाने की कोशिश करते हुए दिखाई देती है. सबसे पहले आप वायरल वीडियो को देखिए-
वायरल वीडियो को शेयर कर जो कैप्शन दिया जा रहा है, उसे बिना किसी भाषाई सुधार के हम आपके सामने रख रहे हैं-
'लव जेहाद में नाबालिक हिन्दू लड़कियों को कैसे अकबर बाबर के हरम की ये नाजायज औलादे फँसाते है. ये वीडियो देखो और सबको भेजो'
पड़ताल की वॉटसऐप हेल्पलाइन पर भी लल्लनटॉप के कई पाठकों ने वायरल दावे की सच्चाई जाननी चाही है. पड़ताल 'दी लल्लनटॉप' ने वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए पड़ताल की. हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला. वायरल वीडियो का लव जिहाद की घटना से कोई संबंध नहीं है. सबसे पहले हमने पूरे वायरल वीडियो को ध्यान से सुना. इसके बाद 'स्कूल लड़की' जैसे कीवर्ड्स की मदद से वायरल वीडियो को फेसबुक पर खोजा. सर्च से हमें फेसबुक पेज पर सबनूर अलग कैप्शन के साथ वायरल वीडियो मिला. फेसबुक पेज सबनूर पर वायरल वीडियो का कैप्शन है,
'स्कूल के नाम पे ये लड़की देखें कहाँ चली जाती हैं , माँ -बाप ध्यान जरूर रखें'
हमने फेसबुक पेज सबनूर पर मिले कैप्शन के साथ फिर से फेसबुक सर्च किया. इसके बाद हमें वायरल वीडियो का लंबा वर्जन फेसबुक पेज दीपिका शाह पर मिला. दीपिका शाह ने ये वीडियो 27 नवंबर 2021 को पोस्ट किया था.
5 मिनट 38 सेकेंड के इस वीडियो के आखिर में एक नोटिस लिखकर आता है. नोटिस अंग्रेजी में है, जिसका हिन्दी अनुवाद है-
'यह वीडियो काल्पनिक है और जागरुकता के उद्देश्य से बनाया गया है. वीडियो के सभी पात्र काल्पनिक हैं. इस वीडियो के कारण यदि किसी व्यक्ति को कोई नुकसान पहुंचता है तो यह संयोग मात्र होगा.' जब हमने दीपिका शाह के फेसबुक पेज को खंगाला तो पता चला कि इस पेज पर ऐसे स्क्रिप्टेड वीडियो की भरमार है.
नतीजा हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ. वायरल वीडियो का लव जिहाद जैसी घटना से कोई लेना-देना नहीं है. वीडियो का मकसद केवल जागरुकता फैलाना था, जिसे बाद में कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने लव जिहाद से जोड़कर वायरल कराया. इस तरह के स्क्रिप्टेड वीडियो अकसर भ्रामक दावों और झूठे सांप्रदायिक एंगल के साथ वायरल होते रहते हैं. 'दी लल्लनटॉप' आपके लिए इससे पहले भी कई स्क्रिप्टेड वीडियो के गलत दावों की पड़ताल कर चुका है.
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