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द्रौपदी मुर्मू को RSS से जोड़कर बुरे फंसे प्रशांत भूषण, मांगनी पड़ी माफी!

जब ट्वीट वायरल हुआ तो प्रशांत भूषण को अपनी गलती का अहसास हुआ.

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ट्वीट की गई तस्वीर का स्क्रीनशॉट.
दावा

बीजेपी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में मोहन भागवत से मुलाकात की! क्या इसमें कोई संदेह है कि वह सिर्फ एक रबर स्टाम्प होंगी और स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पाएंगी?

ये शब्द हैं वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के जो उन्होंने अपने ट्वीट में लिखे हैं. 5 जुलाई को दोपहर 1 बजकर 46 मिनट पर किए गए इस ट्वीट का कैप्शन अंग्रेजी में है और इसके साथ एक फोटो भी है. फोटो में  द्रौपदी मुर्मू और संघ प्रमुख मोहन भागवत भारत माता की तस्वीर के सामने हाथ जोड़े हुए खड़े हैं. साथ ही फोटो के नीचे कैप्शन है, 

श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने आरएसएस मुख्यालय नागपुर का दौरा किया और श्री मोहन भागवत से मुलाकात की.

प्रशांत भूषण के ट्वीट का स्क्रीनशॉट.

थोड़ी देर बाद जब ट्वीट की इंगेजमेंट बढ़ने लगी तो प्रशांत भूषण ने ट्वीट डिलीट कर दिया. अब सवाल ये है कि आखिर प्रशांत भूषण ने जिस फोटो को ट्वीट किया था उसकी सच्चाई क्या है? इसी सवाल का जवाब जानने के लिए 'दी लल्लनटॉप' ने पड़ताल की.

पड़ताल

सबसे पहले हमने प्रशांत भूषण के दावे से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स को इंटरनेट पर खोजा. इंटरनेट पर हमें एक भी ऐसी रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने के बाद द्रौपदी मुर्मू की मोहन भागवत से मुलाकात का जिक्र हो. अगर द्रौपदी मुर्मू ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से हाल-फिलहाल में कोई मुलाकात की होती तो मीडिया में खबरें जरूर छपतीं लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 

अब बारी थी रिवर्स इमेज सर्च टूल की मदद से फोटो की सच्चाई पता करने की. रिवर्स इमेज सर्च से पता चला कि प्रशांत भूषण ने जिस तस्वीर को ट्वीट किया है, उसे दो तस्वीरों को आपस में जोड़कर बनाया गया है.

पहली तस्वीर 

रिवर्स इमेज सर्च की मदद से मोहन भागवत की तस्वीर हमें न्यूज़ एजेंसी ANI की वेबसाइट पर मिली. ANI ने तस्वीर को इस साल मार्च के महीने में गुजरात में हुए RSS की सालाना बैठक का बताया है.

ANI की वेबसाइट पर मौजूद तस्वीर.


यहां से क्लू लेकर हमने थोड़ा और अधिक सर्च किया तो हमें RSS के ट्विटर अकाउंट पर भी यही तस्वीर मिली. 11 मार्च 2022 को किए गए इस ट्वीट का कैप्शन है,

'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक आज गुजरात के कर्णावती में प्रारम्भ हुई. बैठक का शुभारम्भ पू. सरसंघचालक डॉ. मोहनजी भागवत और मा. सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले जी ने भारत माता के चित्र पर पुष्पार्चन करके किया. बैठक 13 मार्च को सम्पन्न होगी.'


दूसरी तस्वीर

द्रौपदी मुर्मू से जुड़ी दूसरी तस्वीर हमें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ट्विटर अकाउंट पर मिली. 29 दिसंबर 2020 को किए गए इस ट्वीट का कैप्शन है, 

आज झारखण्ड सरकार के एक साल पूरे होने के अवसर पर राजभवन में राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी से मुलाकात की।


कुल तीन तस्वीरों में से एक तस्वीर के साथ छेड़छाड़ कर द्रौपदी मुर्मू को मोहन भागवत के साथ खड़ा कर दिया.

वैसे ऐसा पहली बार नहीं है जब प्रशांत भूषण ने फेक न्यूज़ फैलाई है. इससे पहले प्रशांत भूषण ने शराब पीते हुए कुछ लोगों को बीजेपी की तेलंगाना में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से जोड़ दिया था. बाद में पता चला कि वीडियो पुराना है. कोरोना काल में वैक्सीन को लेकर उनके द्वारा किए गए भ्रामक दावों को भी कैसे भुलाया जा सकता है. जून 2021 में जब प्रशांत भूषण ने वैक्सीन को 'अनसेफ' बताया था तो ट्विटर ने उनके ट्वीट पर Misleading का टैग चस्पा कर दिया था.

नतीजा

 कुल जमा बात ये है कि प्रशांत भूषण ने द्रौपदी मुर्मू की जिस तस्वीर को ट्वीट किया था, वो एडिटेड है. मोहन भागवत और द्रौपदी मुर्मू की दो अलग-अलग तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ कर एक नई तस्वीर बनाई गई है. हालांकि बाद में प्रशांत भूषण को अपनी गलती का अहसास हुआ और द्रौपदी मुर्मू से माफी मांगते हुए अपना ट्वीट डिलीट कर दिया.

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