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पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने बीजेपी पर ईवीएम में धांधली का आरोप लगाया?

दावा है कि पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने बीजेपी पर ईवीएम फ्रॉड का आरोप लगाया है.

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बीजेपी पर ईवीएम फ्रॉड करके चुनाव जीतने का एक फेक पोस्ट वायरल है. (तस्वीर: प्रतीकात्मक)

ईवीएम (EVM) यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन. देश में होने वाले आम चुनावों में जनता इसी मशीन के सहारे अपना वोट डालती है. इसको लेकर तमाम बहसे भी होती आई हैं. कई दफ़ा देखा गया है कि विपक्षी पार्टियां ईवीएम को लेकर सवाल उठा चुकी हैं. लेकिन इस बार सोशल मीडिया पर जो पोस्ट वायरल है, उसमें ईवीएम पर कथित आरोप उन्होंने लगाया है, जिनपर चुनाव कराने की जिम्मेदारी होती है.

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क्या हो रहा है दावा?

सोशल मीडिया पर एक कथित अखबार की कटिंग वायरल हो रही है. इसमें पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति की फोटो लगी है. हेडिंग में टीएस कृष्णमूर्ति के हवाले से लिखा है, “गुजरात और हिमाचल का चुनाव बीजेपी ने ईवीएम हैकिंग से जीता था.” अंदर खबर में लिखा है ,पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने ये कहकर सनसनी फैला दी है कि बीजेपी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात और हिमाचल प्रदेश का चुनाव सिर्फ और सिर्फ ईवीएम हैकिंग से जीता है.

फेसबुक यूजर उदयसिंह यादव ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर करके लिखा, “पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टी एस कृष्णमूर्ति जी ने बता ही दिया क्यों जीती है बीजेपी.”

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इसके अलावा ट्विटर पर भी कई अन्य यूजर्स ने भी वायरल पोस्ट शेयर किया है.


पड़ताल

‘द लल्लनटॉप’ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा भ्रामक है. दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड सर्च किए. हमें ऐसी कोई प्रमाणिक रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त का इस तरह का कोई बयान छपा हो. अगर मुख्य चुनाव आयुक्त ने ईवीएम से जुड़ा कोई इस तरह का बयान दिया होता तो ज़रूर खबर बनती.

इसके बाद हमने चुनाव आयोग की वेबसाइट भी खंगाली. टीएस कृष्णमूर्ति का यह कथित बयान पहले भी वायरल हुआ था. चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर साल 2021 में एक प्रेस नोट डालकर इस दावे का खंडन किया था. इसके अलावा आयोग ने इस फेक न्यूज के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी. प्रेस नोट में टीएस कृष्णमूर्ति के सौजन्य से एक बयान भी छपा है, जिसमें उन्होंने ईवीएम को लेकर सवाल उठाने वाला इस तरह का कोई बयान देने का खंडन किया है.

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बता दें, टीएस कृष्णमूर्ति फरवरी 2004 से मई 2005 तक भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त थे. इस दौरान देश में 2004 का आम चुनाव हुआ था, जिसमें कांग्रेसी की अगुवाई वाली यूपीए ने भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए को हराकर चुनाव जीता था.

इसके अलावा प्रेस सूचना ब्यूरो की फैक्ट चेकिंग यूनिट ‘पीआईबी फैक्ट चेक’ ने भी वायरल दावे को भ्रामक बताया है.

नतीजा

इस तरह ‘द लल्लनटॉप’ की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला. पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने ईवीएम को लेकर इस तरह का कोई आरोप नहीं लगाया है. 
 

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