
ये किस्सा कुछ ऐसा था कि एक बार मीना कुमारी के पति मशहूर राइटर-डायरेक्टर कमाल अमरोही ने गुस्से में आकर मीना को तीन बार तलाक कह दिया था. हालांकि कमाल को अपने इस किए का बहुत पछतावा था. उन्होंने मीना से वापस लौट आने की बहुत गुज़ारिश की लेकिन वो नहीं आईं . बाद में मन बदलने पर दोबारा निकाह का रास्ता खोजा गया. पता चला मीना को हलाला से गुज़रना होगा. मीना का निकाह हुआ कमाल के दोस्त अमान उल्लाह खान के साथ. वो एक्ट्रेस जीनत अमान के पिता थे. अमान से शादी करने और शारीरिक संबंध स्थापित के बाद मीना ने उनसे तलाक लिया, इसके बाद उन्होंने कमाल से दोबारा निकाह किया.
लेकिन सच्चाई इससे अलग है. किन मायनों में, वो हम नीचे बता रहे हैं.
मीना कुमारी ने साल 1952 में मशहूर राइटर-डायरेक्टर कमाल अमरोही से शादी कर ली थी. जब दोनों की शादी हुई तब मीना महज़ 19 जबकि कमाल 34 साल के थे. शादी के कुछ सालों तक तो इनका रिश्ता ठीक चला लेकिन बाद में इनके बीच कुछ दिक्कतें आने लगीं. इंडिया टुडे में छपी एक खबर के मुताबिक 1964 में आई फिल्म 'पिंजड़े के पंक्षी' के मुहूर्त के दिन मीना कुमारी ने राइटर-डायरेक्टर गुलज़ार को अपने मेकअप रूम में आने की इज़ाज़त दे दी. इस बात से खफा होकर कमाल के असिस्टेंट बकर अली ने मीना को थप्पड़ मार दिया. इसके बाद मीना ने बकर से कमाल को बता देने के लिए कहा कि वो आज रात घर नहीं आएंगी. इसके बाद वो अपनी बहन और एक्टर महमूद की पत्नी मधु के घर रहने लगीं. कमाल ने उन्हें वापस बुलाने की बहुत कोशिश की लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रहीं. मीना कभी वापस लौटकर कमाल के पास नहीं आईं.

अपने पति कमाल अमरोही के साथ मीना कुमारी. मीना कुमारी को 'साहब बीवी और गुलाम' और 'पाकीज़ा' जैसी फिल्मों के लिए याद किया जाता है.
मीना कुमारी की बायोग्रफी 'मेन हू लव्ड एंड लेफ्ट मीना कुमारी' लिखने वाले सीनियर जर्नलिस्ट विनोद ने अपनी किताब में भी मीना के जीवन में तीन तलाक और हलाला निकाह जैसी किसी भी घटना के होने से इंकार किया. लेकिन सोशल मीडिया पर फैली इन खबरों की असल हवा निकाली इतिहासकार और लेखक राणा सफवी ने. सफवी ने ट्वीट करके बताया कि ये सब बकवास बातें हैं. कमाल अमरोही मुसलमानों के शिया समुदाय से ताल्लुकात रखते थे. और शियाओं में हलाला निकाह जैसी कोई प्रथा नहीं होती. देखिए राणा सफवी का वो ट्वीट:

31 मार्च, 1972 को मीना कुमारी की लिवर सिरोसिस से मौत हो गई. 1964 में कमाल से अलग होने के बाद मीना ने नींद की गोलियां लेनी शुरू कर दी थीं. इससे उनकी हेल्थ खराब हो रही थी. नींद की गोलियों से दूर रखने के लिए डॉक्टर ने उन्हें सोने से पहले थोड़ी ब्रांडी पीने की सलाह दी. मीना ब्रांडी से शराब की ओर बढ़ीं और बहुत पीने लगीं. इससे उन्हें लीवर की बीमारी हो गई, जिसने आखिरकार मीना की जान ले ली.
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