The Lallantop

रामू की फिल्म 'भूत' के किस्से: जब सिनेमैटोग्राफर की मौत होने वाली थी!

Bhoot देखने के बाद Amitabh Bachchan को Ram Gopal Varma पर इतना गुस्सा आया कि वो उन्हें पीटना चाहते थे.

Advertisement
post-main-image
'भूत' के एक शो के दौरान दिल्ली में एक शख्स की मौत भी हो गई थी.

30 मई 2003. एक फिल्म सिनेमाघरों में उतरी. फिल्म की रौशनी पड़ने से पहले अंधेरी स्क्रीन पर एक चेतावनी आई,

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

मैं गर्भवती महिलाओं और दिल से कमज़ोर लोगों को चेतावनी देता हूं कि अपने रिस्क पर ये फिल्म देखें. 

ये फिल्म थी Bhoot. और वो चेतावनी देने वाले आदमी का नाम था Ram Gopal Varma. ये उनका ओवर-कॉन्फिडेंस नहीं था. बल्कि एक फिल्ममेकर का अपनी फिल्म पर भरोसा था. रामू जानते थे कि फिल्म के हॉरर पर कैसे लोगों की हड्डियां कांपने वाली हैं. फिल्म रिलीज़ होने के बाद दिल्ली से खबर आई कि ‘भूत’ की स्क्रीनिंग के बाद एक आदमी का शव सिनेमाघर में मिला है. पुलिस ने अपनी जांच में बताया कि 50 वर्षीय शख्स के शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं थे. हालांकि ये भी साबित नहीं हो सका कि उनकी मौत का फिल्म से कोई वास्ता था या नहीं. लेकिन फिल्म की मार्केटिंग के लिए ये बड़ी खबर बन गई. आज भी ‘भूत’ को इस दुर्घटना से याद किया जाता है. 

Advertisement

फिल्म ने मेकर्स को बहुत कामयाबी दिलवाई. लेकिन इससे जुड़े हर शख्स के पास अच्छी यादें नहीं हैं. जिस घर में फिल्म की शूटिंग हुई थी, वो आज तक कभी बिक नहीं पाया. बिल्डर ने फिल्म की टीम से कहा कि तुम लोगों ने मुझे बर्बाद कर दिया. ‘भूत’ की बातें और उसके किस्से बहुत हैं, ऐसे ही कुछ किस्से बताते हैं.

# ओरिजनल कहानी को कूड़े में फेंक दिया 

राम गोपाल वर्मा बताते हैं कि जवानी में उन्होंने रामसे ब्रदर्स की बहुत फिल्में देखी. सिनेमाघर से बाहर निकलने के बाद भी वो फिल्में उनके साथ रहीं. एक रात वो रामसे ब्रदर्स की ‘दो गज़ ज़मीन के नीचे’ देखकर लौट रहे थे. फिल्म से उनकी रूह इतनी कंपकपाई हुई थी कि बीच रास्ते ही बस से उतर गए. आगे का रास्ता पैदल तय किया. वजह थी कि बीच रास्ते में एक कब्रिस्तान आता था और उसे पार करते हुए जाने की हिम्मत रामू में नहीं थी. खैर रामसे ब्रदर्स के सिनेमा का रामू पर गहरा असर रहा. इस शताब्दी के शुरुआत में वो एक हॉरर फिल्म बनाना चाहते थे. रामू को इस पॉइंट पर सिर्फ दो बातें क्लियर थीं – एक तो ये कि वो कहानी एक ऐसे घर की होगी जो अपने बीते हुए कल से परेशान है. दूसरा कि वो रामसे ब्रदर्स जैसी फिल्म नहीं बनाना चाहते थे, जहां हवेली में भूत आपका इंतज़ार कर रहा हो. 

Advertisement
bhoot
फिल्म के एक सीन में उर्मिला मातोंडकर.  

फिल्म के को-राइटर समीर शर्मा और सिनेमैटोग्राफर विशाल सिन्हा को ये ब्रीफ दी गई. दोनों लोग महीने भर तक शिमला, नैनीताल और कई हिल स्टेशन गए. जब लौटे तो उनके पास कई आलीशान घरों की फोटोज़ थीं. रामू को दिखाई गई लेकिन विशाल का एक सवाल था, कि सर क्या ये रामसे ब्रदर्स की फिल्म जैसा नहीं लगता. रामू ने समझाने को कहा. जवाब में विशाल ने अपने बचपन के दोस्त का किस्सा सुनाया. जब वो दसवीं में थे तब उस दोस्त के घर पढ़ने जाया करते थे. उसकी बिल्डिंग में लिफ्ट पूरी रात ऊपर-नीचे चलती रहती थी. कुछ साल पहले वहां एक लड़की की मौत भी हुई थी. बिल्डिंग वालों ने लड़की की मौत और लिफ्ट के अजीब रवैये को आपस में जोड़ दिया. विशाल ने उस बिल्डिंग के वॉचमैन का ज़िक्र किया, जो आंखें खोल कर सोता था. रामू ने ये सब सुना और ओरिजनल आइडिया को बाहर का रास्ता दिखा दिया. 

# जब सिनेमैटोग्राफर मरते-मरते बचे 

रामू लोखंडवाला में फिल्म को शूट करना चाहते थे. टीम ने बिल्डिंग ढूंढना शुरू कर दिया. मुंबई की जिस भी सोसाइटी में जाते, वहां के लोग पहले स्क्रिप्ट दिखाने को कहते. जैसे ही पता चलता कि ये एक हॉरर फिल्म है, तभी झट से मना कर देते. नौ बिल्डिंग वालों ने मना किया. दसवीं बिल्डिंग से शूट करने की परमिशन मिली. फिल्म में एक सीन है जहां कैमरा ऊंची हाइट से नीचे की तरफ आता है. रामू 18वीं मंज़िल से उस शॉट को लेना चाहते थे. कैमरा को वहां से छोड़ा गया, पर नीचे जाकर वो अनियंत्रित हो जाता और गोल चक्कर काटने लगता. रामू ने विशाल को उसके साथ नीचे जाने को कहा. उनको हार्नेस से बांधा गया और कैमरा के साथ 18 फ्लोर नीचे भेजा गया. 

bhoot
‘भूत’ को हिंदी सिनेमा की सबसे भूतहा फिल्मों में से एक माना जाता है.

विशाल फिल्म कम्पैनियन को दिए इंटरव्यू में बताते हैं कि उस दिन वो बुरी तरह डर गए थे. उस दिन के बाद से कभी भी रोलरकोस्टर वाले झूले में नहीं बैठे. 

# अमिताभ बच्चन RGV को पीटना चाहते थे 

बहुत सारी फिल्मों के साथ ऐसा होता है कि शुरुआत में अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिलता, और समय के साथ वो अपनी ऑडियंस खोजती हैं. लेकिन ‘भूत’ वैसी फिल्म नहीं थी. शुरुआती स्क्रीनिंग से ही लोग फिल्म को इन्जॉय कर रहे थे. डर रहे थे. रामू बताते हैं कि उनकी मां फिल्म देखकर घर आईं और वो बुरी तरह डरी हुई थीं. उन्होंने घर के सभी खिड़की-दरवाज़ों पर कुंडी लगा दी. फिर सोचा कि क्या पता वो भूत पहले से ही घर में हो. तुरंत खिड़की-दरवाज़े खोले. खुद को बोल-बोल कर याद दिलाया कि असली में कोई भूत नहीं, वो बस मेरे बेटे की बनाई एक फिल्म है. 

एक स्क्रीनिंग के दौरान अमिताभ बच्चन ने फिल्म देखी. उन्होंने रामू से कहा, 

मैं तुमको पीटना चाहता था. मुझे खुद पर गुस्सा आ रहा था कि मैं ये फिल्म देखने क्यों आया हूं. 

ये असर था राम गोपाल वर्मा की ‘भूत’ का. ऐसा इम्पैक्ट सिर्फ रिलीज़ के वक्त तक ही सीमित नहीं रहा. आज भी फिल्म बहुत सारे मायनों में डेटिड या पुरानी नहीं लगती. धर्मा ने रामू से इस टाइटल के राइट्स लेकर अपना ‘भूत’ यूनिवर्स बनाने की कोशिश की. साल 2020 में आई Bhoot Part One: Haunted Ship इस सीरीज़ की पहली फिल्म थी. बहरहाल ये फिल्म नहीं चली. नतीजतन धर्मा ने इस यूनिवर्स के दरवाज़े पर ताला मार दिया.                           
 

वीडियो: मैटिनी शो: रामसे ब्रदर्स की 'पुराना मंदिर' के किस्से, जिसके भूत का क्या वाकई अंडरवर्ल्ड कनेक्शन था?

Advertisement