
अपराधियों को जनता के सामने ‘नेम और शेम’ करने के इस तरीके पर बहस चल रही है. कि ये कितना सही है और क्या इससे कोई फर्क पड़ेगा. लेकिन दूसरे देशों में सेक्स ऑफेंडर्स (सेक्सुअल नेचर के अपराध करने वाले) के लिए क्या प्रावधान हैं. जेल भेजे जाने और जुर्माने के अलावा. आप यहां पढ़ सकते हैं.
1. अमेरिका:
यहां पर रेप या सेक्स- संबंधी अपराधों के दोषी के लिए कई प्रावधान हैं. सज़ा के अलावा दोषी को सेक्स ऑफेंडर्स के रजिस्टर में अपना नाम दर्ज कराना होता है. इस रजिस्ट्री में अपराधी का नाम, पता, हाइट, कोई भी खास पहचान (टैटू इत्यादि) जैसी जानकारी देनी होती है. ये जानकारी जनता के लिए उपलब्ध होती है पब्लिक वेबसाइट पर. अपराधियों को घर लेने, या नौकरी के लिए अप्लाई करने से पहले ये डिस्क्लोज करना होता है कि वो सेक्स ऑफेंडर हैं.

2. रशिया:
रशिया में अपराधियों को केमिकल कैस्ट्रेशन (इंजेक्शन देकर नपुंसक बनाना) का ऑप्शन दिया जाता है. ये इंजेक्शन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन नाम के हॉर्मोन का बनना कम कर देते हैं. इससे उनकी सेक्स करने की इच्छा मर जाती है. अमेरिका में भी कुछ मामलों में इसका इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि इस पर मानवाधिकार एक्टिविस्ट आपत्ति जताते आए हैं. पाकिस्तान में भी इससे जुड़ा बिल हालही में ड्राफ्ट किया गया है.

3. ईरान:
ईरान में रेप के अपराधी को मौत की सज़ा दी जाती है. अपराधी को या तो जनता के सामने खड़ा कर गोली मारी जाती है, या फिर उन्हें फांसी पर लटका दिया जाता है. अगर विक्टिम उसे माफ़ कर दे, तो अपराधी मौत की सज़ा से बच सकता है. लेकिन फिर भी उसे 100 कोड़े या आजीवन कारावास की सज़ा दी जा सकती है.

4. नॉर्थ कोरिया:
वैसे तो ये देश मेनस्ट्रीम मीडिया से कटा हुआ है. लेकिन गाहे बगाहे आती रिपोर्ट्स जो मुख्यधारा तक पहुंचती हैं, उनके अनुसार यौन अपराध (रेप/ सेक्स के लिए इंसानों की तस्करी) जैसे अपराधों के लिए मौत की सज़ा का प्रावधान है. अपराधियों को गोली मारकर मौत की सज़ा दी जाती है, ऐसा रिपोर्ट्स बताती हैं.

इजिप्ट (मिस्र), अफ़ग़ानिस्तान जैसे देशों में भी रेप के मामलों में अपराधी को जनता के सामने सजा दी जाती है. लेकिन अधिकतर मामलों में ये मौत की सज़ा होती है. विकसति देशों जैसे नीदरलैंड्स इत्यादि में यौन अपराधों को काफी गम्भीरता से लिया जाता है. अपराध के अनुसार सज़ा का समय कम या ज्यादा हो सकता है, लेकिन कार्रवाई फौरन की जाती है.
ऑपरेशन दुराचारी
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने आज तक से बातचीत में बताया कि सरकार इस ऑपरेशन के तहत क्या करने वाली है. उन्होंने बताया,
"सीएम का आदेश था कि जीरो टॉलरेंस रखना है. तो यह एक एडिशनल एक्शन सेक्शन है जो पुलिस ले सकती है. जिले के प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को एक्शन लेने का अधिकार होगा. "अवनीश अवस्थी ने ये भी बताया कि जल्दी ही इसके लिए कार्य योजना बना ली जाएगी. जो अपराधी हैं, उनको नेम और शेम करने का प्रभाव अच्छा होगा.
वीडियो: UP: ये 'ऑपरेशन दुराचारी' क्या है, जिसमें अपराधियों को सरेआम बेइज्जत करने का प्रबंध किया जाएगा?