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देश को संबोधित करने के लिए पीएम मोदी आठ बजे रात का समय ही क्यों चुनते हैं?

नोटबंदी का ऐलान भी रात 8 बजे हुआ था, आज कोरोना वायरस पर भी 8 बजे संबोधन.

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देश को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात 8 बजे फिर से देश को संबोधित करेंगे. बात फिर से कोरोना वायरस पर होगी. पिछली बार प्रधानमंत्री 19 मार्च को देश से बात कर रहे थे. समय 8 बजे का ही था. उस समय पीएम ने 'जनता कर्फ्यू' की अपील की थी. आज के संबोधन के बारे में उन्होंने ट्वीट कर बताया. लिखा कि वायरस के बढ़ते प्रकोप के संबंध में देशवासियों के साथ कुछ बातें साझा करूंगा. प्रधानमंत्री 6 साल में छठवीं बार देश को संबोधित करने जा रहे हैं. इस बार भी रात के 8 बजे. इस टाइमिंग से 8 नवंबर 2016 का 8 बजना याद आता है. नोटबंदी याद आती है और ये सवाल आता है कि 8 ही क्यों? वर्क फ्रॉम होम है. मैं घर पर बैठा हूं. मेरे पास सोचने के लिए समय ही समय है. इसलिए मैं यही सोचने में लगा हूं कि आठ बजे ही क्यों? 8 और PM का पुराना संबंध रहा है. (पन इंटेंडेड!) नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री 8 अगस्त 2019 को दोबारा 8 बजे बोले थे. तब मौका था जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 में बदलाव का. जनता मीमबाज़ी कर रही थी कि 'मेरको तो ऐसा धक होरेला है' लेकिन पीएम बोले. उसके बाद 19 मार्च 2020 को भी 8 बजे बोले. आज फिर वही समय होगा,. ऐसे में कयास लगते हैं कि 8 बजने का इंतज़ार इसलिए किया जाता है क्योंकि रात 9 बजे प्राइम टाइम का समय होता है. सारे बड़े चैनल्स पर दिन की सबसे बड़ी खबर चलती है और प्रधानमंत्री चाहते हैं कि हर चैनल पर वही बातें चलें जो उन्होंने 8 बजे कहीं हैं. रणनीति के हिसाब से यह इसलिए भी सही है क्योंकि प्रधानमंत्री का भाषण दिन की सबसे बड़ी बात होती है. प्राइम टाइम का दर्शक लॉयल होता है. एंकर नोट में चिप दिखाए या स्क्रीन काली कर जाए. दर्शक फिक्स है. वो अपना फेवरेट एंकर ही देखेगा. ऐसा दर्शक प्रधानमंत्री की बात सुने जाने की संभावनाओं को दोगुना कर देता है. प्राइम टाइम का प्रेम ही है कि पीएम सोशल मीडिया छोड़ने की बात भी कहते हैं तो कहा जाता है, देखो. प्राइम टाइम शुरू होने के चंद मिनट पहले ट्वीट आया. ताकि बात बुलेटिन का हिस्सा बन जाए. बाकी प्रधानमंत्री स्ट्रीट स्मार्ट भी हैं. उन्हें पता है, आदमी नौ से पांच की नौकरी कर इस वक़्त घर लौट चुका होगा. कोई जरूरी बात सुनानी है तो यही सही समय है. टाइमिंग ऐसी है कि कोई बड़ी घोषणा कर दो, तो भी आदमी भागा-भागा सड़क पर उतरने न जाएगा. थका-हारा आदमी घर पर ही रुक जाएगा. दोपहर बारह बजे हुई घोषणाओं पर रिएक्ट करने के लिए आदमी के पास समय खूब होता है, रात आठ बजे कह कोई बड़ी बात कह दो. तो नौ बजे तक समझ पाएगा. साढ़े नौ तक खाना खाकर 10 बजे फेसबुक पर एक पोस्ट कर सो जाएगा. होने को तो ये भी हो सकता है कि पीएम को एट पसंद है. 8 उनका फेवरेट अंक है. 8 नंबर भी तो ऐसा है, लुढ़का दो तो इनफिनिटी जैसा. अनंत व्याख्याओं की संभावना वाला. लेकिन ज़रूरी यही है कि पीएम बात करते रहें. प्रेस कांफ्रेसों से नहीं तो संबोधनों से सही. आज बोलें औ कोरोना वायरस पर ऐसी बातें कहें, जो असर करे. तैयारियों का, ऐलानों का ऐसा पुलिंदा खोलें कि हमने जैसे थाली बजाई, वैसे ही कोरोना की बैंड बजा सकें. वी आर वेटिंग मोदी जी.

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