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दिलजीत की जिस फिल्म पर सेंसर बोर्ड ने 120 कट्स लगाए थे, उसका टीज़र आ गया

Diljit Dosanjh की Punjab 95 महीनों से सेंसर बोर्ड के पास अटकी थी. पहले इसका नाम बदलवाया गया, फिर 85 कट्स का सुझाव दिया गया. फिर री-वाइज़िंग कमिटी के पास फिल्म पहुंची तो 120 कट्स लगवा दिए गए थे.

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दिलजीत दोसांझ की इस फिल्म का नाम भी बदलवाया गया था.

Diljit Dosanjh की फिल्म Punjab 95 कई दिनों से चर्चा का विषय बनी हुई है. ये वही फिल्म है जिसे सेंसर बोर्ड ने कई महीनों से अटका रखा था. जसवंत सिंह खालड़ा की ज़िंदगी पर बनी इस फिल्म पर सेंसर बोर्ड ने पहले 85 कट्स सुझाए, फिर 120 कट्स की डिमांड करने लगे. फाइनली इस फिल्म का टीज़र बिना किसी कट्स के रिलीज़ कर दिया गया है.

17 जनवरी की देर रात दिलजीत ने अपने एक्स अकाउंट पर फिल्म का एक मिनट लंबा टीज़र शेयर किया. बताया कि मूवी वर्ल्ड वाइड 07 फरवरी को रिलीज़ होगी. साथ ही लिखा,

''फुल मूवी, नो कट्स.''

Honey Trehan की इस फिल्म का टीज़र खुलता है अर्जुन रामपाल के साथ. जो पंजाब के इतिहास में हुई कई ज़रूरी घटनाओं पर बातें कर रहे हैं. जैसे ऑपरेशन ब्लूस्टार, इंदिरा गांधी की हत्या और 1984 के दंगे. इसके बाद दिलजीत के किरदार जसवंत सिंह खालड़ा को इंस्ट्रोड्यूस करवाया जाता है. दिलजीत, वैसे भी 'चमकीला' और 'जोगी' जैसी भारी-भरकम फिल्मों के लिए जाने-जाते हैं. 'पंजाब 95' में भी उनके रोल बहुत इंटेंस दिखता है.

ये कहानी जसवंत सिंह की ज़िंदगी पर आधारित है. जिन्होंने 1984-1994 के बीच पंजाब विद्रोह के दौरान सिख युवाओं के लापता होने और हत्या किए जाने की जांच की थी. मिड डे की रिपोर्ट के मुताबिक सेंसर बोर्ड ने फिल्म का फाइनल कट देखने के बाद इसमें 85 कट्स लगावाया था. उनका मानना था कि फिल्म का कुछ सीन्स कुछ डायलॉग्स विवादित हो सकता है. जब इसके विरोध में मेकर्स री-वाइज़िंग  कमिटी के पास पहुंचे तो उन्होंने फिल्म में 120 कट्स लगवा दिए.

वैसे ऐसा पहली बार नहीं हुआ था, इससे पहले जब पिक्चर सेंसर बोर्ड के पास भेजी गई थी तो इसका नाम Ghallughara था. उस वक्त प्रोड्यूसर रॉनी स्क्रूवाला ने सेंसर बोर्ड के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाज़ा भी खटखटाया था. इसका रिज़ल्ट ये निकला की इस फिल्म को 2023 के टोरंटो फेस्टिवल के लाइन अप से बाहर करना पड़ा.

ख़ैर, अब दिलजीत के पोस्ट से ये तो ज़ाहिर है कि फिल्म को अब बिना किसी कट्स के साथ रिलीज़ किया जाएगा. मेकर्स का मानना है कि वो इस फिल्म को हर हाल में दर्शकों तक पहुंचाना चाहते हैं. कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया है कि इस पिक्चर को इसलिए भी रिलीज़ होने नहीं दिया जा रहा क्योंकि ये खालड़ा की मौत पर सलाव उठाती है. खालड़ा, सितंबर 1995 में गायब हुए थे. फिर 10 साल बाद पंजाब पुलिस के छह अधिकारियों को उनकी हत्या का दोषी ठहराया गया था.

अब देखना होगा फिल्म को जनता का कैसा  रिस्पॉन्स मिलता है. 

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