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"हम भी चाहते हैं अमन, तो क्या देश को थाली में परोसकर दुश्मन को दे दें?"

ऑपरेशन सिंदूर के बीच ऋतिक रोशन और प्रीति ज़िंटा की फिल्म 'लक्ष्य' का ये सीन इंटरनेट पर आग की तरह वायरल हो गया है. लोग इस सीन से भयंकर रिलेट कर रहे हैं.

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद फिल्म लक्ष्य का ये सीन इंटरनेट पर वायरल है.

Operation Sindoor. 06 और 07 मई की दरमियानी रात Pakistan और PoK के आतंकी ठिकानों पर किया गया. वो हमला, जो Pahalgam में 26 निर्दोष सैलानियों को धर्म पूछ कर मारे जाने का जवाब था. हमला होने के कुछ घंटों बाद से ही देश की जनता किसी न किसी तरीके अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करा रही है. ख़ून में वो उबाल जो भारतवासी अपनी नसों में महसूस कर रहे हैं, उसे सोशल मीडिया पर तीखे शब्दों के ज़रिए व्यक्त कर रहे हैं. इस सबके बीच Hrithik Roshan और Preity Zinta स्टारर फिल्म Lakshya का एक सीन वायरल हो रहा है. लोग इस वीडियो क्लिप को अपने सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं. इस क्लिप में सेना का एक जवान कह रहा है कि जंग कोई नहीं चाहता, मगर देश को थाली में परोसकर दुश्मन को तो नहीं दे सकते. 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद के के मेनन की फिल्म 'शौर्य' का सीन वायरल हुआ था. अब ‘लक्ष्य’ का सीन छाया हुआ है. 

‘लक्ष्य’ फिल्म का ये सीन कुछ ऐसा है कि पत्रकार रोमिला दत्ता (प्रीति जिंटा) कारगिल युद्ध का लाइव कवरेज करने ग्राउंड पर गई है. कैप्टन अबीर सक्सेना जिनसे वो एक बार मिली थी, वो लड़ाई में शहीद हो जाते हैं. उनका क्षत-विक्षत शव बॉर्डर से बेस पर लाया जाता है. ये सब देखकर रोमिला विचलित हो जाती है. कैंटीन में अपने साथियों और कुछ फौजियों के बीच बैठीं रोमिला कहती है-

"मुझे समझ नहीं आता, क्यों होती है जंग? क्यों मारे जाते हैं लोग इस तरह? कब समझेंगे लोग कि इंसान की मुसीबतों का इलाज जंग नहीं, अमन है. शांति है."

तभी उस शहीद फौजी का साथी रोमिला की बातें सुन ग़ुस्से से भर जाता है और कहता है-

"अमन और शांति पर लेक्चर देना है, तो कहीं और जाओ. तुमको अमन और शांति चाहिए? हमको भी अमन और शांति चाहिए. तो क्या करें? हाथ जोड़कर खड़े हो जाएं उनके सामने? थाली में सजा के अपना मुल्क हवाले कर दें उनके? कैप्टन अबीर सक्सेना को भी अमन और शांति चाहिए थी. पर वो तो नहीं गया था किसी के मुल्क पर हमला करने. हमला अबीर के मुल्क पर किया गया है. वो जिस सड़क, जिस ज़मीन पे मारा गया है, वो हिंदुस्तान की सड़क है. हिंदुस्तान की ज़मीन है. जाओ पहले, अबीर सक्सेना की बॉडी को देखो. उसके बाद बात करना."

ये सीन इंटरनेट पर आग की तरह फैल रहा है. लोग इंस्टाग्राम से लेकर ट्विटर और फेसबुक, हर जगह इसे शेयर कर रहे हैं. 

X  पर एक यूज़र ने लिखा -

"इस वक्त अमन और शांति की बात करने वाले लूज़र्स के लिए 'लक्ष्य' का ये सीन ईमानदार जवाब है."

मोहित सिंह नाम के यूज़र ने X पर लिखा - 

"आतंकवादी राष्ट्र पाकिस्तान से शांति की बात करने से पहले लक्ष्य फिल्म का ये सीन देख लेना. जय हिंद."

इंस्टाग्राम पर एक यूज़र ने लिखा -

"ये सीन तगड़ी चोट करता है."

ss
इंस्टाग्राम पर भी ऋतिक और प्रीति जिंटा की फिल्म का ये सीन छाया हुआ है. 

2004 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘लक्ष्य’ का लिरिक्स, इसके डायलॉग, इसके गाने जावेद अख़्तर ने लिखे. फ़रहान अख़्तर ने इसे डायरेक्ट किया. ये करण शेरगिल नाम के एक आलसी और लक्ष्यहीन युवा की कहानी है. वो दिल्ली के एक रईस व्यापारी का बेटा है.  माता-पिता की डांट से बचने के लिए भारतीय सेना की परीक्षा देता है. भर्ती भी हो जाता है. मगर वहां का कड़क अनुशासन देख भाग आता है. भाग आने पर पिता और प्रेमिका के कड़े शब्द उसके ज़मीर को झिंझोड़कर रख देते हैं. वो दोबारा आर्मी कैम्प पहुंचता है. ट्रेनिंग पूरी करता है. फिर कारगिल जंग छिड़ती है. करण शेरगिल पंजाब रेजिमेंट की तीसरी बटालियन का हिस्सा है. जो पाकिस्तान द्वारा LOC के पास हथियाए गए पीक 5179 पर दोबारा तिरंगा फ़हराता है. फिल्म में करण शेरगिल का किरदार ऋतिक रोशन ने निभाया. प्रीति ज़िंटा, अमिताभ बच्चन, अनुपम खेर और बोमन ईरानी भी फिल्म में अहम रोल्स में थे.

वीडियो: ऑपरेशन सिंदूर पर सिनेमा जगत के लोगों ने क्या रिएक्शन दिये?