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"कुक, ट्रेनर का पैसा प्रोड्यूसर से लेते हो, खुद्दारी नहीं है क्या", स्टार कल्चर पर जमकर बरसे आमिर!

आमिर ने स्टार कल्चर पर बात करते हुए सुपरस्टार्स से सवाल पूछा, कि उनके ड्राइवर और बॉय का पैसा भला प्रोड्यूसर क्यों देगा.

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आमिर से पहले अनुराग कश्यप भी आज के सुपरस्टार कल्चर की आलोचना कर चुके हैं.

बीते कुछ सालों से Bollywood का स्टार कल्चर सवालों के घेरे में रहा है. कई फिल्ममेकर्स इस मसले पर स्टार्स की आलोचना कर चुके हैं. प्रोड्यूसर कहते हैं कि स्टार्स की गैर-ज़रूरी डिमांड की वजह से फिल्म का बजट आसमान छू जाता है. अब Aamir Khan ने भी इस पर बात की है. कोमल नाहटा को दिए एक हालिया इंटरव्यू में उनसे स्टार्स के बोलबाले पर सवाल किया गया. इस पर आमिर ने लंबा-चौड़ा जवाब दिया:

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स्टार्स का बोलबाला एक हद तक तो अच्छा है और होना भी चाहिए. कि हमारे स्टार्स हैं. हमको मज़ा आता है, हमको भी देखकर कि स्टार, स्टार है. लेकिन जब स्टार एक हद से ज़्यादा हो जाता है. जब आप प्रोड्यूसर को तंग करने लगते हो, आपकी जो ज़रूरतें हैं, जब मैं सुनता हूं तो मुझे बहुत कोफ़्त होती है. इंडस्ट्री में जब मैं आया तो एक सिस्टम था कि जो स्टार आता है तो उसके ड्राइवर का पैसा और उसके बॉय का पैसा प्रोड्यूसर देता है. तो मैंने सोचा कि यार, बॉय और ड्राइवर तो मेरे लिए काम कर रहे हैं. प्रोड्यूसर क्यों पैसा देगा? मैं बहुत खुद्दार आदमी हूं. मुझे नहीं चाहिए कि आप मेरे पैसे दो, मतलब क्या मेरे बच्चे की स्कूल फीस भी आप दोगे? कहां रुकता है ये सब, यार? तो मुझे लगता है कि प्रोड्यूसर को सिर्फ़ उतना ही खर्च करना चाहिए जो फिल्म से जुड़ा हुआ है. आप मेकअप मैन का पैसा दे दो. आप हेयर ड्रेसर का पैसा दे दो. आप कॉस्ट्यूम पर्सन का पैसा दे दो. ये सब फिल्म के लिए है. मेरा बॉय और ड्राइवर तो मेरा है भाई. वो मेरे लिए काम कर रहे हैं. मैं उनको पैसे दूंगा और मैं अच्छा कमा रहा हूं, मैं उनको अच्छे पैसे दूंगा. तो मैंने शुरुआत से ये रूल बनाया है कि मेरा बॉय और ड्राइवर पैसे नहीं लेते हैं. मेरे करियर की शुरुआत से.

आमिर ने आगे कहा:

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अब 37 साल हो गए. और आज जब मैं सुनता हूं कि ड्राइवर और बॉय तो भूल ही जाओ, मतलब आज भी स्टार्स ड्राइवर का पैसा, उनकी जो मंथली सैलरी है, वो नहीं देते, प्रोड्यूसर देता है. और जो बॉय आपके लिए चाय लाता है, पैकिंग में मदद करता है, आपके लिए पूरा टाइम काम करता है, उसके पैसे भी प्रोड्यूसर देता है. ये दो हो गए. फिर आपका जो ट्रेनर है, वो भी प्रोड्यूसर देता है. आजकल मैंने सुना है कि जो कुक है, आजकल सेट पर कुक्स आते हैं. लाइव किचन होता है और उसका भी पैसा प्रोड्यूसर देता है. कुकिंग वैन भी जाती है, जिम वैन भी जाती है. मैं ये नहीं कह रहा हूं कि अगर आपको ये चीज़ें चाहिए तो आप मत रखो. रखो. लेकिन पैसे आप दीजिए ना. ट्रेनर आपके लिए है, कुक आपके लिए है. फिर करना क्या है आपको, जब आप इतने बड़े स्टार हो, आपको करोड़ों मिल रहे हैं, तो आपकी इतनी खुद्दारी नहीं है कि अपनी ज़रूरतों का खर्चा खुद उठाओ. मुझे बहुत अजीब लगता है ये. ये बहुत दुखद है और इंडस्ट्री के लिए बहुत हानिकारक है.

एक्टर के तौर पर मेरी कोशिश होनी चाहिए कि मेरी वजह से प्रोडक्शन पर कम से कम बोझ हो. क्योंकि सब कुछ फिल्म पर ही निर्भर करता है. कम से कम बोझ होना चाहिए. चाहे वो एक्टर हो, चाहे वो DOP हो, चाहे वो प्रोडक्शन डिज़ाइनर हो, चाहे वो म्यूज़िक डायरेक्टर हो. हर टीम प्लेयर का नज़रिया ये होना चाहिए कि मेरी वजह से फिल्म पर कम से कम बोझ पड़े. इसी को टीम प्लेयर कहते हैं. वरना आप कौन से टीम प्लेयर हो? पता नहीं किस टीम के लिए खेल रहे हो. टीम तो यही है ना भाई.

बता दें कि आमिर से पहले अनुराग कश्यप भी स्टार कल्चर की आलोचना कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि आज कल फिल्म पर जितना खर्चा होता है, उसमें से ज़्यादातर फिल्म बनाने पर लगता ही नहीं है.   

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