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बिहार में 4 जून के बाद फिर से बदल जाएगी सरकार? तेजस्वी यादव का जवाब सुन लीजिए

Tejashwi Yadav ने कहा है कि वो Nitish Kumar से जुड़े कुछ सवालों के जवाब अपनी किताब में लिखकर देंगे. 4 जून के बाद Bihar में क्या होगा? इस सवाल के जवाब में उन्होंने जो कहा, उसे सबको जानना चाहिए.

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तेजस्वी ने कहा है कि वो एक दिन किताब लिखेंगे. (तस्वीर साभार: PTI)

राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ वापसी पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. लल्लनटॉप से खास बातचीत में उनसे पूछा गया था कि वो नीतीश कुमार पर तीखी टिप्पणी करने से क्यों बच रहे हैं? क्या 4 जून को (वोटों की गिनती के बाद) फिर से बिहार का घटनाक्रम बदलने वाला है? तेजस्वी ने जवाब में कहा- "बोल के क्या फायदा है. उनको (नीतीश कुमार) जो करना है कर दिए. अब हम लोगों का एजेंडा वो नहीं रह गया. हमारे सामने अलग चुनौती है. नीतीश जी ने कहा था कि जो 2014 में आए हैं उनको 2024 में जाना पड़ेगा. हम उनके एजेंडे के साथ काम कर रहे हैं. उन्होंने जो सिखाया है, वही काम कर रहे हैं."

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दरअसल, बात जनवरी 2024 की हो रही थी. नीतीश कुमार ने RJD का साथ छोड़ दिया था और वापस भाजपा के साथ चले गए थे. इसके बाद फ्लोर टेस्ट के दौरान तेजस्वी यादव ने विधानसभा में एक भाषण दिया. उनके इस भाषण की प्रशंसा हुई. प्रशंसा इसलिए क्योंकि उन्होंने अपने भाषण में बहुत ही सलीके से नीतीश कुमार पर तंज कसा. सलीके से इसलिए क्योंकि उनके भाषण में तंज तो था, लेकिन साथ में नीतीश कुमार के लिए सम्मान भी था. इसके बाद लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान चुनाव प्रचार में भी तेजस्वी ने नीतीश कुमार के खिलाफ तीखा रूख नहीं अपनाया.

सरकार गिराने के आरोप पर क्या बताया?

तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के RJD से अलग होने के कारणों पर भी चर्चा की. दरअसल, लालू यादव और तेजस्वी यादव पर आरोप लगा था कि उन्होंने जदयू नेता ललन सिंह के साथ मिलकर नीतीश कुमार की सरकार को गिराने की प्लानिंग की थी. इसमें 12 से ज्यादा विधायक भी शामिल थे. आरोप लगाया गया था कि नीतीश की सरकार गिरी तो तेजस्वी बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे. मामला बढ़ा. कहा जाता है कि नीतीश कुमार को इस बात की भनक लग गई. इसके बाद ललन सिंह ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया. कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि ललन सिंह से इस्तीफा ले लिया गया था. 

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तेजस्वी ने इस मसले पर कहा,

"लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ना था हमको? कभी ऐसी कोई बात आई? हम क्यों तोड़ेंगे (नीतीश की पार्टी)? सब बेकार की बात है."

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इसके बाद तेजस्वी से सवाल पूछा गया कि क्या जदयू के अंदर ललन सिंह की राजनीति ऐसे ही निपट गई? तेजस्वी ने इसके जवाब में कहा,

"एक दिन किताब लिखूंगा तो इस घटनाक्रम के बारे में बताऊंगा. कुछ लोग हैं वहां. नीतीश कुमार नहीं चाहते थे (RJD से अलग होना). कुछ लोगों ने बहुत ही नाटकीय ढंग से उन्हें मैन्यूपुलेट किया."

इससे पहले भी तेजस्वी ने एक ऐसा ही बयान दिया था. इसके बाद इस बात पर सवाल खड़ा हो गया था कि क्या नीतीश और तेजस्वी फिर से साथ आने वाले हैं? 14 मई को मीडिया कर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि उन्हें नीतीश कुमार का आशीर्वाद प्राप्त है. और तेजस्वी उनकी इच्छा के अनुसार काम कर रहे हैं. 

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