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100 करोड़ के भ्रष्टाचार के आरोप पर क्या बोले राजा भैया?

रघुराज प्रताप सिंह की लेन-देन वाली डायरी में क्या था?

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इस पर राजा भैया ने कहा प्लानिंग के तहत हमें फसाने की कोशिश की गई
रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया. यूपी के वो नेता जिन्होंने 1993 से आजतक चुनाव में हार का मुंह नहीं देखा है. राजा भैया का नाम कुंडा में खौफ का पर्याय माना जाता है. उनके बारे में कई ऐसे किस्से हैं, जिन्हें उनके चुनाव क्षेत्र कुंडा ही नहीं बल्कि पूरे प्रतापगढ़ में सुना जा सकता है. राजा भैया अपनी बाहुबली छवि से इन्कार करते हैं, हालांकि ये सवाल बार-बार उनके सामने आ खड़ा होता है. वहीं उन पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगते रहे हैं. ऐसे में जब दी लल्लनटॉप के चुनावी कार्यक्रम 'जमघट' में राजा भैया पहुंचे तो उनसे ये सवाल भी किया गया. हमारे संपादक सौरभ द्विवेदी ने रघुराज प्रताप सिंह से पूछा,
आप जब मंत्री बने और आपको खाद्य और रसद विभाग मिला, इसके बाद आप पर इल्ज़ाम लगता है कि रघुराज प्रताप सिंह के लेन-देन से जुड़ी एक डायरी मिली. रघुराज प्रताप सिंह को बतौर मंत्री 100 करोड़ रुपये की घूस दी गई. डायरी के हर पन्ने पर आपकी पत्नी के दस्तख़त थे. इस घोटाले की सच्चाई क्या है?
इसके जवाब में रघुराज प्रताप सिंह ने कहा,
जबसे हम मंत्री बने हैं, अब तक कोई भी घोटाला नहीं हुआ है. इस घोटाले की जांच CBI कर रही थी. ये हमारे मंत्री बनने के पहले का प्रकरण है. जो भी डायरी और दस्तावेज़ प्रस्तुत किए गए वे एक प्लानिंग के तहत किए गए. इसकी कोई प्रामाणिकता नहीं है. सारे काग़ज़ात फ़र्ज़ी हैं. जांच एजेंसी ने इन सब दस्तावेजों को ख़ारिज कर दिया है.
राजा भैया ने आगे कहा कि इन इल्ज़ामों को वो उस वक़्त भी ख़ारिज किया करते थे और अब भी इनका खंडन करते हैं. कौन हैं राजा भैया रघुराज प्रताप सिंह को राजा भैया के नाम से जाना जाता है. वो अपने पैतृक स्थानीय विधानसभा क्षेत्र कुंडा से निर्दलीय एमएलए हैं. राजा भैया ने 16 नवंबर 2018 को घोषणा की थी कि वो अपनी पार्टी 'जनसत्ता दल लोकतांत्रिक' बना रहे हैं. 2007 के उत्तर प्रदेश चुनाव में राजा भैया ने कुंडा से ही बहुजन समाज पार्टी के शिव प्रकाश मिश्रा को बुरी तरह से हराया. तब भी वो निर्दलीय के रूप में खड़े हुए थे. राजा भैया की पहचान एक दंबग नेता की बताई जाती है. विवादों से उनका बहुत पुराना नाता है. कुंडा से लगातार पांच बार निर्दलीय विधायक चुने गए राजा भैया पर अब तक कई मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. इनमें हत्या के प्रयास, डकैती, लूटपाट, बलवा, मारपीट, शांति भंग, दंगा करवाने जैसे आरोप शामिल हैं.