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Patliputra Lok Sabha Result: पाटलिपुत्र में लालू यादव की बेटी मीसा भारती आगे, राम कृपाल की हैट्रिक नहीं बनेगी!

Misa Bharti Patliputra Results: बिहार की पाटलिपुत्र सीट से लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती आगे चल रही हैं. इस सीट पर उनका मुकाबला बीजेपी के Ram Kripal Yadav से है.

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पाटलिपुत्र सीट से मीसा भारती आगे चल रही हैं

बिहार के पाटलिपुत्र लोकसभा सीट (Patliputra loksabha Results 2024) से राजद की मीसा भारती (Misa Bharti) आगे चल रही हैं. इस सीट पर उनका मुकाबला दो बार के बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव (Ram Kripal Yadav) से है. इलेक्शन कमीशन के मुताबिक मीसा भारती 56,483 वोट की बढ़त बना चुकी हैं. उनको अब तक 3,30,985 वोट मिले हैं जबकि रामकृपाल यादव को 2,74,502 वोट मिले हैं. मीसा भारती इससे पहले 2014 और 2019 में रामकृपाल यादव से चुनाव हार चुकी हैं. 

2014 और 2019 के चुनाव नतीजे

साल 2014 में हुए लोकसभा के आम चुनाव में रामकृपाल यादव भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. इस साल चुनाव में राजद ने मीसा भारती को अपना प्रत्याशी बनाया था. मीसा भारती 3,42,940 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहीं. जबकि रामकृपाल यादव को 3,83,262 वोट मिले थे.

साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में जहां केंद्र की मोदी सरकार ने दोबारा सरकार बनाई, वहीं पाटलिपुत्र से सांसद बनकर  रामकृपाल यादव दूसरी बार संसद पहुंचे.  इस चुनाव में जहां रामकृपाल यादव को 5,09,557 वोट मिले तो वहीं राजद के मीसा भारती को 4,70,236 वोट प्राप्त हुए थे.

2014 के लोकसभा चुनावों में रामकृपाल यादव की जीत का मार्जिन जहां 40 हजार वोट रहा. वहीं 2019 में ये मार्जिन 39 हजार वोटों का हो गया.  

पाटलिपुत्र लोकसभा सीट का स्वरूप और जातीय समीकरण

पाटलिपुत्र लोकसभा सीट 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई. इससे पहले पटना के लिए केवल एक लोकसभा सीट थी. परिसीमन के बाद इसे दो सीटों में बांटा गया. एक पाटलिपुत्र और दूसरा पटना साहिब.

2019 के चुनावी आंकड़ों के मुताबिक इस सीट पर करीब 20 लाख वोटर हैं. सियासी जानकारों के मुताबिक इस सीट पर यादवों के बाद भूमिहार, ब्राह्मण, कोइरी, कुर्मी और दलित मतदाता प्रभावी संख्या में हैं.

 लालू यादव भी इस सीट से हारे हैं

पाटलिपुत्र बिहार की सबसे चर्चित सीटों में से एक रही है, क्योंकि पिछले दो चुनाव से हार का सामना कर रही बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती तीसरी बार फिर से मैदान में है. वहीं बीजेपी ने तीसरी बार  सांसद सिटिंग रामकृपाल यादव पर फिर से भरोसा जताया है. 
पाटिलपुत्र लोकसभा पहली बार अस्तित्व में 2009 में आई, तब से यहां NDA का ही कब्जा है. इस सीट की सबसे बड़ी खासियत यह रही है कि इसपर हमेशा से लालू परिवार को मुंह की खानी पड़ी है और उन्हें उनके सहयोगियों ने ही धूल चटाई है. साल 2009 में परिसीमन के बाद पहली बार अस्तित्व में आई इस सीट पर लालू यादव ने चुनाव लड़ा और उन्हें एक समय के उनके सहयोगी रंजन यादव ने जेडीयू की टिकट पर चुनाव लड़कर हरा दिया. उसके बाद से एक वक्त में उनके सबसे सहयोगी रहे रामकृपाल यादव ने उनकी बेटी को दो बार लगातार चुनाव हराया.

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विधानसभा सीट के लिहाज से INDIA गठबंधन मजबूत
पाटलिपुत्र लोकसभा सीट में 6 विधासभा सीट हैं. और पिछले विधानसभा चुनाव में NDA गठबंधन यहां एक भी सीट नहीं जीत पाई. सारी सीटें विपक्ष के खाते में गईं. इस चुनाव में दानापुर, मनेर और मसौढ़ी सीट पर RJD ने कब्जा किया. फुलवारी और पालीगंज सीट पर CPI(ML) को जीत मिली. जबकि बिक्रम सीट कांग्रेस के खाते में गई. लोकसभा चुनावों से कुछ दिन पहले बिक्रम के कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ सौरभ पाला बदल कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं. इसके काउंटर में कांग्रेस ने भाजपा के पुराने नेता अनिल शर्मा को शामिल किया. यह भी एक बार भाजपा के टिकट पर यहां से विधायक रह चुके हैं.

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