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पंजाब चुनाव 2022: AAP के आगे सुखबीर सिंह बादल की एक न चली, सारे गणित फेल

2019 के उपचुनाव में सीट जीतने वाली कांंग्रेस का क्या हाल है?

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(दाएं से बाएं) SAD के सुखबीर सिंह बादल और आप के जगदीप कंबोज (साभार-फेसबुक)

पंजाब के पांच बार के सीएम प्रकाश सिंह बादल (Praksash Singh Badal) के बेटे और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के सांसद सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) की जलालाबाद (Jalalabad) सीट से हार हुई है. यहां AAP प्रत्याशी जगदीप कंबोज गोल्डी (Jagdip Kamboj) ने सुखबीर सिंह बादल को 30,930 वोटों के अंतर से हराया है. जगदीप कंबोज को 91,455 वोट, वहीं सुखबीर बादल को 60,525 वोट मिले. यह सीट फिलहाल कांग्रेस के पास थी. यहां से कांग्रेस के रमिंदर सिंह विधायक हैं. लेकिन कांग्रेस ने मोहन सिंह को टिकट दिया था, जिन्हें 8,771 वोट ही मिल पाए. जलालाबाद में इस बार 80 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो 2017 से 7.01 प्रतिशत कम था.

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सीट के रिजल्ट की डीटेल यहां देखें-


Jalalabad Result
स्क्रीनशॉट: भारत निर्वाचन आयोग वेबसाइट

आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार जगदीप कंबोज गोल्डी (Jagdeep Kamboj Goldy) पहली बार चुनाव मैदान में उतरे थे. कंबोज ने कांग्रेस छोड़कर AAP का दामन थामा था. जगदीप कंबोज को युवा और बदलाव चाहने वाले मतदाताओं का समर्थन लगातार मिला. चुनाव आयोग के पास दायर चुनावी हलफनामे के अनुसार उनका पेशा कृषि और व्यवसाय है. जगदीप कंबोज की पढ़ाई स्नातक तक हुई है वे 37 साल के हैं.

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जलालाबाद, पंजाब के फाजिल्का जिले की एक विधानसभा सीट है. जलालाबाद सीट 1967 में बनी थी. जलालाबाद सरहदी क्षेत्र है. इस विधानसभा हलके की लगभग 40 किलोमीटर लंबी सीमा पाकिस्तान के साथ लगती है. ये विधानसभा सीट संसदीय चुनाव में फिरोजपुर संसदीय सीट के तहत आती है जहां शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल सांसद हैं. जलालाबाद विधानसभा सीट शिरोमणि अकाली दल का गढ़ रही है. 2017 के चुनाव में भी पंजाब की हॉट सीट में से एक थी. इस सीट से बादल परिवार के सुखबीर सिंह बादल और आम आदमी पार्टी के भगवंत मान आमने-सामने थे. सुखबीर सिंह बादल इस चुनाव में 18,500 वोट से जीते थे.

2019 के उपचुनाव में कांंग्रेस जीती थी

2019 में सुखबीर सिंह बादल के सांसद चुने जाने के बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी. कांग्रेस के रमिंदर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल के राज सिंह को 16 हजार वोट से अधिक के अंतर से हरा दिया था. 2012 में भी इस सीट से सुखबीर सिंह बादल जीते थे. इससे पहले जलालाबाद विधानसभा सीट से 1977 और 1985 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के मेहताब सिंह, 1980 में कांग्रेस के मांगा सिंह, 1992 में कांग्रेस के हंसराज, 1997 और 2007 में शिरोमणि अकाली दल के शेर सिंह चुनाव जीत चुके हैं. जलालाबाद सीट पर आज तक 2 उपचुनाव समेत 14 बार इलेक्शन हो चुके हैं. इसमें से 5 बार शिरोमणि अकाली दल, 5 बार कांग्रेस और 4 बार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जीती है.

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क्षेत्र के मुद्दे क्या हैं?

जलालाबाद विधानसभा क्षेत्र में करीब 198 गांव है और शहरी इलाका भी है. यहां गांवों में स्कूल, पीने का पानी, गांवों की कच्ची गलियों जैसे मुद्दे हैं. बेरोजगारी भी यहां की बड़ी समस्या है, इलाके में कोई बड़ी इंडस्ट्री नहीं है, जहां लोगों को नौकरियां वगैरह मिल सकें. युवा इस मुद्दे पर खुलकर अपनी नाराजगी जताते रहे हैं. जलालाबाद में बिरादरीवाद हावी रहता है. यह सीट राय सिख बहुल इलाका है. इस सीट पर सबसे ज्यादा वोट राय सिख बिरादरी के ही हैं.

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