कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के संबंधों को लेकर काफी बात होती है. राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान कन्हैया को राहुल और तेजस्वी के रथ पर जगह नहीं मिली. इसके बाद भी सवाल उठा कि क्या तेजस्वी कन्हैया कुमार की उपस्थिति से सहज नहीं हैं. इनके बीच सब ठीक नहीं है. कन्हैया कुमार ने लल्लनटॉप के खास शो ‘जमघट’ में इन सवालों का जवाब दिया है.
तेजस्वी से आपके संबंध अच्छे नहीं? कन्हैया कुमार ने खुद इस सवाल का जवाब दिया है
कांग्रेस नेता Kanhaiya Kumar ने Tejashwi Yadav के साथ अपने संबंधों के बारे में खुल कर बात की है. इसके अलावा उन्होंने नीतीश कुमार और Prashant Kishor की चुनावी संभावनाओं पर भी अपनी राय रखी है. और हर घर को सरकारी नौकरी दिए जाने के वादे पर भी जवाब दिया है.


लल्लनटॉप के संपादक सौरभ द्विवेदी ने कन्हैया कुमार से पूछा कि वोटर अधिकार यात्रा के दौरान जो विजुअल्स आए उससे ये लग रहा था कि कन्हैया रथ पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन उनको रोक दिया गया. कन्हैया का जवाब था,
राहुल गांधी बिहार आए थे. हम लोग होस्ट थे. रथ पर हर पार्टी से एक या दो लोग बैठने थे. हमारी पार्टी से पहले से ही ओवर रिप्रेजेंटेशन था. राहुल गांधी थे, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, कांग्रेस के विधायक दल के नेता शकील अहमद खान, राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह और सांसद मनोज राम रथ पर थे. और पार्टी प्रोटोकॉल के हिसाब से हमसे पहले हमारे प्रभारी (कृष्णा अल्लावरु) को रथ पर बैठना चाहिए था. लेकिन वो भी पैदल चल रहे थे. ये कोई मुद्दा ही नहीं था. जबरदस्ती का मुद्दा बनाया गया. लेकिन बार बार ये बातें बोली जाती हैं कि हमारे और उनके(तेजस्वी यादव) के बीच सब कुछ सहज नहीं है तो फिर ये मसाला लाइक्स हिट सनसनी के लिए बातें की जाती हैं. और मेरा इस पर कोई कंट्रोल भी नहीं है.
महागठबंधन के सीएम फेस तेजस्वी यादव ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में हर घर में एक सरकारी नौकरी देने का वादा किया है. हर घर में सरकारी नौकरी देना क्या मुमकिन है? इस सवाल पर कन्हैया ने बताया,
देखिए उसमें दो तीन बातें हैं. हालांकि इसका उपयुक्त जवाब खुद तेजस्वी जी देंगे, अगर वो आपको इंटरव्यू देंगे तो वो डिटेल्स बताएंगे. एक तो कितने घर हैं. पहले उसका नंबर पता चले जो कि कास्ट सर्वे के डेटा से पता चला होगा. दूसरा उसमें से कुछ घर ऐसे होंगे, जहां ऑलरेडी नौकरी होगी. आप उसको इस लिस्ट से हटा देंगे. फिर जो घर बचेंगे उसमें जो पढ़े लिखे लोग होंगे उन्हीं को नौकरी देंगे ना. तीसरा जब हम नौकरी कहते हैं तो बेसिकली काम कहते हैं. अगर हम काम कह रहे हैं तो काम देना संभव है. जहां भी सरकार की भागीदारी से कुछ चल रहा है वहां नौकरी दी जा सकती है.
कन्हैया कुमार ने इस इंटरव्यू में तेजस्वी यादव के अलावा अपनी राजनीतिक यात्रा, बिहार के पिछड़ेपन, विकास की संभावनाओं और मौजूदा चुनावी राजनीति के बारे में खुलकर बात की है. लल्लनटॉप के यूट्यूब चैनल और वेवसाइट पर इस इंटरव्यू को विस्तार से देख सकते हैं.
वीडियो: जमघट: कन्हैया कुमार ने तेजस्वी यादव के वायरल वीडियो के पीछे की असली कहानी बताई

















.webp)



