महाराष्ट्र में शिवसेना उद्धव ठाकरे (UBT) पार्टी की ओर से अमोल कीर्तिकर (Amol Kirtikar ED notice) को लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के लिए टिकट दिया गया. उनको मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से टिकट मिला. इसके तुरंत बाद प्रर्वतन निदेशालय (ED) ने अमोल से पूछताछ के लिए समन भेजा. ED ने उनको कोविड खिचड़ी घोटाले के संबंध में पूछताछ के लिए तलब किया है.
'उद्धव ठाकरे के टिकट देते ही कैंडिडेट के पास पहुंचा ED का समन', कहा- इस घोटाले में पूछताछ होगी
Lok Sabha Election के लिए Shiv Sena Uddhav thackeray की ओर से Amol Kirtikar के नाम की घोषणा हुई. जिसके कुछ देर बाद ED ने उन्हें खिचड़ी घोटाला मामले में समन भेज दिया. ये खिचड़ी घोटाला क्या है?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इससे पहले मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले की जांच की थी. कहा गया कि अमोल उन कथित लाभार्थियों में से एक थे, जिन्हें खिचड़ी के ठेकेदारों ने पैसे भेजे थे.
अमोल को ED के समन पर प्रतिक्रिया देते हुए UBT नेता संजय राउत ने कहा,
"जैसे ही लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार के रूप उनके (अमोल) नाम की घोषणा की गई, उन्हें ED का समन मिला. ये सिर्फ डराने की कोशिश है, लेकिन हम डरेंगे नहीं."
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कोरोना महामारी के दौरान बृहनमुम्बई महानगरपालिका (BMC) ने प्रवासी मजदूरों को खिचड़ी बांटने का फैसला किया था. इस मामले में कांट्रैक्ट देने में कई तरह की अनियमितताओं का आरोप लगा.
इस मामले में दर्ज FIR के अनुसार, नियमों से इतर जाकर कांट्रैक्ट हासिल किए गए. पिछले साल 1 सितंबर को आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने इस मामले में केस दर्ज किया था. BMC के अधिकारियों और कुछ अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था. शुरूआती जांच में BMC से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया. बाद में इस मामले में खुलासा हुआ कि मजदूरों को 250 ग्राम की जगह लगभग 125 ग्राम खिचड़ी ही दी गई थी. बाद में इस मामले को ED को सौंप दिया गया.
इसी महीने की शुरुआत में ED के मुबंई जोनल ऑफिस ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 (PMLA) के तहत इस मामले में कार्रवाई की थी. इस मामले के एक आरोपी सूरज चव्हाण के मुबंई स्थित एक फ्लैट सहित 88.51 लाख रुपए की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच कर लिया गया था.
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