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'पाक प्रेमी अखिलेश' हैशटैग पर अखिलेश यादव ने बीजेपी पर क्या आरोप लगा दिया?

पूर्व सीडीएस बिपिन रावत का बयान भी याद दिला गए अखिलेश.

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(बाएं) सौरभ द्विवेदी, (दाएं) अखिलेश यादव. दिवंगत बिपिन रावत की तस्वीर पीटीआई से साभार है.
विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश का सियासी माहौल गरम है. वहीं रेलवे भर्ती के मुद्दे पर युवाओं के विरोध प्रदर्शन से ये सियासी गरमी अभी और बढ़नी तय है. इस बीच दी लल्लनटॉप ने इंटरव्यू किया उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का. हमारे संपादक सौरभ द्विवेदी ने अखिलेश यादव से उनकी पार्टी की इमेज से लेकर उनके समय की सरकार के कामकाज से जुड़े कई सवाल पूछे. इंटरव्यू में अखिलेश से पूछा गया कि जब बीजेपी उन्हें 'पाक प्रेमी अखिलेश' कहकर हैशटैग चलाती है तो वे क्या सोचते हैं. अखिलेश ने इसका जवाब देने के लिए पूर्व सीडीएस दिवंगत जनरल बिपिन रावत का हवाला दिया. अखिलेश से सवाल किया गया था,
"एक हैशटैग भाजपा चला रही थी #पाक_प्रेमी_अखिलेश. आपने इकनॉमिक टाइम्स अखबार को इंटरव्यू दिया था जिसमें आपने बीजेपी की रणनीति पर बात की थी. क्या आप बताना चाहेंगे कि वो पूरा प्रसंग क्या था और इस हैशटैग पर आपकी क्या टिप्पणी है?"
इस सवाल का जवाब देते हुए अखिलेश ने पहले किसानों का जिक्र किया. उन्होंने कहा,
"बीजेपी कभी भी असली मुद्दों पर नहीं लड़ना चाहती. वो जानबूझकर ऐसे मुद्दे उठाती है जिनसे कहीं न कहीं समाज में खाई पैदा हो, या उन मुद्दों को उठाती है जिनसे उसे लाभ पहुंचे. स्वाभाविक है, पॉलिटिकल पार्टी है. वो सब सवाल उठाएगी. जब से भारतीय जनता पार्टी ने अन्याय किया है किसानों पर, मैं अपनी जेब में अन्न की एक पोटली लेकर चलता हूं. हरेक से समर्थन मांगता हूं कि अन्नदाता के साथ जो अन्याय जो अत्याचार हुआ है, ऐसा करने वाले के खिलाफ मतदान कर उन्हें हटाएंगे या नहीं हटाएंगे. मैं अभी भी आपको पोटली निकालकर दिखा सकता हूं. बीजेपी को तकलीफ ये है कि किसान के सवाल पर वो बहस नहीं करना चाहती. उनका संकल्प पत्र उठाइए. पहला पन्ना कहता है कि किसानों की आय दुगुनी हो जाएगी. मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का भाषण सुना, कई बार बयान सुने, उन्होंने ये कहा कि 2022 तक किसानों की आय दुगुनी हो जाएगी. आज 2022 है. चुनाव में हम जा रहे हैं. किस फसल की या किस किसान की आय दुगुनी हो गई, ये बीजेपी बताए. और जिस समय महंगाई बढ़कर दुगुनी हो जाए, कमाई आधी होने लगे, तो कैसे खुशहाली आएगी? इसलिए जानबूछ कर हैशटैग चलाए जाते हैं."
इसके बाद अखिलेश ने दिवंगत सीडीएस बिपिन रावत का जिक्र किया. कहा,
"जहां तक पाकिस्तान का सवाल है, तो ये अपने ही बनाए हुए पहले सीडीएस का स्टेटमेंट नहीं सुनते हैं. इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है? बीजेपी के जिन नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हैशटैग चलाकर के ये कहा है, उन लोगों को अपने बनाए हुए पहले सीडीएस दिवंगत बिपिन रावत जी का बयान देखना चाहिए, जिन्होंने कई बार कहा कि हमारा नंबर वन दुश्मन चीन है, नंबर दो पाकिस्तान है. बड़ा दुश्मन चीन है, छोटा दुश्मन पाकिस्तान है. अगर ये नहीं कहा है, (क्योंकि) हम तो उन्हीं की बात कहेंगे. सीडीएस से बड़ा कौन है? हम विपक्ष के लोग हैं. अगर कोई हमसे सवाल करे तो हमारा जवाब क्या होगा. हम उन्हीं को तो फॉलो करेंगे. तो बीजेपी से कहो कि इतने बड़े अधिकारी फौज के थे, एक हादसे में उनकी जान चली गई, क्या उनके बयान पढ़ते थे? या फिर उनसे किसने स्टेटमेंट दिलवाया."
सपा अध्यक्ष ने जोर देते हुए कहा कि उन्होंने केवल बिपिन रावत की राय को माना है. अगर सीडीएस ये कह रहे हैं तो स्वाभाविक है वो बात वे भी कहेंगे.