पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल. बिहार के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक. शॉर्ट फॉर्म में इसे PMCH कहा जाता है. इन दिनों चर्चा में है. चर्चा की वजह है यहां पढ़ाई के लिए आई नर्सिंग स्टूडेंट्स की भूख हड़ताल. PMCH में GNM की पढ़ाई करने आईं नर्सिंग स्टूडेंट्स 16 दिनों से हड़ताल पर हैं. पिछले 5 दिनों से इनकी ये हड़ताल भूख हड़ताल में बदल गई है. कई छात्राओं की हालात भी गंभीर है. सोशल मीडिया पर #justice4gnmstudentspmch चलाया जा रहा है.
16 दिन से धरने पर क्यों बैठी हैं PMCH की नर्सिंग स्टूडेंट्स?
पटना के PMCH अस्पताल की नर्सिंग छात्राएं गर्दनीबाग़ धरनास्थल पर बीते 15 दिनों से आंदोलन कर रही हैं. मांगें नहीं मानी गईं तो छात्राओं ने अब भूख हड़ताल शुरू कर दी है.

क्या है पूरा मामला?
GNM नर्सिंग (GNM NURSING) साढ़े तीन साल का एक डिप्लोमा कोर्स है. 12वीं पास कर चुके स्टूडेंट्स इसके लिए एलिजिबल होते हैं. इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए पहले एंट्रेंस एग्जाम पास करना होता है फिर मेरिट के हिसाब से कॉलेज मिलता है. बिहार की राजधानी पटना में स्थित PMCH में उन्हीं स्टूडेंट्स को एडमिशन मिलता है जिनकी रैंक अच्छी होती है. ये तो हो गई एडमिशन की बात. अब सवाल ये कि आखिर राज्य के सबसे नामचीन कॉलेज में एडमिशन लेने के बाद ये लड़कियां हड़ताल पर क्यों बैठ गई हैं?

इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने बात की हड़ताल पर बैठी छात्राओं से. इन छात्राओं का कहना है कि PMCH, GNM नर्सिंग की 200 छात्राओं का हॉस्टल खाली करवा रहा है और उन्हें करीब 40 किलोमीटर दूर राजापाकर स्थित के नए हॉस्टल में जाने के लिए कह रहा है. नर्सिंग स्टूडेंट्स, PMCH के इसी फैसले का विरोध कर रही हैं. प्रदर्शनकारियों में शामिल पूनम बताती हैं,
हम 2022- 23 बैच के स्टूडेंट हैं. डेढ़ साल की ट्रेनिंग भी कर चुके हैं. अचानक प्रिंसिपल आकर हमें बोलती हैं कि तुम्हारा हॉस्टल तोड़ा जाएगा. इसे एक दिन के अंदर खाली करो. हमें इससे दिक्कत नहीं कि इसे नए सिरे से बनाया जाएगा. दिक्कत ये है कि हमें पटना से 40 किमी दूर भेजा जा रहा है राजापाकर. जहां भेजा जा रहा है वहां सुरक्षा का भी खतरा है. हम लोगों की डिमांड सिर्फ इतनी है कि जब हमारा एडमिशन PMCH में हुआ है तो हमारी ट्रेनिंग भी पटना PMCH में ही होनी चाहिए.

आगे पूनम बताती हैं,
एडमिशन के समय हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी कि हॉस्टल बदला जा सकता है. हमारे प्रॉस्पेक्टस में साफ तौर पर लिखा है नर्सिंग स्टूडेंट के लिए हॉस्टल मस्ट है. अगर छात्राओं का हॉस्टल बदलना है तो इसकी जानकारी काउंसिलग के टाइम पर दी जाएगी. मिडिल सेशन में छात्रों को कहीं और भेजने का कोई रूल ही नहीं है. सिर्फ नर्सिंग की छात्राओं को ही राजापाकर भेजा रहा है. इसके अलावा जितने भी मेडिकल स्टूडेंट हैं उनके रहने का इंतजाम पटना में किया गया है. उनके लिए हो सकता है तो हमारे लिए क्यों नहीं?
PMCH की GNM छात्राएं इस भीषण गर्मी में पटना के गर्दनीबाग में धरने पर बैठी हुई हैं. पिछले 5 दिन से भूख हड़ताल कर रही हैं. कई छात्राओं की तबीयत खराब हो चुकी है, लेकिन सरकार या मेडिकल कॉलेज की ओर से कोई नहीं आया. प्रदर्शन में शामिल एक दूसरी स्टूडेंट ने नाम न छापने की शर्त पर बताया,
आवाज़ उठाने की वजह से हम पर लाठीचार्ज किया गया. जिस जगह पर PMCH प्रशासन हमें भेज रहा है वहां कुछ समय पहले एक लड़की का मर्डर हुआ है. उसके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. अगर हमारे साथ कुछ गलत हुआ तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? सिटी मजिस्ट्रेट एमएच खान हमसे मिलने आते हैं. उनकी तरफ से धमकियां दी जाती हैं कि जल्द से जल्द अपनी भूख हड़ताल खत्म करो वरना फिर से लाठी चार्ज करेंगे.

इस मामले को लेकर हमने पीएमसीएच का पक्ष भी जानने की कोशिश की. हमने प्रिंसिपल वीना कुमारी को फोन किया तो उन्होंने पहले आवाज न आने की बात कही. हमने दोबारा कोशिश की तो फोन स्विच ऑफ आने लगा. इसके बाद हमने सुपरिटेंडेंट IS ठाकुर से बात करने की कोशिश की तो दूसरी तरफ से जवाब मिला कि सर अभी मीटिंग में बिजी हैं.
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