GPSSB यानी गुजरात पंचायत सर्विस सेलेक्शन बोर्ड ने एक भर्ती निकाली. तलाटी मंत्री की. बोलचाल की भाषा में तलाटी मंत्री को ग्राम पंचायत सचिव कहते हैं. अगर आपने पंचायत वेब सीरीज देखी हो, तो उसमें जो लीड कैरेक्टर हैं सचिव जी, वही वाले पंचायत सचिव. हुआ ये कि भर्ती आई 3,437 पदों के लिए. लेकिन आवेदन आ गए 17 लाख से भी अधिक. तलाटी मंत्री के लिए 12वीं पास की योग्यता मांगी गई थी. लेकिन बड़ी संख्या में डॉक्टर और इंजीनियर भी लाइन में लग गए.
पंचायत सचिव के एक पद के लिए 500 लोगों ने किया अप्लाई, 'गुजरात मॉडल' पर उठे सवाल
गुजरात सरकार ने पंचायत सचिव के 3,437 पदों के लिए भर्ती निकाली. आवेदन आ गए 17 लाख से भी अधिक. योग्यता मांगी गई थी 12वीं पास. लेकिन बड़ी संख्या में डॉक्टर और इंजीनियर भी लाइन में लग गए.

GPSSB ने कुल 3437 पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था. आवेदन की प्रक्रिया 28 जनवरी 2022 से 15 फरवरी 2022 तक चली. कुल आवेदन आए करीब 18 लाख. इनमें से एक लाख के लगभग आवेदन गलतियों की वजह से निरस्त कर दिए गए. अब बचे 17 लाख. यहां गौर करने वाली बात ये है कि इन पदों के लिए इंजीनियर्स, डॉक्टर्स और मास्टर्स डिग्री धारकों ने भी अप्लाई किया है. तेजस्वी पटेल भी इन्हीं में से एक हैं. तेजस्वी ने 2019 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. इंजीनियरिंग ग्रेजुएट होने के बावजूद 12वीं पास की पोस्ट के लिए क्यों अप्लाई किया? इस सवाल के जवाब में इंडिया टुडे से बात करते हुए तेजस्वी कहती हैं,
इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के लिए जो वैकेंसी आती है, वो 2 साल तक आई नहीं. घर की स्थिति को देखते हुए मैंने ये फील्ड चेंज करने का फैसला किया. मैं ऐसा करना नहीं चाहती थी. मैं इंजीनियर ही बनना चाहती थी. लेकिन मुझे ऐसा करना पड़ा. क्योंकि सरकार नई नौकरियां निकालती ही नहीं है.
तेजस्वी की ही तरह इंजीनयरिंग की डिग्री लिए और इस परीक्षा में बैठने जा रहे मयूर पटेल बताते हैं कि उनकी फील्ड में जो सरकारी वैकेंसी आती थी, उसका प्राइवेटाइजेशन हो गया है. प्राइवेट कंपनी को टेंडर दिया जाता है. मयूर ने 2017 मे इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन से इंजीनियरिंग की थी. इंडिया टुडे से बात करते हुए मयूर कहते हैं,
‘4 साल बाद आई वैकेंसी’मैने अपनी इंजिनियरिंग इलेक्ट्रिानिक्स एंड कम्यूनिकेशन में 2017 में पूरी की थी. मुझे कुछ जगहों पर नौकरी भी मिली, लेकिन सैलरी मेरे मुताबिक नहीं थी. और कुछ नौकरियां तो गुजरात के बाहर की थीं, जो मैं कर नहीं सकता था. चार साल की डिग्री में फीस भी लगी थी. फैमिली की आर्थिक स्थिति भी ठीक नही है. इस वजह से मुझे इस नौकरी के लिए आवेदन करना पड़ा है. गुजरात सरकार से मेरा निवेदन है कि इन पदों को जल्द भरा जाए.
इधक इन 3,437 पदों के लिए आए 17 लाख आवेदन पर विपक्षी दलों और छात्र संगठनों ने राज्य सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. छात्र नेता युवराज सिंह जडेजा इसे गुजरात का रियल मॉडल बताते हैं. इंडिया टुडे से बात करते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात के सबसे लो कैडर के पोस्ट के लिए इतनी बड़ी संख्या में आवेदन आए हैं. ये राज्य में बेरोजगारी की असल स्थिति को दिखाता है. उन्होंंने कहा,
सरकार का क्या कहना है?गुजरात में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है.युवाओं को नौकरी नही मिल रही है. 12वीं पास वाली पोस्ट के लिए इतने पढ़े-लिखे छात्र अप्लाई करने को मजबूर हैं. इससे पहले तलाटी मंत्री के पदों पर भर्ती के लिए 2018 में नोटिफिकेशन जारी हुआ था. तब 32 लाख अभ्यर्थियों ने अप्लाई किया था, लेकिन परीक्षा किसी वजह से स्थगित कर दी गई थी. अब 4 साल बाद वैकेंसी आई है.
पंचायत सचिव के 3,437 पदों पर इतनी बड़ी संख्या में आए आवेदन पर गुजरात सरकार में श्रम और रोजगार मंत्री बृजेश मेरजा की प्रतिक्रिया भी आई. इसके पीछे की वजह बताते हुए वे कहते हैं कि बहुत सारे ऐसे लोगों ने भी आवेदन किया है, जो कहीं नौकरी कर रहे हैं. इंडिया टुडे से बात करते हुए उन्होंने कहा,
इस बात में कोई सच्चाई नहीं है कि जिन अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं, वो सब बेरोजगार हैं. हमारी जानकारी के अनुसार जिन अभ्यर्थियों ने अप्लाई किया है, उनमें से बहुत से अभ्यर्थी कहीं न कहीं नौकरी कर रहे हैं. गुजरात सरकार ने हाल ही में 90 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती की है. भर्ती में आवेदकों की संख्या इसलिए ज्यादा है, क्योंकि गुजरात का युवा सरकारी नौकरी की तरफ ज्यादा आकर्षित है.
साल के आखिर में गुजरात में विधानसभा के चुनाव होने हैं. ऐसे में रोजगार, भर्ती परीक्षाओं में लेट-लतीफी, पेपर लीक और धांधली के मुद्दे खूब चर्चा में हैं. सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले युवाओं का कहना है कि 4 साल पहले स्थगित हुई तलाटी मंत्री की भर्ती लाकर सरकार डैमेज कंट्रोल करना चाहती है. हालांकि, इतनी बड़ी संख्या में आए आवेदन, सरकार के रोजगार पर किए दावों पर सवाल खड़े करते हैं.
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