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NEET पेपर लीक में सबसे बड़ा खेल तो WhatsApp पर ही हुआ, ATS ने क्या बताया?

जिस तरह से छात्र परीक्षा पास करना चाहते थे, उसके मुताबिक रकम तय की जाती थी. बताया गया कि इस गिरोह के वॉट्सऐप ग्रुप की चैट्स भी पुलिस के हाथ लगी हैं. कई छात्रों ने आरोपियों को लाखों रुपये एडवांस में भी दिए हैं.

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जांच में पता चला है कि ये गिरोह पहले भी कई परीक्षाओं में गड़बड़ी कर चुका है. (फोटो- PTI)

NEET पेपर लीक मामले में अलग-अलग राज्यों में जांच चल रही है. महाराष्ट्र एंटी टेररिज्म स्क्वाड (ATS) ने पेपर लीक मामले में नया खुलासा (ATS on NEET Paper Leak) किया है. ATS ने दावा किया है कि आरोपियों ने परीक्षा की घोषणा के बाद छात्रों को आकर्षित करने के लिए एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया था. इसी ग्रुप से पेपर लीक की जानकारी शेयर की जाती थी.

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महाराष्ट्र एंटी टेररिज्म स्क्वाड (ATS) ने खुलासा किया कि जब भी किसी परीक्षा की घोषणा होती है तो ये गिरोह प्रदेश के विभिन्न जिलों में वॉट्सऐप ग्रुप बनाता है. आजतक से जुड़े दिपेश त्रिपाठी की रिपोर्ट के मुताबिक वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर गिरोह छात्रों को नकल कराने और परीक्षा में पास कराने का वादा करता था. छात्रों को इस परीक्षा में चार चरणों में मदद करने का आश्वासन दिया गया था.

- पेपर लीक करना.
- डमी अभ्यर्थियों को पेपर के लिए भेजना.
- परीक्षा केंद्र तय करना.
- दिए गए पेपर को पिछले दरवाजे से स्वीकार करना, उसका सही उत्तर देना और उसे वापस सेंटर में रखना.

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रिपोर्ट के मुताबिक जिस तरह से छात्र परीक्षा पास करना चाहता थे, उसके मुताबिक रकम तय की जाती थी. बताया गया कि इस गिरोह के वॉट्सऐप ग्रुप की चैट्स भी पुलिस के हाथ लगी हैं. कई छात्रों ने आरोपियों को लाखों रुपये एडवांस में भी दिए हैं. जांच में पता चला कि राज्य के बाहर के बच्चों से भी पैसे लिए गए थे. एक छात्र से लाखों की रकम ऐंठी जा चुकी है. रिपोर्ट के मुताबिक जांच में पता चला है कि ये गिरोह पहले भी कई परीक्षाओं में गड़बड़ी कर चुका है. पुलिस भी उसी हिसाब से मामले में जांच कर रही है.

अब तक कुल 18 लोगों की गिरफ्तारी

NEET पेपर मामले में बिहार सरकार ने 22 जून को केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. जिसमें EOU ने कहा कि जांच में साफ तौर पर पेपर लीक का संकेत मिला है. जांच के दौरान आर्थिक अपराध इकाई (EOU) को जो जले हुए पेपर मिले थे, उनमें से 68 प्रश्न ओरिजिनल क्वेश्चन पेपर से मैच हुए हैं. इसी आधार पर EOU ने रिपोर्ट में पेपर लीक के संकेत वाली बात मेंशन की. जले मिले पेपर टुकड़ों का मूल पेपर से मिलान करने के लिए फॉरेंसिक लैब की मदद ली गई. ओरिजिनल पेपर से मैच हुए 68 प्रश्नों के अलावा जले हुए कागजों में इन प्रश्नों का सीरियल नंबर भी सेम निकला.

इंडियन एक्सप्रेस से जुड़ीं रितिका चोपड़ा की रिपोर्ट के मुताबिक, EOU ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जले हुए कागज उस घर से मिले थे जहां अरेस्ट किए हुए अभ्यर्थी ठहरे थे. उन कागजों में जो सेंटर कोड है वो ओएसिस स्कूल का है. NTA ने इस स्कूल को झारखंड के हजारीबाग में परीक्षा केंद्र के तौर पर नामित किया था. रिपोर्ट के मुताबिक, जले हुए कागज संदिग्ध उम्मीदवारों की गिरफ्तारी के साथ 5 मई को ही बरामद कर लिए गए थे. हालांकि, NTA के सहयोग की कमी के चलते पेपर मिलाने में देरी हुई.

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खबर है कि EOU की इस रिपोर्ट के आधार पर ही शिक्षा मंत्रालय ने मामले की जांच CBI को सौंपी है. बता दें, 23 जून को EOU ने मामले में शामिल पांच और संदिग्ध लोगों को अरेस्ट किया है. इस तरह अब तक कुल 18 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. फिलहाल बिहार EOU पेपर लीक होने के समय और जगह की पहचान करने की कोशिश कर रही है.

वीडियो: जले पेपरों से मैच हुए 68 प्रश्न, सीरीयल नंबर भी सेम! NEET पर EOU रिपोर्ट में क्या-क्या निकला?

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