भारत के बहुत से अमीर लोग अब दुबई में प्रापर्टी खरीदने के लिए क्रिप्टोकरेंसी के जरिए पेमेंट कर रहे हैं. दुबई की ज्यादातर बड़ी रियल एस्टेट कंपनियां अपनी डील फाइनल करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी के जरिए पेमेंट स्वीकार भी कर रही हैं. दुबई में क्रिप्टो के जरिए लेनदेन वैध है. इकॉनमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, दुबई खुद को दुनिया की क्रिप्टो करेंसी की ''राजधानी'' बनाना चाहता है, इसलिए इस तरह के लेनदेन की छूट है. लेकिन अगर आप उस ऐसे देश के रहने वाले हैं, जहां क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी वैधता हासिल नहीं है और फिर भी आप क्रिप्टोकरेंसी से दुबई में प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, तो आप कानूनी पचड़े में पड़ सकते हैं.
देश में बैन है तो दुबई में क्रिप्टो से प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं भारत के अमीर, जल्दी नपेंगे
दुबई की ज्यादातर बड़ी रियल एस्टेट कंपनियां अपनी डील फाइनल करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी के जरिए पेमेंट स्वीकार भी कर रही हैं.

इस तरीके से प्रॉपर्टी खरीदने वाले लोगों को शायद इस बात का जरा भी इल्म नहीं होगा कि उनका पासपोर्ट, उनके परिवार के लोगों की जानकारी या जिनके नाम पर प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री हुई है, उन सब चीजों की जानकारी भारत के आयकर विभाग के अधिकारियों और प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भेजी जा रही है. आपको बता दें कि भारत में क्रिप्टोंकरेसी के लेनदेन पर प्रतिबंध हैं और भारत सरकार ने क्रिप्टो से कमाई पर 30 फीसदी से ज्यादा टैक्स लगा रखा है. ऐसे में कई अमीर लोग क्रिप्टो में लगे अपने पैसे को दुबई और दूसरे देशों में भेज चुके हैं.
FEMA के तहत हो सकता है एक्शनइस तरीके से बहुत से भारतीय अमीर लोग अनजाने में भी टैक्स की चोरी में पकड़े जा सकते हैं. इन अमीरों पर फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट यानी FEMA के तहत कार्रवाई हो सकती है. दूसरी बात कि अगर आप विदेश में प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, तो आपको रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमों के मुताबिक बैंकिग चैनल के जरिए ही पैसे ट्रांसफर करने की जरूरत है. वैसे भी अगर आप भारत के नागरिक हैं और और विदेश में प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो आपको अपने सालाना इनकम टैक्स रिटर्न में इस बात की जानकारी देनी जरूरी है. अगर आप इस बात की जानकारी नहीं देते और इस रकम पर टैक्स नहीं चुकाते तो यह टैक्स चोरी का सीधा सीधा मामला बनता है यानी ब्लैकमनी से जुड़े नियमों का उल्लंघन का मामला बनता है.
दुबई के चार्टर्ड एकाउंटेंट करण बत्रा ने इकॉनमिक टाइम्स से कहा कि बहुत से भारतीय सेकंड होम या अतिरिक्त आय के लालच में दुबई प्रापर्टी में निवेश करते हैं. उन्हें अच्छे टैक्स सलाहकार से मशविरा करने के बाद ही दुबई की प्रापर्टी में निवेश करना चाहिए. आपको ऐसा टैक्स सलाहकार चुनना चाहिए जो दोनों देशों के नियम कानून कायदों को अच्छी तरह से समझता हो.
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