एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइेशन (EPFO) के सदस्य EPF स्कीम, दूसरी पेंशन स्कीम के अलावा एंप्लॉयीज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (EDLI) के भी हकदार होते हैं. ज्यादातर लोगों को पीएफ और पेंशन फंड की जानकारी होती है क्योंकि हर महीने सैलरी से इसका पैसा जो कटता है. मगर तीसरी स्कीम ज्यादा काम की है. वो इसलिए क्योंकि इस स्कीम के तहत एक्टिव पीएफ खाताधारक को बीमा कवर का फायदा मिलता है वो भी मुफ्त में. आइए इस स्कीम के बारे में और डिटेल से जानते हैंः
PF खाताधारक को बिना योगदान के मिलता है लाखों का कवर, इस स्कीम के बारे में नहीं पता होगा
EDLI स्कीम के बारे में सबकुछ जानें.

EPFO के पीएफ फंड में पैसा जमा करने वाले हर सदस्य को EDLI स्कीम का फायदा मिलता है. इस स्कीम के तहत पीएफ खाताधारक की असमय मौत होने पर नॉमिनी को 7 लाख रुपये दिए जाते हैं. ध्यान देने वाली बात ये है कि इंश्योरेंस स्कीम के लिए पीएफ खाताधारकों को कोई योगदान नहीं देना पड़ता. इस इंश्योरेंस के लिए सिर्फ आपकी कंपनी योगदान देती है.
आनंद राठी इंश्योरेंस ब्रोकर्स में एंप्लॉयी बेनेफिट्स प्रैक्टिस एंड इंटरनेशनल बिजनेस के डायरेक्टर अमजद खान ने इस बारे में बिजनेस टुडे से कहा,
“इस स्कीम को 1976 में शुरू किया गया था. एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड के अंतर्गत आने वाले सभी ऑर्गनाइजेशन के कर्मचारी अपने आप EDLI के लिए योग्य बन जाते हैं. इस स्कीम के जरिए EPFO कर्मचारी की अकाल या असमय मृत्यु होने पर उसके परिवार के सदस्यों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करता है.”
EPF में कर्मचारी और कंपनी दोनों योगदान देते हैं. मगर EDLI स्कीम के लिए योगदान सिर्फ कंपनी की तरफ से जाता है. कंपनी हर महीने EDLI के नाम पर कर्मचारी की बेसिक सैलरी+डीए का 0.5 फीसदी अलग खाते में जमा करती है. इस रकम की एक सीमा है. कंपनियां इस मद में एक महीने में 75 रुपये से ज्यादा जमा नहीं कर सकतीं. इस स्कीम के लिए योग्य होने की केवल एक शर्त है. कर्मचारी EPF का एक्टिव मेंबर हो और लगातार एक साल से ऊपर कार्यरत रहे हों.
EDLI का गुणाभाग: कर्मचारी ने पिछले 12 महीनों में जितनी सैलरी उठाई है उसके आधार पर मासिक औसत तनख्वाह निकाली जाती है. उसका 35 गुना रकम EDLI स्कीम के तहत जमा कर दी जाती है. अमजद ने बताया, मासिक औसत तनख्वाह 15,000 रुपये से अधिक नहीं हो सकती. इसका 35 गुना हुआ (15,000 रुपये X 35) सवा पांच लाख रुपये. यह रकम 7 लाख रुपये की तय बीमा कवर से 1.75 लाख रुपये से कम है. इस कमी की भरपाई करने के लिए कंपनी बोनस के तौर पर अलग से देती है.
अगर किसी सूरत में EPF खाताधारक की मौत हो जाती है तो नॉमिनी को कंपोजिट फॉर्म के जरिए पीएफ, पेंशन समेत EDLI बीमा का पैसा क्लेम करना चाहिए. इस काम के लिए मृतक का डेथ सर्टिफिकेट या सक्सेशन सर्टिफिकेट की जरूरत होगी. पेमेंट के लिए जिस बैंक खाते की जानकारी दी गई है उसके लिए एक कैंसिल्ड चेक भी चाहिए होगा.
दावे वाले फॉर्म पर कंपनी की ओर से साइन करवाना होगा. उसके बाद रीजनल EPF कमिश्नर के पास यह फॉर्म जमा कर दें. फॉर्म मिलने के 30 दिनों के अंदर EPF कमिश्नर को क्लेम का सेटलमेंट करना होगा. 30 दिनों के अंदर अगर दावा सेटल नहीं हुआ है तो सालाना 12 फीसदी के हिसाब से दावाकर्ता को कुल रकम पर ब्याज भी मिलेगा.