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शेयर और प्रॉपर्टी से हुई है कमाई तो ITR भरने का तरीका आसान भाषा में जान लीजिए

टैक्स रिटर्न भरने से पहले कुछ जरूरी चीजें अपने पास रख लें. जैसे कि- पैन कार्ड नंबर, पैन रजिस्टर्ड फोन नंबर, फॉर्म-16, किराये की रसीद, इनवेस्टमेंट रसीद, बीमा पॉलिसी के प्रीमियम की रसीद, बैंक स्टेटमेंट. अगर एक साल में एक से ज्यादा बार नौकरी बदली है तो सभी कंपनियों से फॉर्म 16 मंगा लें.

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इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2023 है. (तस्वीर साभारः Freepik & Businesstoday)

जुलाई इनकम टैक्स रिटर्न भरने का महीना है. 31 जुलाई, 2023 को ITR भरने की आखिरी तारीख है. कई लोग रिटर्न भर चुके होंगे और कई लोग भरने की तैयारी में होंगे. ज्यादातर लोग ITR भरने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद लेते हैं, जिसके लिए उन्हें फीस भी देनी पड़ती है. हालांकि, ऐसा नहीं है कि सीए के बिना आपका रिटर्न नहीं भरा जाएगा. टैक्सपेयर चाहे तो खुद से भी अपना रिटर्न भर सकता है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने भी अपनी वेबसाइट पर खुद से रिटर्न भरने के चरण बताए हुए हैं.

उसके मुताबिक टैक्स रिटर्न भरने से पहले आप अपने कुछ जरूरी चीजें जरूर रख लें. जैसे कि- पैन कार्ड नंबर, पैन रजिस्टर्ड फोन नंबर, फॉर्म-16. अगर किराये पर रहते हैं तो उसकी रसीद, इनवेस्टमेंट किया है तो उसकी रसीद. बीमा पॉलिसी के प्रीमियम की रसीद. बैंक स्टेटमेंट. अगर एक साल में एक से ज्यादा बार नौकरी बदली है तो सभी कंपनियों से फॉर्म 16 मंगा लें.

इसके बाद बारी आती है कि कौन सा ITR फॉर्म भरना है. अगर सैलरी के अलावा और किसी जरिए से कमाई नहीं होती है और कमाई 50 लाख रुपये से कम है तो आपको ITR-1 फॉर्म भरना होगा. अगर हाउस प्रॉपर्टी से कोई कमाई हुई है, या किसी तरह के वित्तीय इंस्ट्रूमेंट में निवेश करके फायदा कमाया है तो आपको ITR-2 भरना होगा. हममें से ज्यादातर लोग सैलरी के अलावा कहीं न कहीं इनवेस्ट करते ही हैं. इसलिए ITR-2 भरने की प्रक्रिया चरण के हिसाब से देखते हैंः 

स्टेप 1ः Incometax.gov.in पर जाकर अपने पैन या आधार कार्ड की मदद से लॉगिन करें.

स्टेप 2: लॉगिन करते ही ई-फाइल का विकल्प दिखेगा. 

स्टेप 3: उसे क्लिक करें और इनकम टैक्स रिटर्न का ऑप्शन चुनें.

स्टेप 4: इसके बाद आपको असेसमेंट ईयर चुनना होगा. जैसे 2022-23 का ITR भरना है तो असेसमेंट ईयर 2023-24 चुनना होगा.

स्टेप 4: उसके बाद ITR फॉर्म के टाइप का चुनाव करना होगा. आपके पास ITR-1, ITR-2, ITR-4, ITR-5, ITR-6, ITR-7 का ऑप्शन होगा. सिलेक्ट करने से पहले देख लें कि आपके लिए कौन सा ITR-फॉर्म सही है. 


स्टेप 5: इसके बाद आपको टैक्सपेयर कैटिगरी का चुनाव करना होगा.

स्टेप 6ः अब आपको बताना होगा कि आप ITR क्यों भर रहे हैं. सरकार एक तय रकम तक की कमाई को टैक्स के दायरे से बाहर रखती है. अगर आपकी कमाई इससे ज्यादा हो रही है तो आपको Taxable income is more than basic exemption limit का ऑप्शन चुनना होगा.

स्टेप 7: अगले पेज पर आपको 5 अलग तरह के शेड्यूल दिखेंगे. जनरल, इनकम, डिडक्शन, टैक्स, अदर्स. कुछ जरूरी शेड्यूल पहले से चुने हुए आएंगे और बाकी जो आपको सटीक लगे उन्हें भी चुन सकते हैं. जैसे- अगर सैलरी से कमाई हुई है तो 'शेड्यूल S' को चुनें. अगर क्रिप्टो से कमाई हुई है तो ‘शेड्यूल VDA’ पर टिक लगा दें. अगर शेयर या म्यूचुअल फंड से कमाई हुई है तो ‘शेड्यूल कैपिटल गेन्स’ पर टिक लगा दें.


स्टेप 8: आगे बढ़ने पर नए और पुराने टैक्स रेजीम का विकल्प दिखेगा. फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत में आपने जो रेजीम चुना है वही चुन लें. टैक्स रेजीम यानी आपसे किस हिसाब से टैक्स वसूला जाएगा. पुराने टैक्स रेजीम में सरकार ने टैक्सपेयर को अलग-अलग जरियों से टैक्स छूट और कटौती का फायदा दिया है. जबकि, नए टैक्स रेजीम में सभी तरह की छूट खत्म कर दी गई है और टैक्स की दर घटा दी गई है.

स्टेप 9: अगला चरण है एक्जेम्पशन चुनने का. आयकर विभाग टैक्सपेयर्स को अलग-अलग प्रावधानों में छूट देता है. इन्हें ही एक्जेम्पशन कहते हैं. शेड्यूल चुनने वाले स्टेप में जिन एक्जेम्पशन का चुनाव किया है, अब उसकी डिटेल भरने का ऑप्शन आएगा. जैसे कि लीव ट्रैवल अलाउंस, HRA, चाइल्ड एजुकेशन अलाउंस वगैरह. सभी एक्जेम्पशन के तहत जितनी छूट बन रही हो उसे आगे दिए बक्से में भर दें.

स्टेप 10: सरकार कुछ एक्जेम्प्शन के अलावा कुछ डिडक्शन भी देती है. जैसे कि सेक्शन 80सी के तहत टैक्सपेयर्स को टैक्स में डेढ़ लाख तक की छूट मिलती है. 80सी में पीपीएफ, एलआईसी, ईपीएफ या टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड के तहत जमा रकम आती है. 80D के तहत 50,000 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है. 80E के तहत एजुकेशन लोन लेने वालों को 22,000 रुपये तक का डिडक्शन मिलता है. जिस-जिस डिडक्शन के लिए आप योग्य हों उन सभी के लिए अप्लाई कर दें. कुल मिलाकर सलाह यही रहेगी कि ITR भरने से पहले सभी तरह के एग्जेम्पशन और डिडक्शन के बारे में अच्छे तरीके से पढ़ लें.

स्टेप 11ः डिडक्शन की डिटेल भरते हुए आगे बढ़ने के बाद अगले पेज पर आपके पास सभी शेड्यूल की समरी आएगी. इसके स्टेप के पहले एग्जेम्पशन या डिडक्शन के लिए आपने जो भी जानकारी भरी है उसी के आधार पर यह समरी तैयार होती है. इस समरी में आयकर कानून के जिस प्रावधान के तहत छूट या कटौती का फायदा लिया है उसका लेखा जोखा होता है. यह ऑटो जेनरेटेड होती है. इसलिए हर शेड्यूल पर आपको क्लिक करके सारी जानकारी डबल चेक करनी होगी और उसे कन्फर्म करना होगा. सभी पर क्लिक करके मैच कर लें कि इसमें भरी हुई रकम सही है या नहीं. अगर जानकारी गलत है तो इसे एडिट कर सकते हैं.

स्टेप 12ः सभी शेड्यूल में भरी जानकारी को अच्छे से चेक कर लें. सैलरी शेड्यूल में सभी एंप्लॉयर से मिली सैलरी की जानकारी होगी. सैलरी शेड्यूल में सभी एंप्लॉयर ने जिस स्ट्रक्चर में सैलरी ऑफर की थी उसी हिसाब से इनकम की डिटेल भर दें. जैसे कि लीव ट्रैवल अलाउंस, फूड वाउचर, गिफ्ट वाउचर, ट्रैवल अलाउंस वगैरह.

कैपिटल गेन्स शेड्यूल के तहत किसी भी असेट को बेचने से हुई कमाई की जानकारी आती है. इसका भी मिलान कर लें कि कमाई का कैलकुलेशन सही है या नहीं. इस शेड्यूल में आपको शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टिक लगाना होगा. अगर किसी असेट को शॉर्ट टर्म के लिए रख कर बेचा है तो STCG पर टिक लगाना होगा. अगर लंबे समय के लिए रखा है तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टिक लगाना होगा. इसके अलावा डिबेंचर से लेकर बॉन्ड, प्रॉपर्टी में भी कोई लेनदेन किया है तो उससे हुई कमाई का ब्योरा देना होगा.

स्टेप 13ः इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज वाले शेड्यूल में डिविडेंड या बैंक में सेविंग्स पर मिले ब्याज की कमाई को बताना होगा. सभी शेड्यूल को भरने के बाद आखिर के तीन-चार शेड्यूयल आपकी टैक्स देनदारी के लिहाज से बेहद जरूरी होंगे. शेड्यूल AMT- इसमें न्यूनतम टैक्स देनदारी का ब्योरा होगा. इसके बाद आता है शेड्यूल AMTC- इसमें टैक्स क्रेडिट का ब्योरा होगा. इसके बाद आता है शेड्यूल टोटल इनकम- इसमें आपकी तरफ से दी गई जानकारी के हिसाब से आपकी कुल कमाई की जानकारी होगी. इसे कन्फर्म करने से पहले देख लें कि इनकम में कोई गड़बड़ी तो नहीं दिख रही. अगर गलत आंकड़े को कन्फर्म कर दिया तो टैक्स का कैलकुलेशन भी गलत ही होगा. 

स्टेप 14ः ये सेक्शन पूरा करके आगे बढ़ने के बाद रिटर्न प्रीव्यू करने और सबमिट करने का ऑप्शन आएगा. इसमें जो भी जानकारी भरनी है उसे भरकर प्रीव्यू बटन क्लिक कर दें. प्रीव्यू में सारी जानकारी डबल चेक करने के बाद सबमिट ITR पर क्लिक कर दें. 
 

 

स्टेप 15ः इनकम टैक्स रिटर्न जमा होते ही आपके मेल और फोन पर मैसेज आएगा. ITR भरने के 30 दिनों के अंदर उसे वेरिफाई भी कराना होता है, वरना माना जाएगा कि आपका ITR नहीं भरा गया है. ITR वेरिफाई कराने के लिए आपको फिर से आयकर विभाग के ईपोर्टल पर जाना होगा. वहां होमपेज पर ही ई-वेरिफाई का ऑप्शन दिख जाएगा. पैन या आधार कार्ड के जरिए आप ITR वेरिफाई करा सकते हैं.

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