केंद्र सरकार ने खाने के तेल से जुड़ी कंपनियों से बुधवार 6 जुलाई को कुकिंग ऑयल के दाम में कमी करने का निर्देश दिया है. सरकार ने तेल प्रोसेसिंग कंपनियों और खाद्य तेल का आयात करने वाले फर्मों को हफ्तेभर के भीतर खाने के तेल के अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) में 10 रुपये प्रति लीटर दाम की कटौती के लिए कहा है. साथ ही कहा है कि एक ही ब्रांड के तेल की कीमतें पूरे देश भर में एक रेट पर बेचे जायें. भारत अपनी जरूरत का 60 फीसदी खाने का तेल दुनिया के अलग-अलग देशों से करता है. वैश्विक स्तर पर खाने वाले तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है. इसलिए सरकार चाहती है कि कीमतों में गिरावट का फायदा आम लोगों को भी मिलना चाहिए. आपको बता दें कि पिछले महीने भी खाने वाले तेल के दामों में 10-15 रुपये प्रति लीटर तक तेल के दामों में कटौती की गई थी.
अब खाने का तेल सस्ता होने वाला है!
सरकार ने तेल प्रोसेसिंग कंपनियों और खाद्य तेल का आयात करने वाले फर्मों को हफ्तेभर के भीतर खाने के तेल के अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) में 10 रुपये प्रति लीटर दाम की कटौती के लिए कहा है

सरकार ने बुधवार को देश के प्रमुख खाद्य तेल संगठनों और निर्माताओं की एक बैठक बुलाई थी. इस बैठक में मौजूदा मूल्यों और वैश्विक कीमतों में कमी जैसे मुद्दों पर बात की गई. इसमें तेल के दाम में कमी करने का फैसला लिया गया. इस निर्णय के बाद से अगले हफ्ते से सभी तेल आयातकों ने सरकार से वादा किया है वह खाने के तेल पाम आयल, सोयाबीन और सूरजमुखी के एमआरपी में 10 रुपये की कमी करेंगे. साथ ही तेल आयातकों ने यह भी कहा है कि एक बार इस तीन खाद तेल की कीमतों में कमी हो जाये तो अन्य खाना बनाने वाले तेलों में कमी की जाएगी. इसके अलावा सरकार ने तेल आयात करने वाले व्यापारियों और कंपनियों से यह भी कहा है कि समान ब्रांड के तेल की एमआरपी समान होनी चाहिए. क्योंकि अभी यह देखने को मिलता है कि एक ब्रांड के ही खाने के तेलों में 3 से 5 रुपये का अंतर देखने को मिलता है.
इस बैठक का तीसरा प्रमुख मुद्दा खाने वाले तेल के वजन को लेकर ग्राहकों की बढ़ती शिकायतों को लेकर था. प्रमुख शिकायत इस बात को लेकर थी कि कंपनियां पैक पर लिखती हैं कि यह 15 डिग्री सेल्सियस पर पैक किया गया है और वजन 910 ग्राम है. आपको बता दें कि यहां पर दिक्कत यह है कि यदि तेल को 15 डिग्री सेल्सियस तापमान पर तेल को पैक किया जाता है तो तेल फैलता है और उसका वजन कम हो जाता है. मतलब तेल 910 की जगह 900 ग्राम ही ठहरता है. जबकि पैक पर 910 ग्राम लिखकर बेचा जा रहा है जो कि व्यापार करने का सही तरीका नहीं माना जा सकता है. इस पर सरकार ने कहा कि तेल कंपनियों को 30 डिग्री सेल्सियस पर तेल को पैक करना चाहिए जिससे सही वजन का तेल ग्राहकों को मिल सके.
वीडियो: केन्द्र ने टैक्स घटाया लेकिन फिर भी क्यों नहीं घट रहे खाने के तेल के दाम?