मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने ब्रोकरेज फर्म ग्लोब कैपिटल मार्केट के खिलाफ FIR दर्ज की है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी पर आरोप है कि उसने अपने ग्राहकों के साथ ट्रेडिंग में हेरफेर किया. साथ ही अकाउंट स्टेटमेंट्स में फर्जीवाड़ा किया. इस वजह से एक बुजुर्ग दंपती को 35 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है.
ट्रेडिंग के नाम पर मुंबई के बुजुर्ग से 35 करोड़ रुपये का खेल, इस कंपनी पर गंभीर आरोप
मामले में दर्ज FIR के मुताबिक जुलाई 2024 में शाह को ग्लोब कैपिटल कंपनी के रिस्क मैनेजमेंट डिपार्टमेंट से कॉल आया. बताया गया कि उन्हें कंपनी को 35 करोड़ रुपये देने हैं. बुजुर्ग दंपती से कहा गया कि उनके और उनकी पत्नी के डीमैट अकाउंट में यह राशि नेगेटिव बैलेंस में दिख रही है और अगर पैसा नहीं दिया गया तो उनके शेयर बेच दिए जाएंगे.
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आर्थिक अपराध शाखा से जुड़े अधिकारियों ने CNBC-TV18 को बताया है कि इस कंपनी पर लगातार एक ही पार्टी के साथ सर्कुलर ट्रेडिंग करने का आरोप है. इस वजह से दंपती को काफी नुकसान हुआ. सर्कुलर ट्रेडिंग का मतलब है एक ही स्टॉक या सिक्योरिटी को बार-बार एक पार्टी/पार्टियों के बीच खरीदना और बेचना. ताकि देखने पर लगे कि शेयर का भाव बढ़ा या घटा है. साथ ही मार्केट में फर्जी वॉल्यूम/ट्रेडिंग एक्टिविटी दिखाई दे.
CNBC-TV18 की रिपोर्ट के मुताबिक मटुंगा के रहने वाले 72 साल के भरतभाई शाह और उनकी पत्नी को साल 1984 में अपने पिता से बड़ी तादाद में शेयर मिले थे. इस दंपती को शेयर बाजार की समझ नहीं थी. इसलिए उन्होंने कभी न तो ये शेयर बेचे और न नए खरीदे. लेकिन साल 2020 में एक दोस्त की सलाह पर उन्होंने ग्लोब कैपिटल में अपने डीमैट और ट्रेडिंग खाते खुलवा लिए. शेयर बाजार में निवेश करने के लिए डीमैट खाता जरूरी होता है.
भरत शाह ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि कंपनी के रिलेशनशिप मैनेजर अक्षय बारिया और किरण सिरोया अक्सर उन्हें फोन करके ट्रेडिंग के बारे में जानकारी देते थे. बाद में दिन में कंपनी के दूसरे कर्मचारी भी उनसे संपर्क करते और शेयरों की ट्रेडिंग ऑर्डर देने के लिए कहते थे. पीड़ित ने अपनी शिकायत में ये भी बताया कि उन्होंने अक्षय बारिया और किरण सिरोया के साथ स्टॉक एक्सचेंज से आने वाले सभी ईमेल, मैसेज और यहां तक कि ओटीपी तक साझा किए.
मामले में दर्ज FIR के मुताबिक जुलाई 2024 में शाह को ग्लोब कैपिटल कंपनी के रिस्क मैनेजमेंट डिपार्टमेंट से कॉल आया. बताया गया कि उन्हें कंपनी को 35 करोड़ रुपये देने हैं. बुजुर्ग दंपती से कहा गया कि उनके और उनकी पत्नी के डीमैट अकाउंट में यह राशि नेगेटिव बैलेंस में दिख रही है और अगर पैसा नहीं दिया गया तो उनके शेयर बेच दिए जाएंगे.
डर के चलते दंपती ने अपने शेयर बेच दिए और 35 करोड़ रुपये कंपनी को चुका दिए. बाद में, उन्होंने अपने अकाउंट का ऑडिट करवाया और इस दौरान पता चला कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने ग्लोब कैपिटल को उनके अकाउंट को लेकर कई नोटिस भेजे थे. हैरानी की बात ये है कि इन नोटिस के बारे में इस दंपती को कोई जानकारी नहीं थी. ऑडिट के दौरान यह भी सामने आया कि उनके अकाउंट के जरिये बड़े फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेड किए गए थे. शिकायत में यह भी बताया गया है कि कंपनी ने कई साल तक फर्जी लेनदेन के स्टेटमेंट भेजे. इनमें नकली मुनाफा दिखाया गया.
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