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अनिल अंबानी के खिलाफ CBI ने दाखिल की चार्जशीट, 2,796 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड का आरोप

Anil Ambani 2,796 Crore Fraud Case: CBI ने अनिल अंबानी, उनकी होल्डिंग वाली कंपनी और यस बैंक के पूर्व CEO राणा कपूर पर कई गंभीर आरोप लगाए है. आइये सिलसिलेवार ढंग से समझते हैं पूरा मामला.

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लंबे वक्त से मुश्किलोें में फंसे हुए हैं अनिल अंबानी. (फोटो- इंडिया टुडे)

अनिल अंबानी की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. CBI ने 2,796 करोड़ रुपये के फ्रॉड केस में उनके और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. यह चार्जशीट गुरुवार 18 सितंबर को मुंबई की एक अदालत में दाखिल की गई है. इसमें जांच एजेंसी ने अनिल अंबानी, उनकी होल्डिंग वाली कंपनी और यस बैंक के पूर्व CEO राणा कपूर पर कई गंभीर आरोप लगाए है. चलिए सिलसिलेवार ढंग से समझते हैं पूरा मामला.

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चार्जशीट में इन लोगों के नाम

पूरा मामला जानने से पहले यह समझ लेते हैं कि आखिर CBI की चार्जशीट में किसका-किसका नाम है और उनका इस केस से क्या संबंध है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक CBI की चार्जशीट में इन लोगों के नाम हैं-

1. अनिल अंबानी 

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2. रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL)- ये दोनों अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल लिमिटेड की होल्डिंग कंपनी हैं.

3. यस बैंक के पूर्व एमडी और सीईओ राणा कपूर, उनकी पत्नी बिंदु कपूर, बेटियां राधा और रोशनी 

4. कपूर परिवार की कंपनियां: RAB Enterprises, Imagine Estate, Bliss House, Imagine Habitat, Imagine Residence

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5. मॉर्गन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड, इस कंपनी के तार भी राणा कपूर के परिवार से जुड़ते हैं.

CBI ने बताया कैसे हुआ घोटाला?

पूरा मामला साल 2017 का है. CBI ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया कि राणा कपूर और अनिल अंबानी ने आपस में मिलकर एक साजिश रची. दोनों के बीच डील हुई कि राणा कपूर यस बैंक का पैसा अनिल अंबानी ग्रुप की डूबती कंपनियों में लगाएंगे, जो हुआ भी. इसके बदले में अंबानी ग्रुप की कंपनियों ने राणा कपूर की पत्नी बिंदु कपूर और बेटियों राधा व रोशनी कपूर की कंपनियों को सस्ते लोन और निवेश की सुविधा दी.

CBI ने कहा कि जांच से पता चला है कि यस बैंक ने राणा कपूर की मंजूरी पर 2017 में RCFL में लगभग 2,045 करोड़ रुपये और RHFL में 2,965 करोड़ रुपये का निवेश किया. कुल रकम 5 हजार करोड़ की हुई.

दिलचस्प बात यह है उस समय CARE Ratings ने अंबानी समूह की कंपनियों की स्थिति को कमजोर बताते हुए उन्हें अंडर वॉच रखा था. लेकिन यस बैंक ने इसे इग्नोर करते हुए इन कंपनियों में निवेश किया. जांच में सामने आया कि यस बैंक से लगाए गए ये पैसे कई स्तरों पर घुमा-फिराकर निकाल लिए गए और अन्य कामों में इनका इस्तेमाल किया गया.

CBI ने कहा कि अनिल अंबानी ने अपने संबंधों का फायदा उठाया और राणा कपूर के परिवार की कंपनियों को बड़े पैमाने पर वित्तीय सुविधाएं दीं. इसके तहत अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले ग्रुप की कंपनियों- RCFL और RHFL ने राणा कपूर के परिवार की कंपनियों को सस्ती दरों पर कर्ज दिया. इस पूरे घालमेल की वजह से यस बैंक को 2,796 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. जबकि इससे अनिल अंबानी के ग्रुप और राणा कपूर और उनके परिवार की कंपनियों को फायदा हुआ.

हाई रिस्क बॉन्ड

इसके अलावा रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड्स ने 2017-18 के दौरान मॉर्गन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक और कंपनी में करीब 1,160 करोड़ रुपये का निवेश किया. मॉर्गन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड भी राणा कपूर के परिवार की ही कंपनी है. 

इसके साथ ही रिलायंस निप्पॉन ने यस बैंक द्वारा जारी किए गए 249.80 करोड़ रुपये के ADA Group डिबेंचर्स भी खरीदे. इतना ही नहीं रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड्स ने यस बैंक के 1,750 करोड़ रुपये के AT1 बॉन्ड में भी निवेश किया. बता दें कि AT1 हाई रिस्क वाले बॉन्ड होते हैं. पिछले कुछ समय से CBI इस मामले की जांच भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी की गंभीर धाराओं के तहत कर रही है.

वीडियो: खर्चा-पानी: ED ने रिलायंस अनिल अंबानी ग्रुप पर क्या कार्रवाई की है?

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