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क्या अडानी कांड से LIC में लगा आपका पैसा डूब जाएगा?

जानिए कि आपका पैसा कितना सुरक्षित है?

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एलआईसी की सांकेतिक तस्वीर (फोटो- पीटीआई)

पिछले कुछ दिनों से अडानी ग्रुप के शेयरों (Adani group share) की कीमत गिरने से कोहराम मचा हुआ है. गौतम अडानी को नुकसान हो रहा है. ये मोटा माटी सबको समझ आ गया है. लेकिन एक चर्चा और है. सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम यानी LIC की. LIC अडानी ग्रुप की कंपनियों में सबसे बड़ा घरेलू निवेशक है. चूंकि शेयर में निवेश कर रखा है तो LIC को भी बुरा झटका लगा है. शेयरों के दाम लगातार घट रहे हैं. विपक्षी दल भी लगातार इस मुद्दे पर सरकार से जांच की मांग कर रही है. संसद में चर्चा कराना चाह रही है. कांग्रेस समेत विपक्षी दलों का कहना है कि LIC में करोड़ों भारतीयों के पैसे लगे हैं. कांग्रेस ने कहा कि LIC द्वारा अडानी समूह में निवेश के कारण देश के आम लोगों का पैसा डूब रहा है.

क्या आपका पैसा सुरक्षित है?

ऐसे में लोगों को भी अपने पैसे की चिंता होने लगी क्योंकि उन्होंने LIC की पॉलिसी ले रखी है. चिंता जाहिर है. मेरे साथ काम करने वाले एक साथी को भी ऐसी चिंता हुई. मेरे, आपके घरों में भविष्य में कुछ बचत के लिए लोग LIC पर भरोसा जताते हैं. क्या इस अडानी प्रकरण से LIC में लगाए गए लोगों के पैसे भी डूब जाएंगे? पूरा समझाते हैं.

इन दुविधाओं का एक सीधा जवाब 'नहीं' है. इसे विस्तार से समझने के लिए हमने बात की वित्तीय मामलों के जानकार शरद कोहली से. उनके मुताबिक इस पूरी घटनाक्रम का LIC पॉलिसी से कोई लेना-देना नहीं है. अगर शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव से कंपनियां डूबने लगी तो रोज हजारों कंपनियां डूब जाएंगी. कोहली बताते हैं, 

"मुनाफा या घाटा तब होता है जब आप उस शेयर को बेचेंगे. अगर आपने एक लाख रुपये के शेयर लेकर रखे हैं, कल उसकी वैल्यू 2 लाख रुपये हो गई. तो जब तक आप उसे बेचे नहीं आपको सही मायने में मुनाफा नहीं हुआ. इसे नोशनल मुनाफा या नुकसान कहते हैं. इसे असल घाटा या लाभ नहीं मानना चाहिए. इसी तरह LIC को कोई घाटा नहीं हुआ है, क्योंकि LIC ने शेयर अभी बेचे नहीं हैं. जब बेचेंगे तब घाटा होगा. आज अगर मार्केट ऊपर जाता है तो शेयरों की कीमत बढ़ जाएगी. अमीर लोगों की संपत्ति रोज हजारों करोड़ ऊपर नीचे होती है."

शरद कोहली के मुताबिक, पैसा डूबने का नैरेटिव चलाने से लोग घबराएंगे. बीमा कंपनी को हम जो प्रीमियम देते हैं, वो प्रीमियम इकट्ठा कर कंपनियां मार्केट में लगाती है ताकि लोगों को मुनाफा दे सके. कंपनियां जो क्लेम वापस करती है उसे आप कंपनी का खर्च या आउटफ्लो बोल सकते हैं. बीमा कंपनियों का एल्गोरिदम ऐसा है कि क्लेम लौटाने की रफ्तार कम होती है. बीमा इंश्योरेंस कंपनी इसलिए चाहती भी है कि लोगों की उम्र लंबी हो. पॉलिसी लंबी हो. उस प्रीमियम को कंपनियां बॉन्ड्स, ट्रेजेरी बिल्स, कॉरपोरेट बॉन्ड्स, इक्विटी (शेयर) और अलग-अलग चीजों में निवेश करती है.

LIC ने अलग-अलग कंपनियों के शेयर में 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश कर रखा है. LIC का निवेश 36 कंपनियों के शेयर में है. इसमें अगर अडानी में निवेश को देखें तो यह काफी कम है. कोहली बताते हैं कि पॉलिसी होल्डर को जीरो फीसदी चिंता करने की भी जरूरत नहीं है.

अडानी ग्रुप में निवेश एक फीसदी से कम

LIC ने 30 जनवरी को एक बयान जारी किया था. बयान के मुताबिक, 30 सितंबर 2022 तक LIC का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 41 लाख 66 हजार करोड़ रुपये था. अब ये AUM क्या है? इंश्योरेंस कंपनी लोगों का जितना पैसा मार्केट में मैनेज करती है, उसके कुल बाजार मूल्य को AUM कहते हैं. इस हिसाब से अब LIC का अडानी ग्रुप की कंपनियों में निवेश देखें तो यह एक फीसदी से भी कम है. LIC ने अडानी ग्रुप की कंपनियों में 36,474 करोड़ का निवेश कर रखा है. ये उसके कुल AUM का 0.97 फीसदी है.

अडानी ग्रुप का कुल कर्ज 2 लाख करोड़ रुपये का है. इनमें से भारतीय बैंकों से ग्रुप ने करीब 80 हजार करोड़ का कर्ज लिया है. इनमें SBI का कर्ज 27 हजार करोड़ है. RBI ने देश की सभी बैंकों को निर्देश जारी कर कहा कि अडानी ग्रुप को कब और कितना कर्ज दिया गया इसकी लेखा-जोखा दिया जाए.

हालांकि इस हंगामे के बाद भारत सरकार की ओर से भी पहली बार प्रतिक्रिया आई है. वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने NDTV से बातचीत में कहा कि इससे LIC या SBI के पॉलिसी होल्डर, निवेशकों को कोई नुकसान नहीं होने वाला है. क्योंकि इन सरकारी संस्थानों का निवेश उन कंपनियों (अडानी ग्रुप) में काफी कम है. सोमनाथन ने ये भी कहा कि LIC और SBI का किसी भी कंपनी में निवेश उस सीमा से काफी कम है, जिससे बैंक या इंश्योरेंस कंपनी को चिंता होनी चाहिए.

LIC की शेयर होल्डिंग लगातार बढ़ी

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, LIC ने पिछली 9 तिमाही में अडानी ग्रुप की 4 कंपनियों में लगातार शेयर होल्डिंग बढ़ाया था. इनमें से एक कंपनी में निवेश करीब 6 गुना बढ़ा था. सितंबर 2020 से दिसंबर 2022 के बीच अडानी एंटरप्राइजेज में LIC का स्टेक एक फीसदी से बढ़कर 4.23 हो गया. इसी तरह अडानी टोटल गैस में यह एक फीसदी से बढ़कर 5.96 फीसदी बढ़ा. बीमा क्षेत्र में LIC अडानी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करने वाली सबसे बड़ी कंपनी है. अगर अडानी ग्रुप में बीमा कंपनियों के कुल निवेश को देखें तो सिर्फ LIC की शेयरहोल्डिंग 98 फीसदी से ज्यादा है.

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