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अमित शाह के फेक वीडियो केस में गिरफ्तार हुआ रीतम सिंह कौन है?

असम पुलिस ने अमित शाह के फर्जी वीडियो मामले में कांग्रेस के एक पदाधिकारी को गिरफ्तार किया है.

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गृह मंत्री से जुड़े फर्जी वीडियो के मामले में रीतम सिंह नाम का एक व्यक्ति गिरफ्तार. (फोटो: PTI और X)
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श्रेया चटर्जी
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29 अप्रैल 2024 (Updated: 29 अप्रैल 2024, 22:54 IST)
Updated: 29 अप्रैल 2024 22:54 IST
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गृह मंत्री अमित शाह के एडिटेड वीडियो वाले केस में तेलंगाना के CM रेवंत रेड्डी को समन जारी किए जाने के अलावा एक गिरफ्तारी भी हुई है. ये गिरफ्तारी असम में हुई है. पुलिस ने असम कांग्रेस के एक पदाधिकारी को गिरफ्तार किया है. इंडिया टुडे के अरविंद ओझा और श्रेया चटर्जी की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में गुवाहाटी के एक पुलिस स्टेशन में 28 अप्रैल को FIR दर्ज की गई थी. असम पुलिस ने बताया कि इस मामले में 29 अप्रैल को रीतम सिंह नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया है. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी X पर इस गिरफ्तारी की जानकारी दी. 

CM हिमंता बिस्वा सरमा ने लिखा, 

“असम पुलिस ने माननीय गृह मंत्री से जुड़े फर्जी वीडियो के मामले में रीतम सिंह नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. ”

ये भी पढ़ें- अमित शाह के आरक्षण वाले फर्जी वीडियो पर ये मुख्यमंत्री तलब हो गए

असम कांग्रेस के वॉर रूम कोऑर्डिनेटर की गिरफ्तारी

रीतम सिंह ने X पर खुद को असम कांग्रेस का वॉर रूम कोऑर्डिनेटर, वकील और सोशल इंजीनियर बताया है. LinkedIn पर रीतम सिंह ने अपने एक्सपीरियंस में पिछले तीन महीने से असम में कांग्रेस का बैकग्राउंट ऑपरेशन मैनेज करने की बात लिखी है. इसमें डेटाबेस मैनेजमेंट, संचार और प्रचार शामिल है. 

LinkedIn पर डाले गए अपॉइंटमेंट लेटर के मुताबिक रीतम सिंह को 7 फरवरी, 2024 को असम प्रदेश कांग्रेस कमिटी वॉर रूम का स्टेट कोऑर्डिनेटर और डेस्क हेड बनाया गया.

रीतम सिंह ने खुद को मार्च 2020 से गुवाहाटी हाई कोर्ट में वकील भी बताया है.

LinkedIn प्रोफाइल के मुताबिक रीतम सिंह ने लगभग 2 साल तक आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए रिसर्च और RTI कोऑर्डिनेटर के तौर पर काम किया है.

LinkedIn पर दी गई जानकारी के मुताबिक रीतम सिंह ने AAP की असम यूनिट के लिए रिसर्च, डेटा एनालिसिस, राजनीतिक रणनीति और कानूनी मामलों पर काम किया. इसके अलावा रीतम सिंह ने नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) से भी जुड़े रहने की बात लिखी है.

आरोपी पर साइबर आतंकवाद की धारा लगाई गई

न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक असम पुलिस के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी प्रणबज्योति गोस्वामी ने रीतम सिंह की गिरफ्तारी के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि इस मामले में IPC की धारा 153A (विभिन्न समूहों के बीच द्वेष को बढ़ावा देना), 171G (चुनाव के संबंध में झूठा बयान) और 505(1)(b) (जनता में डर या घबराहट पैदा करना जिससे कोई व्यक्ति राज्य या सार्वजनिक शांति के खिलाफ अपराध करने के लिए प्रेरित हो) के तहत केस दर्ज किया गया है.

उन्होंने बताया कि आरोपी रीतम सिंह के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66F (साइबर आतंकवाद) भी लगाई गई है. पुलिस के मुताबिक रीतम सिंह के पास से दो मोबाइल और एक लैपटॉप जब्त किया गया है. इस मामले में आगे की जांच जारी है.

उधर असम कांग्रेस ने इस गिरफ्तारी की निंदा की है. प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष बेदाब्रत बोरा ने कहा कि रीतम सिंह को गिरफ्तार करना 'लोकतंत्र के खिलाफ' है. उन्होंने कहा कि रीतम सिंह को इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि उन्होंने सरकारी कार्यों की आलोचना की थी.

वीडियो: 'हम आरक्षण के समर्थक हैं', राहुल के आरोपों पर अमित शाह और मोहन भागवत का जवाब

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